शब्द का अर्थ
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चिरना :
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अ० [सं० चीर्ण, हिं० चीरना] १. किसी वस्तु का किसी दूसरी धारदार वस्तु द्वारा चीरा जाना। छोटे-छोटे टुकड़ों में आरे, चाकू आदि के द्वारा विभक्त होना। २. किसी सीध में फटना या फाड़ा जाना। जैसे–चाकू से उंगली चिरना। पुं० वह औजार जिससे कोई चीज चीरी जाती हो। जैसे–कसेरों, कुम्हारों या सुनारों का चिरना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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