शब्द का अर्थ
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					क्षिप्त					 :
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					वि० [सं०√क्षिप्+क्त] १. फेंका हुआ (अस्त्र)। २. (पदार्थ) जो इधर-उधर फेंका या बिखेरा गया हो। विकीर्ण। ३. भेजा हुआ। ४. अपमानित। ५. पतित। ६. उचटा हुआ। चंचल। ७. वातरोग-ग्रस्त। ८. पागल। विक्षिप्त। पं० चित्त की पाँच वृत्तियों में से एक जिसमें चित्त रजोगुण के द्वारा सदा अस्थिर रहता है। (दे० ‘चित्तभूमि’)।				 | 
			
			
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					क्षिप्ता					 :
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					स्त्री० [सं०√क्षिप्+क्त, टाप्] रात्रि।				 | 
			
			
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					क्षिप्ति					 :
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					स्त्री० [सं०√क्षिप्+क्तिन्] फेंकने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
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