शब्द का अर्थ
|
चट्ट :
|
वि० [हिं० चाटना] १.(खाद्य पदार्त) जिसे अच्छी तरह खा या चाट लिया गया हो। २. (माल) जो खा-पीकर खत्म कर दिया गया हो। ३. जिसका कुछ भी अंश न बच रहा हो। क्रि० वि०-चट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चट्टा :
|
पुं० [सं० चेटक-दास] चेला। शिष्य। पुं० [देश०] १.चटियल मैदान। २. चकत्ता। ददोरा। ३. ईटों, बालू, मिट्टी आदि को गिनने या नापने के लिए उनका लगाया या बनाया हुआ सुव्यवस्थित थाक या ढेर। पुं० [सं० कट+चटाई] बाँस आदि की लंबी चटाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चट्टान :
|
स्त्री० [हिं० चट्टा] १. पत्थर का बहुत बड़ा और विशाल खंड। २. किसी वस्तु का बहुत बड़ा और ठोस टुकड़ा। जैसे–नमक की चट्टान। ३. ऐसी वस्तु जिसमें चट्टान की सी दृढ़ता या स्थिरता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चट्टा-बट्टा :
|
पुं० [हिं० चट्ट=चाटने का खिलौना+बट्टा-गोला] १. काठ के खिलौने का समूह जिसमें चट्टू, झुनझुने, गोले आदि रहते हैं। मुहावरा–चट्टे-बट्टे लड़ाना=इधर की बातें उधर कहकर लोगों को आपस में लड़ाना या उनमें वैर-विरोध उत्पन्न कराना। २. वे गोले जिन्हें बाजीगर झोले में से निकालकर लोगों को दिखाते हैं। पद-एक ही थैले के चट्टे-बट्टे=एक ही गुट के मनुष्य। एक ही तरह या स्वाभाव के लोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चट्टी :
|
स्त्री० [हिं०चट्टा या अनु] टिकान। पड़ाव। मंजिल। (विशेषतः पहाड़ी इलाकों में प्रयुक्त) स्त्री० [अनु० चट-चट] खुली एड़ी का एक प्रकार का जूता। स्त्री० [हिं० चाँटा=चपत] १. क्षति। २. जुरमाना। दंड। क्रि० प्र०-भरना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चट्ट :
|
वि०=चटोरा। पुं० [अनु०] १. पत्थर का बड़ा खरल। २. छोटे बच्चों का एक प्रकार का खिलौना जिसे वे प्रायः मुँह में रखकर चाटते या चूसते रहते हैं। चुसनी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |