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			| शब्द का अर्थ |  
				| गो-मूत्रिका					 : | स्त्री० [सं० गोमूत्र+ठन्-इक] १. एक विशेष प्रकार का चित्रकाव्य जो लहरियेदार रेखा के रूप में होता है। विशेष–इस चित्र काव्य का नाम इसलिए गो-मूत्रिका पड़ा है कि इसकी पंक्तियाँ प्रायः वैसी ही होती है जैसी गौ या बैल के चलते-चलते जमीन पर मूतने से बनती है। २. अंकन,चित्रण आदि में लहरियेदार बैल। बैलमुतनी। बरधमुतान। (मिएन्डर) ३. सुगंधित बीजोंवाली एक प्रकार की घास। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |