शब्द का अर्थ
|
अवम-रति :
|
स्त्री० [सं० कर्म०स०) ऐसी रति या प्रीति जो विशुद्ध स्वार्थ की दृष्टि से की जाए। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवंति :
|
स्त्री० [सं०√अव् (रक्षण आदि)+झि=अन्त]=अवंती। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवंतिका :
|
स्त्री० [सं० अवंति+कन्-टाप्] =अवंती। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवंती :
|
स्त्री० [सं० अवंति+ङीष्] १. नर्मदा के उत्तरी प्रदेश (आधुनिक मालवा) का पुराना नाम। मालव जनपद। २. उक्त प्रदेश की राजधानी। ३. एक प्रसिद्ध नगरी जो शिप्रा नदी के तट पर थी और जिसकी गिनती सात मुख्य पुरियों या तीर्थों में होती है। उज्जयिनी। (आधुनिक उज्जैन) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवंश :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसके वंश में कोई न बचा हो। २. जिसके संतान न हो। पुं० [न० त०] छोटा या नीच कुल या वंश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव :
|
उप० [सं०√अव्+अच्] एक उपसर्ग जो शब्दों के पहले लगकर निम्नलिखित अर्थ देता है। (क) अनुचित, दूषित या बुरा। जैसे—अवगुण, अवभाषण, अवमान आदि। (ख) नीचे की ओर। जैसे—अवक्रमण, अवरोहण आदि। (ग) कमी घटाव या ह्रास। जैसे—अवकरण, अवमूल्यन आदि। (घ) अभाव होना। जैसे—अवचेतना। (च) विशेष रूप से। जैसे—अवदारण, अवक्षय आदि। अव्य० [सं० अपि, प्रा० अवि] और।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकरण :
|
पुं० [सं० अव√कृ (करना)+ल्युट्-अन] १. कम करने की क्रिया या भाव। घटाव। २. गणित में, बाकी या शेष निकालना। (रिडक्शन) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकर्तन :
|
पुं० [सं० अव√कृ (काटना)+ल्युट्-अन] खंड, टुकड़े या विभाग करना। काटना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकर्षण :
|
पुं० [सं० अव√कल् (खींचना)+ल्युट्-अन] १. जोर से खींचना या बाहर निकालना। २. नीचे की ओर खींच ले जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलकन :
|
पुं० [सं० अव√कल्(गिनना)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अवकलित] १. इकट्ठा या एक साथ करना अथवा एक में मिलाना। २. देखकर जानना या समझना। ३. ग्रहण करना। लेना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकलना :
|
अ० [सं० अवकलन=ज्ञात होना] १. ज्ञान या बोध होना। २. (बात या विषय) समझ में आना। स० १. इकट्ठा करना। २. देखना। ३. ग्रहण करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकलित :
|
भू० कृ० [सं० अव√कल् (गिनना या समझना)+क्त] १. जिसका अवकलन हुआ हो या किया गया हो। २. जाना, देखा या समझा हुआ। ३. लिया हुआ। गृहीत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-कल्पना :
|
स्त्री० [सं० प्रा० स०] किसी ऐसी बात के संबंध में किया जानेवाला अनुमान या कल्पना, जिसके लिए कोई निश्चित आधार या प्रमाण न मिलता हो। (सर्माइज) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवका :
|
स्त्री० [सं०√अव् (रक्षण आदि)+क्वुन्-अक-टाप्] शैवाल। सेवार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकाश :
|
पुं० [सं० अव√काश् (दीप्ति)+घञ्] १. रिक्त या शून्य स्थान। खाली जगह। २. दो पदार्थों, रेखाओं, बिंदुओं आदि के बीच की जगह या विस्तार। ३. अंतरिक्ष। आकाश। (स्पेस उक्त तीनों अर्थों के लिए) ४. दो काल-बिंदुओं घटनाओं आदि के बीच का ऐसा समय जो किसी काम के लिए निकलता हो या निकाला जाए। जैसे—अब आपको यह काम पूरा करने के लिए कुछ अवकाश मिल जायगा। ५.किसी के आने, बैठने रहने आदि के लिए या कोई चीज रखने के लिए ऐसा स्थान जो निकल सके या निकाला जा सके। जैसे—आपके लिए भी कोई अवकाश निकालने का प्रयत्न करूँगा। ६. कामों के बीच में खाली रहने या छुट्टी मिलने का समय। छुट्टी या फुरसत का समय। जैसे—अवकाश मिलने पर यहाँ भी आ जाया कीजिए। ७. निरंतर काम करते रहने पर नियमति या निश्चित रूप से मिलने वाली छुट्टी। (लीव) जैसे—वे एक महीने का अवकाश लेकर घर गये हैं। ८. किसी कार्य-भार, पद आदि से सदा के लिए मिलने या ली जानेवाली छुट्टी। जैसे—अब तो उन्होंने राजनीति (या राजकीय सेवा) से अवकाश ले लिया है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकाश-ग्रहण :
|
पुं० [ष० त०] जीवन का शेष समय निश्चित होकर शांतिपूर्वक बिताने के लिये किसी सार्वजनिक कार्य, पद या सेवा से अलग होना। (रिटायरमेन्ट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकाश-प्राप्त :
|
वि० [ब० स०] (वह व्यक्ति) जो किसी कार्य या पद पर निश्चित काल तक कार्य कर चुकने पर अथवा किसी अन्य कारण से उस कार्य या पद से अलग हो चुका हो। (रिटायर्ड) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकाश-लेखा :
|
पुं० [ष० त०] कर्मचारियों या कार्यकर्त्ताओं को मिलने या दी जानेवाली छुट्टियों का लेखा या हिसाब। (लीव एकाउन्ट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकाश-संख्यान :
|
पुं०=अवकाश-लेखा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकिरण :
|
पुं० [सं० अव√कृ (बिखेरना)+ल्युट्-अन] छितराने, बिखेरने या फैलाने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकीर्ण :
|
भू० कृ० [सं० अव√कृ+क्त] १. छितराया, बिखेरा या फैलाया हुआ। २. तोड़-फोड़ कर नष्ट किया हुआ। ३. जिसका कौमार्य या ब्रह्मचर्य नष्ट हो चुका हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकीर्णन :
|
पुं० [सं० अवकीर्ण+णिच्+ल्युट्-अन]चारों ओर छितराना, फैलाना या बिखेरना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकुंचन :
|
पुं० [सं० अव√कुञ्च् (कुटिलता)+ल्युट्-अन] बटोरने, समेटने या सिकोड़ने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकुंठन :
|
पुं० [सं० अव√कुंठ् (वेष्टन)+ल्युट्-अन] दे० ‘अवगुंठन’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-कृपा :
|
स्त्री० [सं० प्रा० स०] कृपा-भाव (अनुग्रह आदर, स्नेह आदि) का न रह जाना, जिसके फलस्वरूप कुछ अपकार या हानि हो सकती या होती हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकृष्ट :
|
भू० कृ० [सं० अव√कृष् (खींचना)+क्त] १. खींचकर नीचे की ओर लाया हुआ। २. हटाया या दूर किया हुआ। ३. गले के नीचे उतारा या निगला हुआ। ४. छोटी या नीच जाति का। ५. जाति से निकाला हुआ। ६. तुच्छ। हीन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-केश :
|
वि० [सं० ब० स०] १. जिसके बाल झड़ चुके हों या झड़ रहे हों। २. जिसके बाल लटक रहे हों या लटके हुए हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवकेशी (शिन्) :
|
वि० [सं० अव-क ब० स०√ईश् (ऐश्वर्य)+णिनि] १. (लता या वृक्ष) जिसमें फल न लगते हों। २. बाँझ। वंध्या। ३. छोटे बालोंवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्खन :
|
पु०=अवेक्षण (देखना)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्तव्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. न कहने योग्य। २. निषिद्ध या अश्लील। (बात)। ३. जिसकी व्याख्या या स्पष्टीकरण न हो सके। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्त्र :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसका या जिसमें मुँह (ऊपर की ओर खुला अंश) न हो। २. जिसका मुँह अंदर या नीचे की ओर हो। औंधा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्रंदन :
|
पुं० [सं० अव√कन्द (चिल्लाना)+ल्युट्-अन] ऊँचे स्वर में अथवा जोर-जोर से रोना या विलाप करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्रम :
|
पु० [सं० अव√कम् (चलना)+घञ्] १. नीचे की ओर आना या उतरना। २. अव्यवस्थित या दूषित क्रम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्रमण :
|
पुं० [सं० अव√कम्+ल्युट्-अन] १. नीचे की ओर आने या उतरने की क्रिया या भाव। २. जैन तथा बौद्ध धर्म के अनुसार गर्भ में आना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्रय :
|
पुं० [सं० अव√क्री (खरीदना या बेचना)+अच्] १. दे० ‘निष्क्रय’। २. दे० ‘क्षति-पूर्ति’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्रांत :
|
भू० कृ० [सं० अव√कम्+क्त] १. जिसके ऊपर कोई दूसरा (प्रधान या मुख्य) हो। अधीनस्थ। २. जिसे किसी ने दबाकर पूरी तरह से अपने अधिकार या वश में कर लिया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्रांति :
|
स्त्री० [सं० अव√क्रम्+क्तिन्] १. अवक्रमण। २. पूरी तरह से अधिकार या वश में करने या होने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्रीतक :
|
भू० कृ० [सं० अव√क्री (खरीदना)+क्त+कन्] माँग कर या उधार लिया हुआ। मँगनी का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्रोश :
|
पुं० [सं० अव√क्रुश् (चिल्लाना)+घञ्] १. कर्कश ध्वनि, शब्द या स्वर। २. गाली। दुर्वचन। ३. अभिशाप। शाप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्लिन्न :
|
वि० [सं० अव√क्लिद् (गीला करना)+क्त] भींगा हुआ। गीला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्लेय :
|
वि० [सं० अव√क्लिद्+घञ्] जल या तरल पदार्थ का बहना, टपकना या रसना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्षय :
|
पुं० [सं० अव√क्षि(नाश)+अच्] क्षय। नाश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्षिप्त :
|
भू० कृ० [सं० अव√क्षिप्(फेंकना)+क्त] जिसका अवक्षेपन हुआ हो। (प्रेसिपिटेटेड) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्षेप :
|
