शब्द का अर्थ
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भ्रू :
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स्त्री० [सं०√भ्रम्+डू] आँखों के ऊपर के बाल। भौं। भौंह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भ्रू-क्षेप :
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पुं० [सं० ष० त०] भौंहें टेढ़ी करना। |
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समानार्थी शब्द-
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भ्रूण :
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पुं० [सं०√भ्रूण् (आशा करना)+घञ्] १. स्त्री का गर्भ। २. प्राणी के माता के गर्भ में पहले चार महीने तक रहने की अवस्था। (एम्ब्रीयो) ३. जीव का गर्भ या अंडे में स्थित होने की अवस्था में प्राप्त होनेवाला रूप। (फीटस) |
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समानार्थी शब्द-
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भ्रूणध्न :
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पुं० [सं० भ्रूण√हन् (मारना)+क] भ्रूण-हत्या करनेवाला। वह जो गर्भ में स्थित बालक को मार डालता हो। |
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भ्रूण विज्ञान :
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पुं० [सं०] आधुनिक जीव-विज्ञान की वह शाखा जिसमें इस बात का विवेचन होता है कि भ्रूण किस प्रकार बनता और विसकित होता है। (ऐंब्रीयोलोजी) |
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भ्रूण-हत्या :
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स्त्री० [सं० ष० त०] गर्भ में आये हुए बालक की की जानेवाली हत्या जो बहुत बड़ा अपराध हो। |
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भ्रूणहा (हन्) :
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पुं० [सं० भ्रूण√हन्+क्विप्] वह जिसमें भ्रूण हत्या की हो। |
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भ्रूणाग्र :
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पुं० [सं० भ्रूण-अग्र, ष० त०] भ्रूण का अगला भाग। |
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भ्रू-प्रकाश :
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पुं० [ष० त०] एक प्रकार का काला रंग जिससे श्रृंगार आदि के लिए भौंहे बनाते हैं। |
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भ्रू-भंग :
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पुं० [ष० त०] क्रोध आदि प्रकट करने के लिए भौंहें चढ़ाना। त्यौरी चढ़ाना। |
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भ्रू-भेद :
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पुं० [ष० त०] क्रोध आदि में होकर भौंहें टेढ़ी करना। |
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भ्रू-मध्य :
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पुं० [ष० त०] दोनों भौहों के बीच का स्थान। |
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भ्रू-लता :
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स्त्री० [कर्म० स०] भेहराबदार भौंह। |
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भ्रू-विक्षेप :
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पुं० [ष० त०] त्योरी बदलना। नाराजगी दिखाना। भ्रू-भंग। |
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भ्रू-विलास :
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पुं० [ष० त०] १. भौहों की कोई विशेष भावभंगी। २. भौंहों का संचालन करके प्रकट किया जानेवाला कोई मोहक भाव। |
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भ्रूह :
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स्त्री०=भ्रू। |
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