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शब्द का अर्थ

अक्षि  : स्त्री० [सं०√अश् (व्याप्ति) + क्सि] १. आँख। नेत्र। २. दो की संख्या।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
अक्षिक  : पुं० [सं० अक्ष + ठन्-इक] आल का पेड़।
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अक्षि-कूट (कूटक)  : पुं० [ष०त०] आँख की पुतली।
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अक्षि-गोलक  : पुं० [ष० त०] आँख का डेला जिसके बीच में पुतली होती है। (आई-बाल)
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अक्षित  : वि० [सं० अक्षीण] १. जिसका क्षय न हुआ हो। २. न छीजने वाला। ३.जिसे चोट न लगी हो। पुं० १. जल। २. दस लाख की संख्या।
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अक्षि-तारक  : पुं० [ष० त०] आँख का तारा।
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अक्षि-तारा  : स्त्री० [ष० त०]=अक्षितारक।
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अक्षिति  : वि० [सं० न० ब०] जिसका क्षय या नाश न हो। स्त्री० (क्षि√क्तिन्, न० त०) नश्वरता।
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अक्षि-पटल  : पुं० [ष० त०) आँख का ऊपरी भाग या परदा।
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अक्षि-लोम (मन्)  : पुं० [ष०त०] बरौनी।
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अक्षि-विक्षेप  : पुं० [ष० त०] तिरछी नजर। कटाक्ष।
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