शब्द का अर्थ
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उढ़ :
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पुं० दे० ‘बिजूखा’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़कन :
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पुं० [हिं० उढ़कना] १. वह चीज जो किसी दूसरी चीज को गिरने या लुढ़कने से रोकने के लिए उसके साथ लगाई जाय। टेक। २. ऐसी चीज जो रास्ते में पड़कर ठोकर लगाती हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़कना :
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अ० [देश] १. पीठ की तरफ टेक या सहारा लगाकर बैठना। २. मार्ग में चलते समय ठोकर खाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़काना :
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स० [हिं० उढ़कना] किसी वस्तु को किसी दूसरी वस्तु के सहारे खड़ा करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़रना :
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अ० [सं० ऊढ़ा (=विवाहित) से] विवाहिता स्त्री का पर-पुरुष के साथ भागना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़री :
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स्त्री० [हिं० उढ़रना] भगाकर लाई हुई स्त्री। रखेली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ाना :
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स० दे० ‘ओढ़ाना’। स=ओढ़ना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ारना :
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स० [अ० उढ़रना का स० रूप] दूसरे की स्त्री को निकाल या भगा लाना। स० [सं० उद्धारण] उद्धार करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ावनी :
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ओढ़नी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ुकना :
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अ०=उढ़कना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ौनी :
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स्त्री०=ओढ़नी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ :
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पुं० दे० ‘बिजूखा’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़कन :
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पुं० [हिं० उढ़कना] १. वह चीज जो किसी दूसरी चीज को गिरने या लुढ़कने से रोकने के लिए उसके साथ लगाई जाय। टेक। २. ऐसी चीज जो रास्ते में पड़कर ठोकर लगाती हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़कना :
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अ० [देश] १. पीठ की तरफ टेक या सहारा लगाकर बैठना। २. मार्ग में चलते समय ठोकर खाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़काना :
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स० [हिं० उढ़कना] किसी वस्तु को किसी दूसरी वस्तु के सहारे खड़ा करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़रना :
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अ० [सं० ऊढ़ा (=विवाहित) से] विवाहिता स्त्री का पर-पुरुष के साथ भागना। |
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समानार्थी शब्द-
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उढ़री :
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स्त्री० [हिं० उढ़रना] भगाकर लाई हुई स्त्री। रखेली। |
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समानार्थी शब्द-
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उढ़ाना :
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स० दे० ‘ओढ़ाना’। स=ओढ़ना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ारना :
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स० [अ० उढ़रना का स० रूप] दूसरे की स्त्री को निकाल या भगा लाना। स० [सं० उद्धारण] उद्धार करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ावनी :
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ओढ़नी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ुकना :
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अ०=उढ़कना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उढ़ौनी :
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स्त्री०=ओढ़नी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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