पुं० [सं० अव√क्षिप्+घञ्] १. आपत्ति। उज्र। २. किसी के संबंध में यह कहना कि इसने अमुक अनुचित काम किया है, अथवा अमुक अपराध या दोष का दायित्व उस पर है। (ब्लेम) ३. दे० ‘अवक्षेपण’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्षेपण :
|
पुं० [सं० अव√क्षिप्+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अवक्षिप्त] १. जोर से किसी ओर गिराना, फेंकना या हटाना। २. बहुत तेजी या जल्दी से कोई काम करना। ३. रसायन शास्त्र में आग या बिजली की सहायता अथवा रासायनिक प्रक्रिया से किसी घोल में मिला हुआ कोई द्रव्य जमा कर या नीचे बैठाकर अलग करना। (प्रेसिपिटेशन) ४. डाँटना-डपटना। ५. झूठा आरोप या कलंक लगाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवक्षेपणी :
|
स्त्री० [सं० अवक्षेपण+ङीष्] बागडोर। लगाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवखंडन :
|
पुं० [सं० अव√खंड् (टुकड़ा करना)+ल्युट्-अन] १. तोड़ना-फोड़ना। नष्ट करना। २. खंड, टुकड़े या विभाग करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-खात :
|
पुं० [सं० प्रा० स०] गहरा गड्ढा। खाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-खाद :
|
वि० [सं० ब० स०] १. बहुत अधिक या निकृष्ट चीजें खानेवाला। २. नष्ट करनेवाला। पुं० [प्रा० स०] १. निकृष्ट या बुरा भोजन। २. पशुओं के खाने योग्य खाद्य पदार्थ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगंड :
|
पुं० [सं० अव√गम् (जाना)+ड] चेहरे पर होनेवाली फुंसी या फुड़िया। मुँहासा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगण :
|
वि० [सं० ब० स०] १. जिसका कोई गण न हो, अथवा जो किसी गण में न हो। २. एकाकी। अकेला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगणन :
|
पुं० [सं० अव√गण् (गिनना)+ल्युट्-अन] १. गिनती करते समय किसी को छोड़ देना। २. तुच्छ समझना। कुछ न गिनना। ३. जान-बूझकर किसी की मर्यादा, महत्त्व आदि की ओर ध्यान न देना अथवा आवश्यकता से कम ध्यान देना। ४. उपेक्षा करना। (इग्नोंरिंग) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगणना :
|
स्त्री० [सं० अव√गण्+णिच्+युच्-अन-टाप्] =अवगणन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगणित :
|
भू० कृ० [सं० अव√गण्+क्त] १. जिसका अवगणन हुआ हो। (इग्नोर्ड) २. जिसका महत्त्व या मान न आँका गया हो। ३. अपमानित, उपेक्षित या तिरस्कृत। ४. हारा हुआ। पराजित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगत :
|
वि० [सं० अव√गम् (जाना)+क्त] १. जाना समझा या धारित किया हुआ। २. नीचे गया या गिरा हुआ। वि० [सं० अवगति] निरर्थक। व्यर्थ। मुहावरा—अवगत जाना=व्यर्थ नष्ट होना। वि०=अविगत।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगतना :
|
अ० [सं० अवगत+हिं० ना(प्रत्यय)] १. अवगत होना। २. विचारना, समझना या सोचना। स० किसी पर कोई बात प्रकट करना। अवगत कराना। जतलाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगति :
|
स्त्री० [सं० अव√गम्+क्तिन्] १. ‘अवगत’ होने की अवस्था या भाव। २. धारणा शक्ति। ३. बुद्धि। समझ। स्त्री० [सं० अव+गति] बुरी गति या दशा। दुर्दशा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगन :
|
पुं० =आवागमन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगम :
|
पुं० [सं० अव√गम्+घञ्] =अवगमन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगमन :
|
पुं० [सं० अव√गम्+ल्युट्-अन] [वि० अवगत] १. विदित होने की क्रिया या भाव। २. निश्चयात्मक ज्ञान प्राप्त करना। पुं० [सं० अव+गमन] अनुचित गलत या बुरे रास्ते पर जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगलित :
|
वि० [सं० अव√गल् (क्षरण होना)+क्त] १. नीचे गिरा हुआ। २. फिसला हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाढ़ :
|
वि० [सं० अव√गाह् (विलोडन)+क्त] १. अंदर घुसा, धँसा या पैठा हुआ। २. छिपा या दबा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाधना :
|
स० दे० ‘अवगाहना’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगारना :
|
स० [सं० अव+गरण] १. जतलाना या समझाना। २. बुरा-भला कहना। बुराई या निंदा करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगास :
|
पुं० =अवकाश।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाह :
|
वि० १. बहुत गहरा। अथाह। २. अनहोना। ३. कठिन। ४. गंभीर। पुं० [सं० अव√गाह्+घ़ञ्] १. गहरा स्थान। २. संकट का समय या स्थान। ३. जल में पैठकर किया जानेवाला स्नान। ४. दे० ‘अवगाहन’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाहन :
|
पुं० [सं० अव√गाह्+ल्युट्-अन] १. जलाशय या जल में घुस या पैठकर किया जानेवाला स्नान। २. कोई बात जानने या समझने के लिए उसके संबंध में की जानेवाली खोज, छान-बीन या मनन। मन लगाकर अच्छी तरह सोचना-समझना। ३. मथना। विलोड़न। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाहना :
|
अ० [सं० अवगाह] १. जल में घुसकर या पैठकर स्नान करना। २. भीतरी भाग में पहुँचना, पैठना या प्रवेश करना। ३. किसी विषय का अच्छी तरह चिंतन या मनन करना। ४. प्रसन्न होना। स० १. अन्वेषण, खोज या छानबीन करना। २. स्वीकृत, ग्रहण या धारण करना। ३. हिलाना-डुलाना। ४. बिलोना। मथना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाहित :
|
भू० कृ० [सं० अव√गाह्+क्त] १. जिसने स्नान किया हो। २. जिसमें स्नान किया गया हो। (जैसे—तालाब, नदी आदि) ३. (विषय) जिसका अच्छी तरह मनन या विवेचन किया गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाही (हिन्) :
|
वि० [सं० अव√गाह्+णिनि=अवगाहन करनेवाला] १. स्नान करनेवाला। २. जिसकी कहीं पहुँच या पैठ हो। ३. चिंतन या मनन करनेवाला। ४. गहराई में जानेवाला। खोज या छान-बीन करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाहु :
|
वि० =अवगाह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगाह्य :
|
वि० [सं० अव√गाह्+ण्यत्] १. (व्यक्ति) जो स्नान करने के योग्य हो। २. (तालाब नदी आदि) जिसमें स्नान करना उचित या योग्य हो। ३. (विषय) जिसका चिंतन, मनन या विवेचन होने को हो या हो रहा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगीत :
|
वि० [सं० अव√गै (शब्द)+क्त] १. (गीत) जो भद्दे ढंग से या बुरी तरह से गाया गया हो। २. (वस्तु या व्यक्ति) जिसकी लोक में निंदा या बदनामी हुई हो। ३. गर्हित। पुं० १. ऐसा गीत जो बुरी तरह से गाया गया हो। बेसुरा गीत। २. अश्लील, गंदी और भद्दी बातों से भरा हुआ गीत। (लैम्पून) जैसे—होली में गाये जाने वाले गंदे गीत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुंठन :
|
पुं० [सं० अव√गुण्ठ् (लपेटना)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अवगुंठित] १. कपड़े से मुँह छिपाने या ढकने की क्रिया। २. कपड़े का वह अंश जो मुँह पर उसे छिपाने के लिए डाला जाता है। घूँघट। ३. रेखाओं आदि से कोई चीज चारों ओर घेरना। ४. छिपाने या ढकने के लिए चारों ओर से बंद करना। ५. ऊपर से ढकने वाली चीज। ढक्कन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुंठनमय :
|
वि० [सं० अवगुंण्ठन+मयट्] [स्त्री० अवगुंठनमयी] १. जिसका सारा शरीर कपड़े से छिपा या ढका हो। २. जिसके मुँह पर अवगुंठन या घूँघट हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुंठनवती :
|
वि० [सं० अवगुंण्ठन+मतुप्,व-ङीष्] (स्त्री) जिसने अपने चेहरे पर अवगुंठन या घूँघट कर रखा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुंठिका :
|
स्त्री० [सं० अव√गुण्ठ+ण्वुल्-अक-टाप्, इत्व] १. घूँघट। २. परदा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुंठित :
|
भू० कृ० [सं० अव√गुण्ठ+क्त] [स्त्री० अवगुंठिता] १. जिसने घूँघट निकाला हो। २. जिसके ऊपर कोई आवरण या परदा पड़ा हो। ३. छिपाया या ढका हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुंफन :
|
पुं० [सं० अव√गुम्फ् (गूँथना)+ल्युट्-अन] [वि० अवगुंफित] गूँथने या पिरोने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुंफित :
|
भू० कृ० [सं० अव√गुम्फ्+क्त] गूँथा या पिरोया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुण :
|
पुं० [सं० अव√गुण्(आमंत्रण)+क] १. अनुचित, बुरा या दूषित गुण। २. अपराध। दोष। ३. खराबी। बुराई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुन :
|
पुं० =अवगुन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगुरण :
|
पुं० [सं० अव√गृर् (उद्यम करना)+ल्युट्-अन] मारने-पीटने आदि के लिए धमकाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगूहन :
|
पुं० [सं० अव√गृह् (छिपाना)+ल्युट्-अन] १. छिपाने की क्रिया या भाव। २. आलिंगन करना गले लगाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवगोरण :
|
पु० =अवगुरण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवग्गी :
|
वि० [सं० अ+वल्ग] १. (ऊँट, घोड़ा या बैल) जो बाग या रास के नियंत्रण में न रहता हो। २. उच्छृखल या उद्धंत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवग्रह :
|
पुं० [सं० अव√ग्रह (ग्रहण करना)+घ] १. बाधा। रुकावट। २. वर्षा का अभाव। अनावृष्टि। सूखा। ३. बंद। बाँध। ४. व्याकरण में संधियों का विच्छेद। ५. वह अक्षर जिसके उपरांत संधि-विच्छेद हो। ६. कृपा या अनुग्रह का अभाव। अनुग्रह का विपर्याय। ७. हाथियों का झुंड या समूह। ८. हाथी का मस्तक। ९. प्रकृति। स्वभाव। १. शाप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवग्रहण :
|
पुं० [सं० अव√ग्रह+ल्युट्-अन] १. रोकने या प्रतिरोध करने की क्रिया या भाव। २. अनादर या अपमान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवग्राह :
|
पुं० [सं० अव√ग्रह+घञ्] १. संबंध टूटना। २. बाधा। रुकावट। ३. अनावृष्ठि। सूखा। ४. हाथी का मस्तक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवघट :
|
वि० [सं० अव-घट्ट=घाट] १. कठिन। विकट। २. ऊबड़-खाबड़। ऊँचा-नीचा। ३. दुर्गम। ४. जटिल। दुर्बोध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवघटृ :
|
पुं० [सं० अव√घट्ट(चलन)+घञ्] १. गुफा। माँद। २. छोटे जानवरों का बिल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवघर्षण :
|
पुं० [सं० अव√घृष् (रगड़ना)+ल्युट्-अन] छीलना, मलना या रगड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवघात :
|
पुं० [सं० अव√हन् (हिंसा गति)+घञ्] १. आघात। प्रहार। २. बाहर निकालने के लिए दिया जानेवाला धक्का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवघूर्णन :
|
पुं० [सं० अव√घूर्ण(घूमना)+ल्युट्-अन] १. चक्कर खाना। २. बगूला। बवंडर। वातावर्त। ३. हवा में लहराना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवघोटित :
|
भू० कृ० [सं० अव√घुट् (परिवर्तन)+क्त] १. चारों ओर से छिपा, घिरा या ढँका हुआ। २. अस्त-व्यस्त या उलट-पुलट किया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवघोषक :
|
वि० [सं० अव√घुष् (शब्द)+ण्वुल्-अक] अनुचित या मिथ्या घोषणा करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवघोषणा :
|
स्त्री० [सं० अव√घुष्+ल्युट्-अन] अनुचित या बुरी घोषणा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचट :
|
क्रि० वि० पुं० =औचट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचन :
|
पुं० [सं० न० त०] १. वचन का अभाव। २. मुँह से वचन न निकलना। चुप्पी। मौन। ३. अनुचित, दूषित या बुरा वचन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचनीय :
|
वि० [सं० न० त०] १. (उक्ति कथन या बात) जो किसी से कहने योग्य न हो। २. जिसका वर्णन शब्दों द्वारा न किया जा सके। ३. अश्लील। फूहड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचय :
|
पुं० [सं० अव√चि (इकट्ठा करना)+अच्] १. चयन या संग्रह करना। चुनकर इकट्ठा करना। २. फूल चुनना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचयन :
|
पुं० [सं० अव√चि+ल्युट्-अन] =अवचय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचार :
|
पुं० [सं० अव√चर् (गति)+घञ्] १. नीचे की ओर जानेवाला मार्ग या रास्ता। २. मार्ग। रास्ता। ३. कार्य-क्षेत्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचित :
|
भू० कृ० [सं० अव√चि (चयन करना)+क्त] जिसका अवचयन हुआ हो। चुनकर इकट्टा किया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-चूड़ :
|
पुं० [सं० ब० स०, ड-ल] ध्वजा के ऊपरी भाग पर बँधा रहनेवाला कपड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचूरी :
|
स्त्री० [सं० अव√चूर् (दाह)+क, ङीष्] संक्षिप्त टीका या व्याख्या। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचूर्णित :
|
भू० कृ० [सं० अव√चूर्ण (पीनसा)+क्त] १. पीसकर चूर्ण के रूप में लाया हुआ। २. जिसेक कठिन शब्दों और पदों के अर्थ का भाव सरल रूप में समझाये गये हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवचेतन :
|
वि० [सं० ब० स०] [भाव० अवचेतना] जिसमें चेतना न हो या जिसकी चेतना नष्ट हो गयी हो। विशेष दे० ‘अवचेतन’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छद :
|
पुं० [सं० अव√छद् (ढकना)+घ] ढकना। ढक्कन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छिन्न :
|
वि० [सं० अव√छिद् (काटना)+क्त] १. जिसका अवच्छेदन हुआ हो। २. शस्त्र या हथियार से काटकर अलग किया हुआ। ३.अलग किया हुआ। ४.किसी विशिष्टता से युक्त किया हुआ। विशेषित। ५.निश्चित सीमा के अंदर लाया हुआ। सीमित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छेद :
|
पुं० [सं० अव√छिद्+घञ्] [वि० अवच्छेद्य, अवच्छिन्न, कर्त्ताअवच्छेदक] १. अवच्छेदन। २. खंड। टुकड़ा। ३. सीमा। हद। ४. छान-बीन। ५. पुस्तक का परिच्छेद। प्रकरण। ६. मृदंग का एक प्रकार का प्रबंध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छेदक :
|
वि० [सं० अव√छिद्+ण्युल्-अक] १. अवछेदन करनेवाला। २. छेदनेवाला। छेदक। ३. सीमा निश्चित करनेवाला। ४. निश्चय करनेवाला। पुं० विशेषण। (व्या०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छेदकता :
|
स्त्री० [सं० अवच्छेदक+तल्-टाप्] १. अवच्छेदक होने की अवस्था या भाव। २. हद या सीमा बाँधने का भाव। परिमिति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छेदन :
|
पुं० [सं० अव√छिद्+ल्युट्-अन] १. शस्त्र या हथियार से काटकर अलग करने की क्रिया या भाव। २. खंड, टुकड़े या विभाग करना। ३. सीमा निर्धारित करना। ४. किसी प्रकार अलग या पृथक् करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छेद्य :
|
वि० [सं० अव√छिद्+ण्यत्] जिसका अवच्छेदन होने को हो या हो सकता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छेपणी :
|
पुं० =अवक्षेपणी। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवच्छंग :
|
पुं० दे० ‘उछंग’। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवजय :
|
स्त्री० [सं० अव√जि(जीतना)+अच्] पराजय। हार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवजित :
|
वि० [सं० अव√जि+क्त] १. हारा हुआ। पराजित। २. तिस्कृत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवज्जना :
|
स० [सं० आवर्जन या फा० आवाज ?] पुकारना। बुलाना। अ० जोर का शब्द करना। गरजना। उदाहरण—ढलकि ढाल बद्दल मिलिय पुब्ब झड़ाड अविज्जि।—चंदवरदाई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवज्ञा :
|
स्त्री० [सं० अव√ज्ञा(जानना)+अङ्-टाप्] १. किसी अधिकारी द्वारा दी हुई आज्ञा या आदेश पर जान-बूझकर ध्यान न देना, उसे न मानना या उसका उल्लघन करना। (डिस-ओबीडिएन्स) २. साहित्य में, एक अलंकार जिसमें एक वस्तु के गुण या दोष का दूसरी वस्तु पर प्रभाव न पड़ने का वर्णन होता है। ३. पराजय। हार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवज्ञात :
|
भू० कृ० [सं० अव√ज्ञा+क्त] १. जिसकी अवज्ञा की गई हो, फलतः अपमानित या तिरस्कृत। २. हारा हुआ। पराजित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवज्ञान :
|
पुं० [सं० अव√ज्ञा+ल्युट्-अन] [वि० अवज्ञात, अवज्ञेय] १. अपमान। अनादर। २. आज्ञा का उल्लंघन। ३. पराजय। हार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवज्ञेय :
|
वि० [सं० अव√ज्ञा+यत्] १. (अधिकारी या आदेश) जिसकी अवज्ञा की जा सकती हो। २. जिसकी अवज्ञा करना उचित हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवझेरा :
|
पुं०=उलझन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवट :
|
पुं० [सं०√अव् (रक्षण आदि)+अटन्] १. छिद्र। छेद। २. गड्ढा। ३. तृण आदि से ढका हुआ एक प्रकार का गड्ढा जो जंगली पशुओं विशेषतः हाथियों को फँसाने के लिए बनाया जाता है। ४. कूँआ। ५. एक नरक का नाम। ६. शरीर का कोई नीचला या कमजोर भाग। ७.जादूगर। बाजीगर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवट-कच्छप :
|
पुं० [सं० मध्य० स०] १. गड्ढे में छिपा हुआ कच्छप या कछुआ। लाक्षणिक रूप में, ऐसा व्यक्ति जिसे संसार का कोई अनुभव या ज्ञान न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवटना :
|
अ० [सं० आवर्त्तन, प्रा० आवट्टन] १. व्यर्थ घूमना या मारे-मारे फिरना। २. आग पर चढ़ाकर औटाया, गलाया या पिघलाया जाना। उदाहरण—कनक सोहग न बीछुरैं, अवटि मिलैं जो एक-जायसी। स० १. आग पर चढ़ाकर गलाना या पकाना। औटाना। उदाहरण—चूना कीन्ह अवटि गज मोती।—जायसी। २. मथना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवटी :
|
स्त्री० [सं० अव्+अटि-ङीष्] १. छिद्र। छेद। २. गड्ढा। ३. कूँआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवटीट :
|
वि० [सं० अव-नासा, ब० स०, नासा को टीट आदेश] जिसकी नाक चिपटी हो। चिपटी नाकवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवटु :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वटु (बालक) न हो। २. जो ब्राह्मण न हो। पुं० [सं० अव√टीक्(गति)+डु] १. गड्ढा। २. कूँआ। ३. माँद। ४. गरदन का पिछला भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवटुका-ग्रंथि :
|
स्त्री० [सं० अवटुका, अवटु+कन्-टाप्,अवटुका-ग्रंथि ष० त०] शरीर के अंदर श्वास नली और स्वर यंत्र के पास की कुछ विशिष्ट ग्रंथियाँ या उनका समूह। (थॉइराँयड ग्लैड) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवडीन :
|
पुं० [सं० अव√डी(उड़ना)+क्त] १. पक्षियों की उड़ान। २. पक्षियों का उड़ते हुए नीचे की ओर आना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवडेर :
|
पुं० [हिं० अव+रार या राड़ ?] [क्रि० अवडेरना] १. चक्कर। फेर। २. झंझट-बखेड़ा। ३. रंग या सुख-भोग में होने वाली बाधा। रंग में भंग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवडेरन :
|
स० [हिं० अव+डेरा ?] १. किसी का डेरा या निवास स्थान इस प्रकार उजाड़ना कि उसे भागकर दूर जाना पड़े। उदाहरण—भोरानाथ भोरे ही सरोष होते थोरे दोष पोषि तोषि थापि आपेन न अवडलिये।—तुलसी। २. तंग कर के भगाना। ३. चक्कर या झंझट में डालना। ४. प्रेरित करना। उकसाना। ५. अपमानित करना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवडेरा :
|
वि० [हिं० अवडेर] १. झंझट में डालने या फँसानेवाला। २. जो चक्करदार हो। पेंचीला। ३. बेढब। ४. विलक्षण। ५. विकट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवढर :
|
वि० [हिं० अव+ढलना] अकारण ही ढलने (प्रसन्न या अनुरक्त) वाला। मनमाने ढंग से उदारता, कृपा आदि दिखानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवण :
|
स्त्री० =अवनि (पृथ्वी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतंस :
|
पुं० [सं० अव√तंस् (अलंकृत करना)+घ़ञ्] [वि० अवतंसित] १. माला। हार। २. वलयाकार आभूषण या गहना। जैसे—कंगन, कड़ा, चूड़ी आदि। ३. सिर पर पहनने का टीका या मुकुट। ४. कान में पहनने की बाली या फूल। ५. भाई का लड़का। भतीजा। ६. दूल्हा। वर। ७. श्रेष्ठ व्यक्ति। उत्तम पुरुष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतंसक :
|
पुं० [सं० अवतंस+कन्]=अवतंस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतंसित :
|
भू० कृ० [सं० अव√तंस्+क्त] १. जिसके पास माला या हार हो अथवा जिसने माला या हार पहना हो। २. जिसने भूषण धारण किये हों। ३. सजा हुआ। अलंकृत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतत :
|
वि० [सं० अव√तन् (विस्तार)+क्त] १. जिसका विस्तार नीचे की ओर हो। २. विस्तृत। ३. फैला या फैलाया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-तमस :
|
पुं० [सं० प्रा० स० अच्] १. हलका अंधकार। २. गूढ़ता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरण :
|
पुं० [सं० अव√तृ (उतरना)+ल्युट्-अन] [वि० अवतीर्ण] १. ऊपर से नीचे आना। नीचे उतरने की क्रिया या भाव। २. नीचे उतरने की सीढ़ी या घाट। ३. तैर कर पार होना। ४.शरीर धारण करना। जन्म लेना। ५. प्रतिकृति नकल। ६. प्रार्दुभाव। ७. लोक, वचन आदि का उदधृत अंश। उद्धरण। (कोटेशन) ८. भूमिका। ९. अनुवाद। १. एकाएक अन्तर्ध्यान होना या छिप जाना। ११. स्नान करने के लिए जल में उतरना। १२. पार होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरण-चिन्ह :
|
पुं० [ष० त०] उलटे हुए अल्प-विराम चिन्ह जिनके बीच में किसी का कथन उदधृत किया जाता है। जैसे— “.....”। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरणच्छन्न :
|
पुं० [ष० त०] वह छतरी या छाता जिसकी सहायता से वायुयान पर से सैनिक नीचे उतरते है। (पैराशूट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरण-पथ :
|
पुं० [ष० त०] वह पथ जिसपर से होकर वायुयान उतरने के समय नीचे भूमि पर आते है और फिर ऊपर जाते है। (एयरस्ट्रिम) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरण-भूमि :
|
स्त्री० [ष० त०] वह खुला मैदान जहाँ वायुयान आकर उतरते या ठहरते हैं। (लैडिंग ग्राउंड) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरणिका :
|
स्त्री० [सं० अवतरण-ङीष्+कन्, टाप्-ह्रस्व] १. किसी पुस्तक या परिचायक आरंभिक अंश। भूमिका। २. परिपाटी। रीति। ३. दे० ‘अवतरण’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरणी :
|
स्त्री० [सं० अवतरण+ङीष्]=अवतरणिका। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरना :
|
अ० [सं० अवतरण] १. ऊपर से नीचे आना। उतरना। २. उपजना या जन्मना। ३. अवतार या शरीर धारण करना। ४. प्रकट होना। प्रादुर्भाव होना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतरित :
|
भू० कृ० [सं० अवतीर्ण] १. ऊपर से नीचे आया या उतरा हुआ। २. जिसने अवतार धारण किया हो। ३. किसी दूसरे स्थान से लिया या उद्धृत किया हुआ। (लेख या वचन)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-तल :
|
वि० [सं० ब० स०] [भाव० अवतलता] जिसका तल बीच में कुच नीचे दबा हो। नतोदर (कॉन्केव)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतापी (पिन्) :
|
वि० [सं० अद√तप् (तपना)+णिच्+णिनि] १. बहुत तापनेवाला। २. (स्थान) जहाँ सूर्य का ताप बहुत अधिक होता हो। ३. कष्ट या ताप पहुँचानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतार :
|
पुं० [सं० अव√तृ+घञ्] १. ऊपर से नीचे की ओर आना। उतरने की क्रिया या भाव। २. शरीर धारण करना। जन्म लेना। ३. पौराणिक क्षेत्र में, ईश्वर (परमात्मा) का भौतिक या मानव रूप धारण करके इस संसार में आना। ४. उक्त प्रकार से धारण किया हुआ शरीर। जैसे—कृष्ण, राम या वाराह का अवतार। ५. वह व्यक्ति जिसके संबंध में यह माना जाता हो कि ईश्वर का अंश और प्रतिनिधि है। ६. अनुवाद। ७. भूमिका। ८. तीर्थ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतारण :
|
पुं० [सं० अव√तृ+णिच्+ल्युट्-अन]=अवतारणा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतारणा :
|
स्त्री० [सं० अव√तृ+णिच्+णिच्-अन-टाप्] १. ऊपर से नीचे लाने की क्रिया या बाव। उतारना। २. किसी अमूर्त्त या अदृश्य बात या तत्त्व को मूर्त्त, दृश्य, श्रव्य आदि रूपों में लाने की क्रिया या भाव। इंद्रिय गोचर कराने की क्रिया या भाव। जैसे—(क) चित्रपट पर सीता-हरण की अवतारणा। (ख) सितार पर ललित राग की अवतारणा। ३. अनुकरण या नकल करना। ४. अवतरण या उद्धरण के रूप में ग्रहण करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतारना :
|
स० [सं० अवतारण] १. ऊपर से नीचे लाना। उतारना। २. जन्म लेना। ३. प्रस्तुत करना, बनाना या रचना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतारवाद :
|
पुं० [सं० ष० त०] वह मत या सिद्धांत कि धर्म की हानि होने पर उस की फिर से स्थापना करने के लिए भगवान जन्म लेकर (या शरीर धारण करके) इस संसार में आते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतारी (रिन्) :
|
वि० [सं० अव√तृ+णिनि] १. नीचे आने या उतरनेवाला। २. अवतार धारण करने या लेनेवाला। ३. ईश्वर के अवतार के रूप में माना जानेवाला और अलौकिक गुणों से युक्त (व्यक्ति)। जैसे—महात्मा बुद्ध अवतारी पुरुष माने जाते हैं। पुं० २४ मात्राओं के छंदों की संज्ञा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवतीर्ण :
|
वि० [सं० अव√तृ+क्त] १. ऊपर से नीचे आया या उतरा हुआ। २. जिसने अवतार धारण किया हो। अवतरित। ३. उत्तीर्ण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-तोका :
|
वि० [सं० ब० स०] (जीव या प्राणी) जिसका गर्भपात हुआ हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदंश :
|
पुं० [सं० अव√दंश् (काट खाना)+घञ्] चटपटी वस्तुएँ जो मद्यपान के समय खाई जाती हैं। गजक। चाट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदमन :
|
पुं० [सं० अव√दम् (दबाना)+ल्युट्-अन] १. अच्छी तरह दबाना और वश में लाना। २. अधिकारी या शासन का कठोरता पूर्वक विद्रोहियों का दमन करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदरण :
|
पुं० [सं० अवदारण] १. तोड़ना-फोड़ना या चीरना-फाड़ना। २. नष्ट-भ्रष्ट करना। ३. कुचलना या पीसना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदशा :
|
स्त्री० [सं० प्रा० स०] बुरी या हीन दशा। गिरी हुई हालत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदाघ :
|
पुं० [सं० अव√दह् (जलाना)+घञ्, ह को घ] १. जलन या ताप। २. ग्रीष्म ऋतु। गरमी का मौसम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदात :
|
वि० [सं० अव√दा (शोधन)+क्त] १. जो अच्छी तरह से साफ किया गया हो, फलतः स्वच्छ। २. उज्जवल। शुभ्र। ३. पवित्र और शुद्ध। ४. सत्य। सच्चा। ५. गौर वर्ण का। गोरा। ६. पीला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदान :
|
पुं० [सं० अव√दो (खंडन)+ल्युट्-अन] १. बहुत बड़ा या महत्त्वपूर्ण कार्य। २. विजय। ३. सफलता। ४. बल। शक्ति। ५. अतिक्रमण। उल्लंघन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदान्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वदान्य या उदार न हो। संकीर्ण हृदय। २. नियम, सीमा आदि का उल्लंघन करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदारक :
|
वि० [सं० अव√दृ+णिच्+ल्युट्-अक] अवदारण करनेवाला। पुं० १. मिट्टी आदि खोदने की खंती या फरसा। २. तोड़ने-फोड़ने आदि की कोई चीज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदारण :
|
पुं० [सं० अव√द+णिच्+ल्युट्-अन] १. तोड़ने-फोड़ने की क्रिया या भाव। २. विदारण करना। चीरना या फाड़ना। ३. अलग करना। ४. नष्ट करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदारित :
|
भू० कृ० [सं० अव√दृ+णिच्+क्त] १. तोड़ा-फोड़ा या चीरा-फाड़ा हुआ। २. नष्ट-भ्रष्ट किया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदाह :
|
पुं० [सं० प्रा० स०] १. अधिक या बड़े क्षेत्र में आग लगना और उससे चीजों का जलना। (कॉनूफ्लेगरेशन) २. अत्यधिक गरमी या ताप। ३. [ब० स०] वीरणमूल। खस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदीर्ण :
|
वि० [सं० अव√दृ+क्त] १. जो टूटा-फूटा या नष्ट-भ्रष्ट हो। २. विभक्त। ३. चिंतित या दुःखी। ४. घबराया हुआ। विकल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदोह :
|
पुं० [सं० अव√दुह् (दुहना)+घञ्] १. दूध दुहने की क्रिया या भाव। २. दूध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवद्य :
|
वि० [सं० वद् (बोलना)+यत्, न० त०] [भाव० अवद्यता] १. (कथन या शब्द) जो अनुचित होने के कारण कहने या मुँह से निकालने योग्य न हो। २. निकृष्ट। बुरा। ३. गर्हित। निंदनीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवध :
|
पुं० [सं० अयोध्या] १. अयोध्या नगरी। २. उक्त नगरी के आस-पास का प्रदेश। (प्राचीन कोशल) स्त्री० =अवधि। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवध :
|
वि० =अवध्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधा :
|
स्त्री० [सं० अव√धा (धारण करना)+अङ्-टाप्] ज्यामिति में वृत्त का खंड या भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधातव्य :
|
वि० [सं० अव√धा+तव्यत्] जिसपर अवधान दिया जाने को हो अथवा जो अवधान के योग्य हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधाता (तृ) :
|
पुं० [सं० अव√धा+तृच्] [स्त्री० अवधानी] १. किसी वाद, विषय या व्यक्ति का अवधान या ध्यान रखनेवाला। (केयर-टेयर) २. कोई कार्य ठीक प्रकार से संचालित करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधात्री-सरकार :
|
स्त्री० [सं० अवधात्री, अवधातु+ङीष्, फा० सरकार] वह सरकार जो नयी तथा स्थायी सरकार संघटित होने से पहले कुछ समय तक शासन की देख-रेख करती हो। (केयर-टेकर गवर्नमेन्ट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधान :
|
पुं० [सं० अव√धा+ल्युट्-अन] १. एकाग्र या सावधान होने की अवस्था या भाव। २. सावधानतापूर्वक देख-रेख करना। (केयर) ३. सावधानतापूर्वक कार्य का संचालन या उसका भार। (चार्ज) पुं० [सं० आधान] गर्भ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधानी (निन्) :
|
वि० [सं० अवधान+इनि]=अवधाता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधायक :
|
पुं० [सं० अव√धा+ण्वुल्-अक] वह अधिकारी जिसकी अधीनता या देख-रेख में कोई कार्य होता हो। किसी काम का कर्त्ता=धर्त्ता। (इंचार्ज)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधायक-सरकार :
|
स्त्री० -अवधात्री सरकार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधार :
|
पुं० [सं० अव√धृ (धारण)+णिच्+अच्]=अवधारण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधारक :
|
वि० [सं० अव√धृ+णिच्+ल्युट्-अन] १. अच्छी तरह सोच-समझकर कोई धारणा या निश्चय करना। २. किसी परिणाम तक पहुँचना या परिणाम निकालना। ३. किसी कार्य के संबंध में दृढ़तापूर्वक किया जानेवाला निश्चय। (डिटर्मिनेशन) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधारणा :
|
स्त्री० [सं० अव√धृ+णिच्+युच्-अन-टाप्] =अवधारण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधारणीय :
|
वि० [सं० अव धृ+णिच्+अनीयर] १. जिसका अवधारण हो सके अथवा जो अवधारण किये जाने के योग्य हो। २. जिसका अवधारण होने को हो। ३. ग्रहण या धारण किये जाने के योग्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधारना :
|
स० [सं० अवधारण] ग्रहण या धारण करना। अ० सोच=समझकर निश्चय करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधारति :
|
भू० कृ० [सं० अव√धृ+णिच्+क्त] जिसका या जो अवधारण किया गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधार्य्य :
|
वि० [सं० अव√धृ+णिच्+यत्] जिसका अवधारण होने को हो या हो सकता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधावन :
|
पुं० [सं० अव√धाव् (गति)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अवधावित] १. किसी को पकड़ने के लिए उसेक पीछे दौड़ना। पीछा करना। २. अच्छी तरह धोकर निर्मल या स्वच्छ करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधावित :
|
भू० कृ० [सं० अव√धाव्+क्त] १. जिसका पीछा किया गया हो। २. साफ किया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधि :
|
स्त्री० [सं० अव√धा+कि] १. नियत, निश्चित या सीमित समय। २. कोई काम पूरा करने या होने का निश्चित किया हुआ समय।मुहावरा—अवधि बदना-कोई काम पूरा करने के लिए समय निश्चित करना। जैसे—अवधि बदि सैयाँ अजहूँ न आवे।(गीत) ३. समय का निश्चित भोगकाल। (टर्म) जैसे—किसी अधिकारी की अवधि पूरी होना। ४. सीमा। हद। अव्य० तक। पर्यंत। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवदि-ज्ञान :
|
पुं० [ष० त०] वह शक्ति जिसमें गड़ी छिपी या दबी हुई चीजों का ज्ञान होता या पता चलता है। (जैन) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधि-दर्शन :
|
पुं० [ष० त०] गड़ी, छिपी या दबी हुई चीजें दिखाई देना। (जैन)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधि-वाधित :
|
भू० कृ० [ष० त०] (अधिकार कार्य या व्यवहार) जिसकी अवधि बीत चुकी हो और इसी लिए उसका अब उपयोग प्रयोग या विचार न हो सकता हो। (बार्ड बाई लिमिटेशन) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधिमान :
|
पुं० [सं० अवधिमात्] सागर। समुद्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधी :
|
वि० [सं० अयोध्या] १. अवध-संबंधी। अवध का। स्त्री० अवध प्रांत की बोली जो पूर्वी हिन्दी की एक शाखा है। पुं० अवध का निवासी। स्त्री० =अवधि। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधीरण :
|
पुं० [सं० अव√धीर् (अवत्रा)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अवधीरति] किसी का महत्त्व या मान कम समझकर या कम आँककर उसके साथ ओछा व्यवहार करना। (स्लाइट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधीरणा :
|
स्त्री० [सं० अव√धीर्+णिच्+युच्-अन-टाप्]=अवधीरण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधीरित :
|
भू० कृ० [सं० अव√धीर्+क्त] १. जिसका अवधीरण (उपेक्षा या तिरस्कार) हुआ हो। २. जिसके साथ अनुचित व्यवहार किया गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधू :
|
पुं० =अवधूत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधूक :
|
वि० [सं० न० ब० कप्] जिसकी पत्नी न हो (फलतः कुँआरा या विधुर)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधूत :
|
वि० [सं० अव√धू (काँपना)+क्त] १. कँपाया या हिलाया हुआ। २. जिसे हानि या क्षति पहुँची हो। ३. उपेक्षित। अपमानित। ४. अस्वीकृत। ५. पराजित। ६. सांसारिक मोह-माया से युक्त। पुं० [सं० अवधूत] [स्त्री० अवधूतिन, अवधूती, वि० अवधूती] १. वह जो सांसारिक बंधनों से मुक्त हो चुका हो। त्यागी। विरक्त। २. वह साधक जिसने सहजावस्था प्राप्त कर ली हो। ३. नाथ-पंथी सिद्ध योगी। ४. साधकों की भाषा में, मन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधूत-वेश :
|
वि० [ब० स०] १. गंदे या मैले-कुचैले वस्त्र पहनने वाला। २. नग्न। नंगा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधूती :
|
वि० [हिं० अवधूत] अवधूत संबंधी। जैसे—अवधूती वृत्ति। स्त्री अवधूत होने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधूपति :
|
वि० [सं० अव√धूप् (ताप या धूप करना)+क्त] सुगंधित द्रव्य जलाकर उसके धुएँ से सुगंधित किया हुआ। जैसे—अवधूपित केश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधूलन :
|
पुं० [सं० अवधूलि+णिच्+ल्युट्-अन] धूल या चूर्ण की तरह की चीज छिड़कना। (डस्टिंग) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधृत :
|
भू० कृ० [सं० अव√धृ (धारण)+क्त] =अवधारित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधेय :
|
वि० [सं० अव√धा+यत्] १. जिसपर अवधान या ध्यान दिया जाने को हो या दिया जा सकता हो। २. जानने योग्य। ३. जिसका आदर किया जा सके। ४. श्रद्धेय। पुं० अभिधान। नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवधेश :
|
पुं० [सं० अवध-ईश, ष० त०] १. अवध का राजा या स्वामी। २. अवध के राजा, दशरथ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवध्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसका वध न हो सकता हो। २ ०जिसका वध करना उचित न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवध्वंस :
|
पुं० [सं० अव√ध्वंस् (अधःपतन)+घञ्] १. त्यागना या दूर हटाना। २. अनादर अपमान या उपेक्षा करना। ३. बुरी तरह से किया हुआ ध्वंस या नाश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवध्वस्त :
|
भू० कृ० [सं० अव√ध्वंस्+क्त] १. त्यागा या दूर हटाया हुआ। २. निंदित। ३. तिरस्कृत। ४. विनष्ट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवन :
|
पुं० [सं०√अव (रक्षण आदि)+ल्युट्-अन] १. प्रसन्न या संतुष्ट करना। २. प्रीति। प्रेम। ३. रक्षा करना। बचाना। स्त्री० [सं० अवनि] १. पृथ्वी। २. जमीन। भूमि। ३. मार्ग। रास्ता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनत :
|
वि० [सं० अव√नम (झुकना)+क्त] [भाव० अवनति] १. झुका हुआ। नत। २. नम्र। ३. नीचे की ओर गिरा हुआ। पतित। ४. दुर्दशा की ओर बढ़ा हुआ। दुर्दशा-ग्रस्त। ‘उन्नत’ का विपर्याय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनति :
|
स्त्री० [सं० अव√नम्+क्तिन्] [वि० अवनक, कर्त्ता अवनायक] १. नीचे की ओर जाना या झुकना। झुकाव। २. नम्रता। ३. दुर्दशा या दीन दशा में जाना। पतन। ४. कमी। घटाव। ह्रास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनद्ध :
|
भू० कृ० [सं० अव√नह् (बाँधना)+क्त] १. किसी के साथ या नत्थी किया या बँधा हुआ। २. जड़ा या बैठाया हुआ। ३. ढका हुआ। पुं० ढोल या मृदंग की तरह का एक बाजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनमन :
|
पुं० [सं० अव√नम्+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अवनमित] १. नीचे की ओर आने या झुकने की क्रिया या भाव। नत होना। २. गुण, बल, महत्त्व या मान घटना या कम होना। उतार। ३. ग्रह, नक्षत्र आदि का क्षितिज से नीचे की ओर जाना या होना। ४. किसी तल या स्तर का नीचे की झुकाव या बढ़ाव। (डिप्रेसन) जैसे—मेघों का अवनमन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनयन :
|
पुं० [सं० अव√नी (ले जाना)+ल्युट्-अन] नीचे की ओर लाना या ले जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवना :
|
अ० [हिं० आना या पुराना रूप] १. अस्तित्व में आना, बनना या घटित होना। २. दे० ‘आना’। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनाम :
|
पुं० [सं० अव√नम्+घञ्] =अवनमन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनामक :
|
वि० [सं० अव√नम्+णिच्+ण्युल्-अक] १. अवनति करने या गिरानेवाला। उन्नायक का विपर्याय। २. जो अवनति, पतन या ह्रास की ओर प्रवृत्त हों। ३. नीचे की ओर गिरनेवाला। (फाँलिंग) जैसे—अवनायक मूल्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनासिक :
|
वि० [सं० ब० स०] झुकी हुई या चिपटी नाकवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनाह :
|
पुं० [सं० अव√नह्(बाँधना)+घञ्] १. कसकर बाँधना। २. बंधन। ३. ढकना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनि :
|
स्त्री० [सं० अव√अव (रक्षण आदि)+आनि] १. वह समस्त विस्तृत तल जिस पर मनुष्य रहता है और कार्य करता है। २. पृथ्वी। ३. उँगली। ४. एक प्रकार की लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनिचर :
|
वि० [सं० अवनि√चर् (गति)+ट] जगह-जगह घूमता रहनेवाला। घुमक्कड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनिज :
|
पुं० [सं० अवनि√जन् (उत्पन्न होना)+ड] मंगल-ग्रह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनि-तल :
|
पुं० [ष० त०] जमीन की सतह। धरातल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनिध्र :
|
पुं० [सं० अवनि√धृ (धारण करना)+ट] पर्वत। पहाड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनिप :
|
पुं० [सं० अवनि√पा (रक्षण)+क] राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनि-पति :
|
पुं० [ष० त०] राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनि-पाल :
|
पुं० [ष० त०] राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनि-पालक :
|
पुं० [ष० त०] १. राजा। २. पहाड़। पर्वत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनि-सुत :
|
पुं० [ष० त०] मंगल ग्रह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनि-सुता :
|
स्त्री० [ष० त०] जानकी। सीता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनींद्र :
|
पुं० [अवनि-इन्द्र, ष० त०] राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनी :
|
स्त्री० [सं० अवनि+ङीष्] दे० ‘अवनि’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनीप :
|
पुं० [सं० अवनी√पा(रक्षा)+क] राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनीश :
|
पुं० [अवनी-ईश,ष०त०] राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनीश्वर :
|
पुं० [अवनी-ईश्वर, ष० त०] =अवनीश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवनेजन :
|
पुं० [सं० अव√निज् (पवित्र करना)+ल्युट्-अन] १. प्रक्षालन्। धोना। २. आचमन। ३. श्राद्ध में वेदी पर कुश से जल छिड़कना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवन्निय :
|
स्त्री०=अवनि। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवपाक :
|
वि० [सं० ब० स०] जो अच्छी तरह पका या पकाया न हो। पुं० वह जो अच्छी तरह पकाना न जानता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवपाटिका :
|
स्त्री० [सं० अव√पट् (गति)+णिच्+ण्वुल्-अक-टाप्] पुरुष की जननेंद्रिय में होनेवाला एक रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवपात :
|
पुं० [सं० अव√पत् (गिरना)+घञ्] १. नीचे आना, गिरना या उतरना। २. गड्ढा। ३. वह गड्ढा जिसमें हाथी फँसाये जाते हैं। खाँड़ा। ४. नाटक में किसी अंक की समाप्ति में लोगों में घबराकर भागने का दृश्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवपातन :
|
पुं० [सं० अव√पत्+णिच्+ल्युट्-अन] नीचे उतारने या गिराने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-पात्र :
|
वि० [सं० प्रा० स०] अयोग्य या निकृष्ट पात्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-बाहुक :
|
पुं० [सं० ब० स० कप्] भुजस्तंभ नामक वायु-रोग जिसमें हाथ बे-काम हो जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवबोध :
|
पुं० [सं० अव√बुध् (जानना)+घञ्] १. जागने की क्रिया या भाव। २. जानना। ३. ज्ञान। बोध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवबोधक :
|
वि० [सं० अव√बुध्+णिच्+ण्वुल्-अक] १. अवबोध या ज्ञान कराने वाला। २. जगाने वाला। पुं० १. चारण या बंदी जिसका काम गीतगाकर राजा को जगाना होता था। २. चौकीदार। पहरुआ। ३. सूर्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवबोधन :
|
पुं० [सं० अव√बुध्+णिच्+ल्युट्-अन] १. ज्ञान या बोध कराने की क्रिया या भाव। २. सूचना या शिक्षा देना। ३. चेतावनी देना। चेताना। ४. वह मानसिक शक्ति जिससे किसी बात का ठीक स्वरूप जल्दी या सहज में समझ लिया जाता हैं। (पर्सेप्शन) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवभंग :
|
पुं० [सं० अव√भञ्ज् (भंगकरना)+घञ्] १. नीचा दिखाना। २. पराजित करना। हराना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवभास :
|
पुं० [सं० अव√भास् (चमकना)+घञ्] १. ज्ञान या उसका प्रकाश। २. केवल आभास के रूप में होनेवाला मिथ्या ज्ञान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवभासक :
|
वि० [सं० अव√भास्+णिच्+ण्वुल्-अक] अवभास या बोध करानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवभासन :
|
वि० [सं० अव√भास्+ल्युट्-अन] [वि० अवभासनीय, भू० कृ०-अवभासित] १. प्रकाशन। चमकना। २. ज्ञान। बोध। ३. प्रकट होना। खुलना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवभासित :
|
भू० कृ० [सं० अव√भास्√णिच्+क्त] १. जो अवभास के रूप में ज्ञात हुआ हो। प्रतीत या लक्षित। २. चमकना या चमकाया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवभासिनी :
|
स्त्री० [सं० अव√भास्+णिनि-ङीष्] शरीर के ऊपर की चमड़े की पतली झिल्ली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवभृथ :
|
पुं० [सं० अव√भू (भरण-पोषण)+क्थन्] यज्ञ की समाप्ति के समय का अंतिम कृत्य और स्नान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवभृथ-स्नान :
|
पुं० [कर्म० स०] वह स्नान जो यज्ञ की समाप्ति पर किया जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमंता (तृ) :
|
वि० [सं० अव√मन् (जानना)+तृच्] अपमान करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमंथ :
|
पुं० [सं० अव√मन्थ् (मथना)+अच्] लिंगेन्द्रिय का एक रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवम :
|
वि० [सं०√अव (रक्षण आदि)+अमच्] १. जो सबसे नीचे हो। निचला। २. अधम। नीच। ३. अंतिम। आखिरी। ४. रक्षक। पुं० १. पितरों का एक गण या वर्ग। २. अधिक मास। मलमास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमत :
|
वि० [सं० अव√मन् (जानना)+क्त] अपमानित। तिरस्कृत। निंदित। पुं० [सं० अव-मत, प्रा० स०] अनुचित या बुरा मत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमति :
|
स्त्री० [सं० अव√मन्+क्तिन्] १. अरुचि। २. अपमान। निंदा। स्त्री० [सं० अव-मति, प्रा० स०] अनुचित या बुरी मति। (बुद्धि या परामर्श)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवम-तिथि :
|
स्त्री० [कर्म० स०] चांद्र मास की वह तिथि जिसका क्षय हो गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमर्द (ग्रहण) :
|
पुं० [सं० अव√मृद् (चूर्ण करना)+घञ्] ऐसा ग्रहण जिसमें चंद्रमा या सूर्य का मंडल अधिक समय तक और पूरी तरह से छिपा या ढका रहे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमर्दन :
|
पुं० [सं० अव√मृद्+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अवमर्दित] १. कष्ट या दुःख देना। २. पैरों से कुचलना, दलना या रौंदना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमर्दित :
|
भू० कृ० [सं० अव√मृद्+क्त] १. जिसका अवमर्दन हुआ हो। २. कुचला, दला या रौंदा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमर्श :
|
पुं० [सं० अव√मृश् (छूना)+घञ्] १. छूना या स्पर्श करना। २. संबंध स्थापित करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमर्श-संधि :
|
स्त्री० [ष० त०] नाट्य शास्त्र में, पाँच प्रकार की संधियों में से एक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमर्ष :
|
पुं० [अव√मृष् (सहना)+घञ्] =अवमर्षण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमर्षण :
|
पुं० [सं० अव√मृष्+ल्युट्-अन] १. स्पर्श करना। छूना। २. दूर करना। हटाना। ३. नष्ट करना। मिटाना। ४. मान्य या सहन न करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमान :
|
पुं० [सं० अव√मन् (मानना)+घञ्] [भू० कृ० अवमानित] १. किसी के मान का पूरा ध्यान न रखना। जितना चाहिए, उतना आदर या मान न करना। (डिसरिगार्ड) विशेष दे० अवज्ञा। २. महत्त्व मान या मूल्य ठीक प्रकार से न आँकना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमानन :
|
पुं० [सं० अव√मन्+णिच्+ल्युट्-अन] अवमान या अपमान करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमानना :
|
स० [सं० अवमान] अवमान करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमानित :
|
भू० कृ० [सं० अव√मन्+णिच्+क्त] १. जिसका अवमान हुआ हो। २. दे० ‘अपमानित’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमानी (निन्) :
|
वि० [सं० अव√मन्+णिच्+णिनि] अपमान या अवमान करनेवाला। उदाहरण—सोचिअ सूद्र विप्र अवमानी।—तुलसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमूल्यन :
|
पुं० [सं० अवमूल्य+णिच्+ल्युट्-अन] १. किसी वस्तु के मूल्य के कम होने या घटने की अवस्था या भाव। २. आधुनिक अर्थशास्त्र में विनिमय के काम के लिए मुद्रा या सिक्कों का मूल्य कम करने की क्रिया या भाव। (डीवैल्यूएसन) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवमोचन :
|
पुं० [सं० अव√मुच् (छोड़ना)+ल्युट्-अन] बंधन से मुक्त करने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवयव :
|
पुं० [सं० अव√यु (मिलाना)+अप्] [वि० अवयवी] १. शरीर का कोई अंग या भाग। २. वह अंश जो वस्तु की पूर्ति में सहयक हो। भाग। हिस्सा। ३. न्याय शास्त्र में, वाक्य के इन पाँच अंगों में से हर एक-प्रतिज्ञा, हेतु, उदाहरण, उपनयन और निगमन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवयव-रूपक :
|
पुं० [ष० त०] साहित्य में, एक तरह का रूपक अलंकार जिसमें अंगों के गुणों का ही सारूप्य वर्णित होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवयवार्थ :
|
पुं० [अवयव-अर्थ, ष० त०] शब्द के अवयवों (प्रकृति और प्रत्यय) से निकलनेवाला अर्थ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवयवी (विन्) :
|
वि० [सं० अवयव+इनि] १. जिसके अनेक अवयव या अंग हो। २. कुल। पूरा। समूचा। पुं० १. वह वस्तु जिसके बहुत से अवयव या अंग हों। २. देह। शरीर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवयस्क :
|
वि० [सं० न० त०] जो वयस्क न हो। नाबालिग। (माइनर) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवयान :
|
पुं० [सं० अव√या (गति)+ल्युट्-अन] १. नीचे की ओर आना। २. किसी को प्रसन्न करने के लिए उसके पास झुक या दबकर आना। ३. प्रायश्चित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर :
|
वि० [सं०√वृ (आवरण)+अप (बा०) न० त०] १. जो ‘वर’ अर्थात् श्रेष्ठ न हो, फलतः अधम, तुच्छ, नीच या हीन। २. नीचा। ३. कम। न्यून। ४. पीछे या बाद में आने या होनेवाला। (इन्फीरियर) पुं० १. बीता हुआ समय। अतीत काल। २. हाथी का पिछला भाग। अव्य० [सं० अपर] और कोई। अन्य। दूसरा। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरज :
|
पुं० [सं० अवर√जन् (उत्पत्ति)+ड] [स्त्री० अवरजा] १. छोटा भाई। २. नीच कुल में उत्पन्न व्यक्ति। ३. शूद्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरण :
|
वि० =अवर्ण। पुं० =आवरण। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरत :
|
वि० [सं० अव√रम् (क्रीड़ा)+क्त] १. जो रत न हो। विरत। २. ठहरा हुआ। स्थिर। ३. अलग। पृथक्। पुं० =आवर्त्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरति :
|
स्त्री० [सं० अव√रम्+क्तिन्] १. अवरत होने की अवस्था या भाव। २. विराम। ठहराव। ३. निवृत्ति। छुटकारा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर-शैल :
|
पुं० [कर्म० स०] पुराणानुसार पश्चिम का वह पर्वत जिसके पीछे सूर्य का अस्त होना माना जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर-सेवक :
|
पुं० [कर्म० स०] वह कर्मचारी जिसकी गिनती ऊँचे या बड़े सेवकों में न होती हो। (इन्फीरियर सर्वेन्ट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर-सेवा :
|
स्त्री० [कर्म० स०] राजकीय अथवा लोक सेवा का वह अंग जिसमें निम्न कोटि के कर्मचारी होते है। (इन्फीरियर सर्विस) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरा :
|
स्त्री० [सं० अवर+टाप्] १. दुर्गा। २. दिशा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरागार :
|
पुं० [सं० अवर-आगार, कर्म० स०] दे० ‘लोकसभा’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवराधक :
|
वि० [सं० अव√राध्(सिद्ध करना)+ण्युल्-अक] =आराधक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवराधन :
|
पुं० [सं० अव√राध्+ल्युट्-अन] =आराधन। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवराधना :
|
स० [सं० अवराधन] =आराधना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवराधी (धिन्) :
|
वि० [सं० अव√राध्+णिनि] आराधक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरार्ध :
|
पुं० [अवर-अर्ध, कर्म० स०] १. नीचे या पीछे का आधा भाग। २. उत्तरार्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरावर :
|
वि० [अवर-अवर, पं० त०] सबसे बुरा या खराब। निकृष्टतम्। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरिय :
|
वि० दे० ‘आवृत्त’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरु :
|
अव्य० वि० =और। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरुद्ध :
|
वि० [सं० अव√रुर्ध (रोक)+क्त] १. रूँधा या रूँधा हुआ। २. जिसके आगे का मार्ग रूका हो या रोका गया हो। ३. छापा या ढका हुआ। आच्छादित। ४. छिपा हुआ। गुप्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरुद्धा :
|
स्त्री० [सं० अवरूद्ध+टाप्] १. अपने वर्ण की वह दासी या स्त्री जिसे कोई पुरुष अपने घर में रख लें। २. रखी हुई स्त्री। रखेली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरू :
|
अव्य० =अवर (और)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरूढ़ :
|
वि० [सं० अव√रुह् (ऊपर चढ़ना)+क्त] १. नीचे उतरा या उतारा हुआ। आरुढ़ का विपर्याय। २. जो दृढ़ या तत्पर न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव-रूप :
|
वि० [सं० ब० स०] दूषित या मलिन रूपवाला। पुं० बुरा या भद्दा रूप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरेखना :
|
स० [सं० अवलेखन] १. चित्र आदि अंकित करना या बनाना। उरेहना। २. ध्यानपूर्वक देखना या समझना। ३. अनुमान या कल्पना करना। ४. अनुभव करना। जानना। ५. महत्त्व मान या मूल्य समझना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरेब :
|
पुं० [सं० अव-विरुद्ध+रेव-गति] १. तिरछी चाल। २. पहनने के कपड़े की तिरछी काट। ३. टेढ़ी या पेचीली उक्ति अथवा बात। ४. उलझन या संकट की स्थिति। ५. झगड़ा। विवाद। ६. खराबी। दोष। बुराई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरेबदार :
|
वि० [हिं०+फा०] १. तिरछी काट का (कपड़ा)। २. पेचीला (कथन या वाक्य)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोक्त :
|
वि० [सं० अवर-उक्त, स० त०] १. बाद में कहा हुआ। २. जिसका उल्लेख अंत या बाद में हुआ हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोचक :
|
पु० [सं० अव√रुच् (दीप्ति)+णिच्+ण्वुल्-अक] एक रोग जिसमें भूख बहुत कम हो जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोध :
|
पुं० [सं० अव√रुध् (रोक)+घञ्] १. वह तत्त्व या पदार्थ जो किसी उद्देश्य की पूर्ति या कार्य की सिद्धि में बाधक हो। वह तत्त्व या वस्तु जो बीच में या सामने आकर आगे बढ़ने से रोकती हो। २. चारों ओर से घेरने की क्रिया या भाव। ३. घेरा। ४. मार्ग या रास्ता बंद करना। ५. अंतःपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोधक :
|
वि० [सं० अव√रूध्+ण्वुल्-अक] [स्त्री० अवरोधिक] अवरोध करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोधन :
|
पुं० [सं० अव√रूध्+ल्युट्-अन] [वि० अवरोधक, अवरूद्ध अवरोधित] १. अवरोध करने की क्रिया या भाव। २. अंतःपुर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोधना :
|
स० [सं० अवरोधन] [वि० अवरोधक] १. अवरोध करना। २. मार्ग छेकना अथवा आगे बढ़ने से रोकना। ३. चारों ओर से घेरना। घेरा डालना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोधिक :
|
पुं० [सं० अवरोध+ठन्-इक] अंतःपुर का पर्हरी। वि० =अवरोधक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोधित :
|
भू० कृ० [सं० अव√रुध्+णिच्+क्त] १. जिसका अवरोध किया गया हो। २. जिसका मार्ग रोका गया हो। ३. जिसे चारों ओर से घेरा गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोधी (धिन्) :
|
वि० [सं० अव√रुध्+णिनि] [स्त्री० अवरोधिनी] =अवरोधक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोपण :
|
पुं० [सं० अव√रुह्+णिच्,पुक्+ल्युट्-अन] १. उखाड़ना। ‘रोपण’ का विपर्याय। २. न्यायालय द्वारा ऐसे व्यक्ति को अबियोग से मुक्त करना, जिस पर अभियोग सिद्ध न होता हो। (डिस-चार्ज)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोपणीय :
|
वि० [सं० अव√रुह्+णिच्+पुक्+अनीयर] १. जिसका अवरोपण हुआ हो। उखाड़ा हुआ। २. जिसका अवरोहण हो सकता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोपित :
|
वि० [सं० अव√रुह्+णिच्+पुक्+क्त] १. जिसका अवरोपण हुआ हो। उखाड़ा हुआ। २. जो अभियोग आदि से मुक्त किया गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोह :
|
पुं० [सं० अव√रुह्+घ़ञ्] १. ऊपर या ऊँचाई से नीचे आना या उतरना। जैसे—संगीत में स्वरों का अवरोह। २. अवनति। पतन। ३ ०मूल में शाखाएँ निकलना। ४. लता का वृक्ष के चारों ओर लिपटना। ५. साहित्य में, एक अलंकार जिसमें किसी प्रकार के उतार का उल्लेख होता है। (वर्द्धमान नामक अलंकार का विपरीत रूप)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोहक :
|
वि० [सं० अव√रुह्+ण्वुल्-अक] ऊपर या ऊँचाई से नीचे की ओर आने या उतरनेवाला। पुं० अश्वगंध। असगंध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोहण :
|
पुं० [सं० अव√रुह्+ल्युट्-अन] ऊपर या ऊँचाई से नीचे उतरने की क्रिया या भाव। उतार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोहना :
|
अ० [सं० अवरोहण] ऊपर या ऊँचाई से नीचे आना या उतरना। स० [सं० अवरोधन] रोकना। स० दे० ‘उरेहना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोहशाखी (खिन्) :
