शब्द का अर्थ
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कल्क :
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पुं० [सं०√कल् (गति)+क] १. किसी चीज का बारीक चूरा। पूर्ण। बुकनी। २. पीठी। ३. अवलेह। चटनी। ४. गूदा। ५. पाखंड। ६. दुष्टता। शठता। ७. मल। ८. मैल। ९. गृह। विष्ठा। १॰. पाप। ११. बहेड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
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कल्क-फल :
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पुं० [ब० स०] अनार। |
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कल्की (ल्किन्) :
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पुं० [सं० कल्क+इनि] कलियुग के अन्त में कुमारी कन्या के गर्भ से जन्म लेनेवाला विष्णु का भावी दसवाँ अवतार। (पुराण) |
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