शब्द का अर्थ
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अरत :
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वि० [न० त०] १. जो किसी काम या रत या लगा हुआ न हो। २. जो अनुरक्त न हो। ३. विरक्त। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरति :
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स्त्री० [सं० न० त०] १. रत न होने की अवस्था या भाव। २. (किसी से) अनुराग या प्रीति न होना। (एपथी) ३.विरक्ति। ४. असंतोष। ५. आलस्य। सुस्ती। ६. व्यथा। ७. वह कर्म जिसका उदय होने पर किसी काम में मन न लगे। (जैन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरत्नि :
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पुं० [सं०√ऋ (गति)+कत्नि, न० त०] १. बाहु। बाँह। २. कोहनी। ३. हाथ की बँधी हुई मुट्ठी। ४. कोहनी से लेकर कनिष्ठा के सिरे तक की नाप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |