शब्द का अर्थ
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अकथ :
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वि० [सं० अकथ्य] १. जो कहा न जा सके। २. जो कहे जाने के योग्य न हो। ३. जिसका वर्णन करना बहुत कठिन या असंभव हो।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अकथनीय :
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वि० [सं० न० त०] १. जो कहा न जा सके। २. जिसका वर्णन न हो सके। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अकथह :
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पुं० [सं० अ क छ ह+अच्] दे० ‘अकड़म'। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अकथित :
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भू० कृ० [सं० न० त०] १. जो कहा न गया हो। अनुक्त २. गौण (कर्म्०)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अकथ्य :
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वि० [सं० न० त०] १. जो कहे जाने के योग्य न हो। २. दे० ‘अकथनीय’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |