शब्द का अर्थ
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अगति :
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स्त्री० [सं० न० त०] १. गति का न होना। ठहरा या रुका हुआ न होना। स्थिरता। २. अत्येष्टि, श्राद्ध आदि न होने के कारण मृतक की आत्मा की वह स्थिति जिसमें उसका मोक्ष नहीं होता और वह इधर-उधर भटकती फिरती है। ३. उचित दशा या स्थिति का अभाव। दुर्दशा। वि० [सं० न० ब०] १. जिसमें गति न हो। अचल। स्थिर। २. जिसके पास तक पहुँच न हो। ३. जिसके लिए और कोई गति या उपाय न रह गया हो। निरुपाय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगतिक :
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वि० [सं० न० ब० कप्] १. जिसकी कहीं गति या ठिकाना न हो। अशरण। निराश्रय। २. जिसके लिए कोई गति या उपाय न रह गया हो। निरुपाय। ३. अंत्येष्टि, श्राद्ध आदि न होने के कारण जिसकी गति या मोक्ष न हुआ हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |