शब्द का अर्थ
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अनुवृत्त :
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वि० [सं० अनु√वृत् (बरतना)+क्त] १. जिसका अनुकरण या अनुसरण किया गया हो। २. दोहराया या दोबारा कहा या पढ़ा हुआ। ३. (पद) जो अनुवृत्ति के रूप में ग्रहण किया जाए। विशेष—दे० अनुवृत्ति। ४. अतीत संबंधी। ५. सच्चरित्र। पुं० वह व्यक्ति जिसे कोई अनुवृत्ति मिलती हो। अनुवृत्ति पानेवाला। (पेन्शनर) |
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समानार्थी शब्द-
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अनुवृत्ति :
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स्त्री० [सं० अनु√वृत्+क्तिन्] १. एक बार कही या पढ़ी हुई चीज या बात फिर से कहना या दोहराना। २. व्याकरण में, किसी कथन में आया हुआ कोई अंश या पद परवर्ती कथन में फिर से ग्रहण करना या मानना। जैसे—राम भी आया है और मानव भी। में माधव भी के साथ आया है माना गया है। ३. [प्रा० स०] वृत्ति या वेतन का वह प्रकार या रूप जिसमें किसी कर्मचारी को बहुत दिनों तक काम करने पर, उसकी वृद्धावस्था में अथवा उसकी किसी प्रकार की अन्य सेवा, योग्यता आदि के विचार से भरण-पोषण के लिए कुछ धन मिलता है या दिया जाता है। (पेन्शन) |
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समानार्थी शब्द-
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अनुवृत्तिक :
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वि० [सं० आनुवृत्तिक] १. अनुवृत्ति संबंधी। अनुवृत्ति का। २. (पद या सेवा) जिसके संबंध में अनुवृत्ति मिल सकती हो। (पेंशनेबुल) |
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अनुवृत्तिधारी (रिन्) :
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पुं० [सं० अनुवृत्ति√धृ (धारण करना)+णिनि] वह जिसे अनुवृत्ति मिलती हो। अनुवृत्ति पानेवाला। (पेन्शनर) |
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अनुवृत्ती :
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पुं० [सं० आवृत्ति से]=अनुवृत्तिधारी। |
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