| शब्द का अर्थ | 
					
				| गुँफ					 : | पुं० [सं०√गुंफ् (गूँथना)+घञ्] [वि० गुंफित] १. कई चीजों में आपस से मिलकर उलझने या गुथने की क्रिया दशा या भाव। २. फूलों का गुच्छा। ३. मूँछ। ४. गल-मुच्छा। ५. कारण माला अलंकार का एक नाम। | 
			
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				| गुंफन					 : | पुं० [सं०√गुंफ्+ल्युट्-अन] [वि० गुंफित] १. डोरे, तागे आदि के रूप में होनेवाली चीजों को आपस में इस प्रकार उलझाना या फँसाना कि उनका रूप सुंदर हो जाय। गुँथना। २. डोरे आदि में पिरोना। जैसे–माला गुंफन। ३. भरने का काम। भराई। जैसे–शब्दों का गुंफन। | 
			
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				| गुंफना					 : | स्त्री० [सं०√गुंफ्+युच्–अन, टाप्] १. गुंफन या उसके फलस्वरूप प्राप्त होनेवाला रूप। २. शब्दों आदि की मधुर और सुन्दर योजना। स०=गूथना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| गुंफित					 : | भू० कृ० [सं०√गुंफ्+क्त] १. गूँथा हुआ। २. सुन्दरतापूर्वक एक दूसरें के साथ मिलाया या लगाया हुआ। | 
			
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