शब्द का अर्थ
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अत्यंताभाव :
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पुं० [सं० अत्यंत-अभाव, कर्म० स०] १. (किसी बात या वस्तु में होनेवाला) ऐसा अभाव जो नित्य या स्थायी हो। जैसे—वायु या आकाश में रूप का अत्यंतभाव है। (तर्कशास्त्र में यह ५ प्रकार के अभावों में से एक है) २. ऐसी बात जो कभी संभव न हो। जैसे—आकाश-कुसुम, वन्ध्यापुत्र। ३. बहुत अधिक कमी। जैसे—आज कल अन्न का अत्यंतभाव है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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