शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					चिंता-मणि					 :
				 | 
				
					पुं० [स० त०] १. एक प्रसिद्ध कल्पित मणि या रत्न जिसके संबंध में कहा जाता है कि जिसके पास यह रहता है, उसकी सब आवश्यकताएँ आप से आप और तुरंत पूरी हो जाती हैं। २. कोई ऐसी चीज या तत्त्व जो किसी विषय की आवश्यकताएँ और इच्छाएँ पूरी कर दे। ३. ब्रह्मा। ४. परमात्मा। ५. सरस्वती का एक मंत्र जो लड़के के जीभ पर इसलिए लिखा जाता है कि उसे खूब विद्या आवे। ६. एक बुद्ध का नाम। ७. घोड़े के गले की एक भौरी जो शुभ मानी जाती है। ८. वह घोड़ा जिसके गले में उक्त भौंरी हों। ९. फलित ज्योतिष में यात्रा का एक योग। १॰. वैद्यक में एक प्रकार का रस जो अभ्रक गंधक पारे आदि के योग से बनता है। ११. पुराणानुसार एक गणेश जिन्होंने कपिल के यहाँ जन्म लेकर महाबाहु नामक दैत्य से उस चिंतामणि रत्न का उद्धार किया था जो उसने कपिल से छीन लिया था।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |