शब्द का अर्थ
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अकबक :
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पुं० [हि० अक (बक का अनु०) +बकना का बक] १. इधर-उधर की और निरर्थक बात। असंबद्ध प्रलाप। २. घबराहट या विकलता की ऐसी स्थिति जिसमें मनुष्य उक्त प्रकार की असंबद्ध बातें करता है। वि० असंबद्ध। बे-सिर-पैर का। उदाहरण—अकबल बोलत बैन कह्वौ हम तुन्हैं बिकैहैं—रत्नाकर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अकबकाना :
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[अ० हिं० अकबक] १. अकबक या वयर्थ की बातें करना। २. चकित या भौचक्का होना। ३. घबराना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |