शब्द का अर्थ
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दुखंडा :
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वि० [हिं० दो+खंड] १. जिसमें दो खंड या विभाग हों। २. (घर या मकान) जिसमें ऊपर एक और खंड या तल्ला भी हो। दो मरातिबवाला। |
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समानार्थी शब्द-
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दुखंत :
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पुं०=दुष्यंत।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) वि०=दुःखांत। |
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दुख :
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पुं० [सं० दुःख] १. दुःख। (दे०) कि० प्र०—देना।—पहुँचाना। पाना।—भोगना।—मिलना। मुहा०—दुख उठाना=कष्ट या तलकीफ भोगना या सहना। ऐसी स्थिति में पड़ना जिसमें सुख या शांति हो। दुख बँटाना=किसी के कष्ट या संकट के समय उसका साथ देना। दुख भरना=कष्ट या संकट के दिन जैसे-तैसे बिताना।२. आपत्ति। विपत्ति। संकट। मुहा०—(किसी पर) दुख पड़ना=आपत्ति आना। संकट उपस्थित होना। ३. मानसिक कष्ट। खेद। रंज। जैसे—उन्हें लड़के के मरने का बहुत दुख है। मुहा०—दुख मानना=खिन्न या संतप्त होना। दुःखी होना। ४. |
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दुखड़ा :
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पुं० [हिं० दुख+ड़ा (प्रत्य०)] १. ऐसी विस्तृत बातें जिनमें अपने कष्टों, दुःखों विपत्तियों आदि का उल्लेख या चर्चा हो। तकलीफों का हाल। मुहा०—(अपना) दुखड़ा रोना= अपने दुःख का वृत्तांत दीन भाव से कहना। अपने कष्टों का हाल सुनाना। २. कष्ट। तकलीफ। विपत्ति। क्रि० प्र०—पड़ना। मुहा०—दुखड़ा पीटना या भरना= बहुत कष्ट से जीवन बिताना। |
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दुखद :
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वि०=दुःखद। |
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दुखदाई :
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वि०=दुःखदायी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दुखदायक :
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वि० १.= दुःखद। २.=दुःखदाता। |
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दुख-दुंद :
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पुं० [सं० दुःखद्वंद्व] अनेक प्रकार के दुःख, कष्ट और विपत्तियाँ। |
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दुखना :
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अ० [सं० दुःख] १. (किसी अंग का) पीड़ित होना। दर्द करना। पीड़ा युक्त होना। जैसे—आँखें या सिर दुखना। २. किसी पीड़ित अंग या व्रण पर आघात आदि लगने से उसकी पीड़ा बढ़ना। जैसे—घाव या फोड़ा दुखना। |
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दुखरा :
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पुं०=दुखड़ा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दुखवना :
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स०=दुखाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दुखहाया :
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वि० [हिं० दुःख+हाया (प्रत्य०)] [स्त्री० दुखहाई] दुःख से भरा हुआ। परम दुःखी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दुखांत :
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वि०=दुःखांत। |
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दुखाना :
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स० [सं० दुःख] १. कष्ट या पीड़ा पहुँचाना। दुःखित या व्यथित करना। जैसे—किसी का जी या मन दुखाना। २. किसी के पीड़ित अंग पर कोई ऐसी क्रिया करना जिससे उसकी पीड़ा फिर से बढ़े। जैसे—किसी का घाव या फोड़ा दुखाना। अ०=दुखना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दुखारा :
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वि० [हिं० दुख+आर (प्रत्य०)] [स्त्री० दुखारी] दुःखी। पीड़ित। |
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दुखारो :
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वि०=दुखारा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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दुखित :
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वि०=दुःखित। |
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दुखिनी :
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वि० स्त्री० हिं० ‘दुखिया’ का स्त्री०। |
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दुखिया :
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वि० [हिं० दुख+इत्या (प्रत्य०)] [स्त्री० दुखिनी] १. जो दुःख या कष्ट में पड़ा हो। जिसे किसी प्रकार की व्यथा हो। २. जिसके मन में बराबर किसी तरह का दुःख बना रहता हो। ३. बीमार। रोगी। |
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दुखियारा :
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वि०=दुखिया। |
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दुखी :
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वि० [सं० दुःखिन्] [स्त्री० दुखिनी] १. जिसे बहुत दुःख हुआ हो। २. जिसे बहुत अधिक मानसिक या शारीरिक कष्ट पहुँचा हो। ३. जो अधिकतर या सदा कष्टों में रहता हो। दीनहीन। ४. बीमार। रोगी। |
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दुखीला :
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वि० [हिं० दुख+ईला (प्रत्य०)] १. दुःख से युक्त। दुःखी। २. मन में दुःख का अनुभव करनेवाला। |
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दुखौहाँ :
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वि० [हिं० दुख+ओहीं] [स्त्री० दुखौहीं] १. दुःख देनेवाली। दुःखदायी। २. मन में बराबर दुःखी बना रहनेवाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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