शब्द का अर्थ
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पुरी :
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स्त्री० [सं० पुरी+ङीष्] १. छोटा पुर। नगरी। २. जगन्नाथ पुरी। ३. गढ़। दुर्ग। ४. देह। शरीर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरीतत् :
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स्त्री० [सं० पुरी√तन् (विस्तार+क्विप्, तुक] १. हृदय के पास की एक नाड़ी। २. आँत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरीमोह :
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पुं० [सं० पुरी√मुह् (मुग्ध होना)+णिच्+अण्] धतूरा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरीष :
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पुं० [सं०√पृ+ईषन्, कित्] १. विष्ठा। मल। गू। २. जल। पानी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरीषण :
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पुं० [सं० पुरी√ईष् (त्याग)+ल्युट जैसे—अन] विष्ठा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरीषम :
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पुं० [सं० पुरीष√मा (शब्द)+क] १. मल। विष्ठा। २. गंदगी। कूड़ा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुरीष-स्थान :
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पुं० [ष० त०] मल त्याग करने का स्थान। जैसे—खुड्डी पाखाना, संडास आदि। |
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समानार्थी शब्द-
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पुरीषाधान :
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पुं० [सं० पुरीष-आधान, ष० त०] मलाशय। |
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समानार्थी शब्द-
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पुरीषोत्सर्ग :
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पुं० [सं० पुरी-उत्सर्ग, ष० त०] मल-त्याग। |
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पुरी :
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स्त्री० [सं० पुरी+ङीष्] १. छोटा पुर। नगरी। २. जगन्नाथ पुरी। ३. गढ़। दुर्ग। ४. देह। शरीर। |
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पुरीतत् :
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स्त्री० [सं० पुरी√तन् (विस्तार+क्विप्, तुक] १. हृदय के पास की एक नाड़ी। २. आँत। |
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पुं० [सं० पुरी√मुह् (मुग्ध होना)+णिच्+अण्] धतूरा। |
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पुं० [सं०√पृ+ईषन्, कित्] १. विष्ठा। मल। गू। २. जल। पानी। |
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पुरीषण :
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पुं० [सं० पुरी√ईष् (त्याग)+ल्युट जैसे—अन] विष्ठा। |
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पुरीषम :
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पुं० [सं० पुरीष√मा (शब्द)+क] १. मल। विष्ठा। २. गंदगी। कूड़ा। |
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पुरीष-स्थान :
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पुं० [ष० त०] मल त्याग करने का स्थान। जैसे—खुड्डी पाखाना, संडास आदि। |
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पुरीषाधान :
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पुं० [सं० पुरीष-आधान, ष० त०] मलाशय। |
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पुरीषोत्सर्ग :
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पुं० [सं० पुरी-उत्सर्ग, ष० त०] मल-त्याग। |
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