शब्द का अर्थ खोजें
शब्द का अर्थ
|
त्रिभंगी(गिन्) :
|
वि० [सं० त्रि-भंग, द्विगु, स०+इनि] १. जिसमें तीन बल पड़े हुए हों। २. त्रिभंगवाली मुद्रा से जो खडा हुआ हो। पुं० [सं० त्रिभंग+ङीष्] १. ताल के साठ मुख्य भेदों में से एक जिसमें एक गुरू, एक लघु और प्लुत मात्रा होती है। २. शुद्द राग का एक भेद। ३. ३२ मात्राओं का एक तरह का छंद जिसमें १॰, ८, ८, और ६ मात्राओं पर विश्राम होता है। ४.दण्डक का बेद। ५. दे त्रिभंग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
त्रिभंडी :
|
स्त्री० [सं० त्रि√भंड् (परिहास)+अण्-ङीष्] निसोथ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
त्रिभ :
|
वि० [सं० ब० स०] तीन नक्षत्रोंवाला। पुं० [सं०] चंद्रमा के हिसाब से रेवती, अश्विनी और भरणी नक्षत्र युक्त आश्विन मास, शताभिषा पूर्वभाद्रपद और उत्तरभाद्रपद नक्षत्रयुक्त भाद्रपद और पूर्वपाल्गुनी और हस्त नक्षत्र युक्त फाल्गुन मास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
त्रिभ-जीवा :
|
स्त्री० [सं० ष० त०] त्रिज्या। व्यासार्द्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
त्रिभुवन-नाथ :
|
पुं० [सं० ष० त०] ईश्वर। परमेश्वर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
त्रिभुवन-सुन्दरी :
|
स्त्री० [सं० स० त] १. दुर्गा। २. पार्वती। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
त्रिभूम :
|
पुं० [सं० त्रि-भूमि, ब० स०+अच्] वह भवन जिसमें तीन खंड हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
त्रिभोलग्न :
|
पुं० [सं०] क्षितिज वृत्त पर पड़नेवाले क्रांतिवृत्त का ऊपरी मध्य भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|
|
|
|
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai