शब्द का अर्थ
|
अर्थापत्ति :
|
पुं० [अर्थ-आपत्ति, ष० त०] १. मीमांसा में ऐसा प्रमाण जिससे एक बात कहने से दूसरी बात आप से आप सिद्ध हो जाए। २. साहित्य में एक अलंकार जिसमें किसी बात या तथ्य के आधार पर एक दूसरी ही बात या तथ्य स्थिर हो जाता है। जैसे-सारा मकान जल गया से दूसरा अर्थ स्थिर होगा उसमें का सब सामान जल गया। ३. लोक-व्यवहार में, किसी घटना या बात से निकलने वाला ऐसा निष्कर्ष जो बहुत कुछ ठीक और संभावित जान पड़ता हो। यह मान लिया जाना कि इसका यही अर्थ या आशय हो सकता है। (प्रिजम्पशन, उक्त सभी अर्थों के लिए)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अर्थापत्ति-सम :
|
पुं० [तृ० त०] न्याय में, वादी के उत्तर में यह कहना कि यदि तुम मेरा प्रतिपादित अमुक सिद्धांत मानोगे तो तुम्हें दोष लगेगा। (यह जाति या दोषों के २४ भेदों में से एक है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|