शब्द का अर्थ
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भूति :
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स्त्री० [सं०√भू (होना+कतिन् या क्तिच्] १. अस्तित्व में आने या घटित होने की क्रिया, दशा या भाव। प्रस्तुत या वर्तमान होना। २. उत्पत्ति। जन्म। ३. कल्याण या वैभव से युक्त वैभव और सुख। ४. सौभाग्य। ५. धन-सम्पत्ति। गौरव। महिमा। ७. अधिकता। बहुलता। ८. बढ़ती। वृद्धि। ९. अणिमा, महिमा आदि आठ प्रकार की सिद्धियाँ। १॰. रंगों आदि से हाथी के मस्तक पर बनाये जानेवाले बेल-बूटे। ११. लक्ष्मी। १२. मुक्ति। मोक्ष। १३. वृद्धि नाम की ओषधि। १४. भूतृण। १५. सत्ता। १६. पकाया हुआ मांस। १७. रूसा नामक घास। पुं० १. शिव का एक रूप। २. विष्णु। ३. बृहस्पति। ४. पितरों का एक गण या वर्ग। राजा का मंत्री। वि० मांगलिक और शुभ। |
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समानार्थी शब्द-
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भूतिकाम :
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पुं० [सं० भूति√कम् (इच्छा)+अण्] १. राजा का मंत्री। २. बृहस्पति। |
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भूतिकृत :
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पुं० [सं० भूति√कृ (करना)+क्विप्, तुक्] शिव। |
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भूतिद :
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पुं० [सं० भूति√दा (देना)+क] शिव। |
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भूतिदा :
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स्त्री० [सं० भूतिद+टाप्] गंगा। |
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भूतिनि :
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स्त्री०=भूतनी। |
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भूतिनिधान :
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पुं० [ष० त०] धनिष्ठा नक्षत्र। |
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भूतिनी :
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स्त्री०=भूतनी। |
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भूति-भूषण :
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पुं० [ब० स०] शिव। |
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