शब्द का अर्थ
|
पिघलना :
|
अ० [सं० प्र०+गलन] १. ताप पाकर किसी घन या ठोस पदार्थ का द्रव रूप में आना या होना। जैसे—घी या मोम पिघलना। २. लाक्षणिक अर्थ में, कठोर चित्त का किसी प्रकार के प्रभाव के कारण कोमल या द्रवित होना। पसीजना। जैसे—तुम लाख रोओ, पर वह जल्दी पिघलनेवाला नहीं है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिघलना :
|
अ० [सं० प्र०+गलन] १. ताप पाकर किसी घन या ठोस पदार्थ का द्रव रूप में आना या होना। जैसे—घी या मोम पिघलना। २. लाक्षणिक अर्थ में, कठोर चित्त का किसी प्रकार के प्रभाव के कारण कोमल या द्रवित होना। पसीजना। जैसे—तुम लाख रोओ, पर वह जल्दी पिघलनेवाला नहीं है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|