शब्द का अर्थ
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वाप :
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पुं० [सं०√वप् (बोना)+घञ्] १. बीज आदि बोना। बपन। २. खेत। ३. मुंडन। |
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समानार्थी शब्द-
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वापक :
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वि० [सं०√वप् (बोना)+णिच्+ण्वुल–अन] बपन करने अर्थात् बीज बोनेवाला। |
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वापन :
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पुं० [सं०√वप् (बोना)+णिच्-छल्युट–अन] बीज बोना। |
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वापस :
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वि० [फा०] १. (जीव या यान) जो कहीं न जाकर लौट आया हो। २. (वस्तु) जिसे किसी ने मँगनी माँगकर अथवा खरीदकर फेर दिया हो। |
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वापसी :
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वि० [फा] १. जो वापस होकर आया हो। जैसे–वापसी जवाब। २. वापस जाने से संबंध रखनेवाला। जैसे–वापसी टिकट। स्त्री० १. वापस होने या लौटने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. वापस की या लौटाई हुई चीज देने या लेने की क्रिया या भाव। |
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वापसी-टिकट :
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पुं० [हिं०] वह टिकट जिससे कहीं जाया और वहाँ से वापस आया जा सकता हो। जैसे–रेल या हवाई जहाज का वापसी टिकट (रिटर्न टिकट)। |
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वापिका :
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स्त्री० [सं० वप+इञ्+कन्+टाप्]=वापी। |
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वापित :
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वि० [सं०√वप् (बोना)+णिच्+क्त] १. बोया हुआ। २. मूँड़ा हुआ। |
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वापी :
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स्त्री० [सं० वापि+ङीष्] एक प्रकार का चौड़ा और बड़ा कूआँ या छोटा तालाब जिमसें जल तक पहुँचने के लिए प्रायः सीढ़ियाँ बनी रहती हैं। बावली। |
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वाप्य :
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पुं० [सं० वापी+यत्, वा√वप्+ण्यत्] वपन किये या बोए जाने के योग्य (बीज या भूमि)। पुं० १. वापी या बावली का पानी। २. बोया हुआ धान्य। (रोपे हुए से भिन्न) २. कुट नामक औषधि। |
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