|
पुं० [सं० अवरोह-शाखा, कर्म० स०+इनि] वट-वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोहिका :
|
स्त्री० [सं० अव√रुह्+ण्वुल्-अक-टाप्, इत्व] अश्वगंध (ओषधि)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोहिणी :
|
स्त्री० [सं० अव√रुह्+णिनि णिनि-ङीष्] फलित ज्योतिष में एक अनिष्ट दशा जो नक्षत्रों के कुछ विशिष्ट स्थानों में पहुँचने से उत्पन्न होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोहित :
|
भू० कृ० [सं० अवरोह+इतच्] १. जिसने अवरोह किया हो या जिसका अवरोह हुआ हो। नीचे आया या उतरा हुआ। २. अवनत। पतित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवरोही (हिन्) :
|
वि० [सं० अव√रुह्+णिनि] १. ऊपर से नीचे की ओर आने वाला। २. जो क्रम के विचार से ऊँचे से नीचे की ओर हो। (डिसेन्डिंग) जैसे—अवरोही स्वर। पुं० १. संगीत में आलाप, स्वर साधन आदि का वह प्रकार या रूप जिसमें क्रमशः ऊँचे स्वर के उपरांत नीचे स्वरों का उच्चारण होता है। आरोही का विपर्याय। २. वटवृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्ग :
|
वि० [सं० न० ब०] जो किसी वर्ग में न हो अथवा जिसका कोई वर्ग न हो। पुं० [ष० त०] स्वर-वर्ण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्गित :
|
वि० [सं० वर्ग√+इतच्, न० त०] १. जो किसी वर्ग में न रखा गया हो। २. जिसके वर्ग न बनायें गये हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्ण :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसका कोई वर्ण या रंग न हो। रंगहीन। २. बिगड़े हुए अथवा भद्देरंगवाला। ३. जो ब्राह्मण क्षत्रिय आदि में से किसी वर्ण का न हो। पुं० [कर्म० स०] अकार अक्षर। अ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्ण्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसका वर्णन न हुआ हो अथवा न हो सकता हो। वर्णनातीत। २. जो वर्ण या उपमेय न हो अर्थात् उपमान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्त्त :
|
पुं० [सं०√वृत्त (बरतना)+घ़ञ्, न० त०] १. अपारदर्शी वस्तु। २. पानी की भँवर। आवर्त्त। ३. घुमाव। चक्कर। फेर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्त्तन :
|
पुं० [सं०√वृत्+ल्युट्-अन, न० त०] १. जीविका या वृत्त का अभाव। २. पारस्परिक बरताव या व्यवहार का अभाव। दे० ‘आवर्त्तन’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्त्तमान :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वर्त्तमान या प्रस्तुत न हो। अविद्यमान। २. जो उपस्थित न हो। अनुपस्थित। पुं० वर्त्तमान न होने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्धमान :
|
वि० [सं० न० त०] जो वर्धमान न हो अर्थात् न बढ़ानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवर्षण :
|
पुं० [सं० न० त०] वर्षा या वृष्टि का अभाव। अनावृष्टि। सूखा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलंघन :
|
पुं० [सं० अव√लग्ङ् (लाँघना)+ल्युट्-अन] =उल्लंघन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलंघना :
|
स० [सं० अवलंघन] १. उल्लघन करना। २. लाँघना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलंब :
|
पुं० [सं० अव√लम्ब् (सहारा लेना)+घञ्] १. वह जिस पर कोई चीज या बात आश्रित या ठहरी हो। जिस पर कुछ टिका या ठहरा हो। आश्रय। सहारा। जैसे—हमारा तो ईश्वर के सिवा और कोई अवलंब नहीं है। २. किसी के सहारे लटकनेवाली वस्तु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलंबक :
|
पुं० [सं० अव√लम्ब्+ण्वुल्-अक] एक प्रकार का छंद या वृत्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलंबन :
|
पुं० [सं० अव√लम्ब्+ल्युट्-अन] १. किसी के सहारे टिकने या ठहरने की क्रिया या भाव। किसी को आधार बनाकर या मानकर उसपर आश्रित होना। २. अंगीकार, ग्रहण या धारण करना। ३. अनुकरण। अनुसरण। ४. छड़ी, जिसके सहारे चलते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलंबना :
|
स० [सं० अवलंबन] १. किसी को अवलंब बना या मानकर उसके सहारे टिकना या ठहरना। किसी को आधार मानकर उसके सहारे आश्रित होना। २. ग्रहण या धारण करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलंबित :
|
भू० कृ० [सं० अव√लम्ब्+क्त] किसी के सहारे पर टिका या ठहरा हुआ। आश्रित। जैसे—यह बात तो आप पर ही अवलंबित है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलंबी (बिन्) :
|
[सं० अव√लम्ब्+णिनि] [स्त्री० अवलंबिनी] १. जो किसी आधार पर ठहरा या टिका हो। अवलंब ग्रहण करनेवाला। २. ग्रहण या धारण करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलक्ष :
|
पुं० [सं० अव√लक्ष् (देखना)+घ़ञ्] सफेद रंग। वि० [अवलक्ष+अच्] सफेद रंग का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलग्न :
|
वि० [सं० अव√लग् (संग)+क्त] १. किसी के साथ मिला, लगा या सटा हुआ। २. संबंध रखनेवाला। लगा हुआ। पुं० शरीर का मध्य भाग जिसमें ऊपर और नीचे के भाग लगे होते हैं। धड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलच्छना :
|
स० [सं० अव+लक्ष] देखना। वि० स्त्री० [सं० अव√लक्षण] बुरे लक्षणोंवाली। अलक्षणी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलि :
|
स्त्री० =अवली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलिप्त :
|
वि० [सं० अव√लिप् (लीपना)+क्त] १. लिपा या पुता हुआ। २. किसी काम, बात या विषय में अच्छी तरह डूबा या लगा हुआ। लीन। ३. अपने आप में किसी गुण का अवलंप करनेवाला। अपने आपको कुछ लगाने या समझानेवाला अर्थात् अभिमानी। (प्रिजम्पट्युअस) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलिप्ति :
|
स्त्री० [सं० अव√लिप्+क्तिन्] १. अवलिप्त होने की अवस्था या भाव। २. अपने आप को कुछ लगाना या बड़ा समझना। अवलेप। (प्रिजम्पट्यूअसनेस) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलिया :
|
पुं० दे० ‘औलिया’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवली :
|
स्त्री० [सं० अवलि] १. कुछ या कई वस्तुओं या व्यक्तियों के एक सीध में रहने या होने की अवस्था। पंक्ति। कतार। २. झुंड। समूह। ३. उपज या फसल का वह अंश जो पहले-पहले काटा जाए। ४. भेडों आदि पर से एक बार में काटा हुआ ऊन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलीक :
|
वि० [सं० अव्यलीक] १. पाप रहति। निष्पाप। २. दोष रहित। निर्दोष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलीढ़ :
|
भू० कृ० [सं० अव√निह् (आस्वादन)+क्त] १. खाया हुआ। भक्षित। २. चाटा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलीला :
|
स्त्री० [सं० प्रा० स०] १. क्रीड़ा या खेल। २. अनादर या अपमान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलुंचन :
|
पुं० [सं० अव√लुञ्च् (काटना, हटाना)+ल्युट्-अन] १. काटना, छेदना या फाड़ना। २. उखाड़ना। ३. खोलना। ४. हटाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलुंचित :
|
भू० कृ० [सं० अव√लुञ्च्+क्त] १. जिसका अवलुंचन हुआ हो। २. खुला हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलुंठन :
|
पुं० [सं० अव√लुण्ठ् (चुराना)+ल्युट्-अन] १. जमीन पर लोटना। २. किसी का धन लूटना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलुंठित :
|
भू० कृ० [सं० अव√लुण्ठ्+क्त] १. जमीन पर लुढ़का या लोटा हुआ। २. जिसका सब कुछ लूट लिया गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेखन :
|
पुं० [सं० अव√लिख्+ल्युट्-अन] १. खुरचना, खोदना या चिन्ह लगाना। २. कंघी आदि से सिर के बाल झाड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेखना :
|
स० [सं० अवलेखन] १. खोदना या खुरचना। २. चित्र या मूर्ति अंकित करना। उकेरना। ३.चिन्ह या निशान लगाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेखनी :
|
स्त्री० [सं० अवलेखन+ङीष्] १. वह करण या वस्तु जिससे कुछ अंकित किया जाए। जैसे—कलम, कूँची आदि। २. कंघी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेखा :
|
स्त्री० [सं० अव√लिख्+अ-टाप्] =अवलेखनी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेप :
|
पुं० [सं० अव√लिप्(लीपना)+घञ्] १. उबटन लेप आदि चिकने तथा सुगंधित तरल पदार्थ जो शरीर पर मले या लगाये जाते है। २. मलहम। ३. अपने आप में ऐसे गुणों या विशेषताओं का आरोप करना जो वास्तव में न हो अथवा कम हों। अपनी योग्यता के संबंध में आवश्यकता से अधिक होनेवाला भान। (प्रिजम्पशन) ४. अभिमान। ५. आक्रमण। चढ़ाई। ६. हिंसा। ७. संबंध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेपक :
|
वि० [सं० अव√लिप्+ण्वुल्-अक] अपने आप में किसी बात का झूठा अवलेप करनेवाला। अपने आपको कुछ लगाने या बड़ा समझनेवाला। (प्रिजम्पट्यूअस) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेपकता :
|
स्त्री० [सं० अवलेपक+तल्-टाप्] अवलेपक होने की अवस्था गुण या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेपन :
|
पुं० [सं० अव√लिप्+ल्युट्-अन] १. उबटन, लेप आदि सुंगधित पदार्थ शरीर पर लगाने की क्रिया या भाव। २. मलहम लगाना। ३. अपने आप में ऐसे गुणों या विशेषताओं का आरोप करना जो वास्तव में न हों। ४. लगाव। संबंध। ५. ऐब। दोष। ६. चंदन का वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेपना :
|
अ० [सं० अवलेप] १. अपने आपको दूसरें से बहुत बढ़ा-चढ़ा समझना। अपने में ऐसे गुणों का आरोप करना जो वास्तव में न हों। २. किसी पर कोई आरोप करना। दोष लगाना। उदाहरण—विद्यापति इन सुन वर नारि। पहु अव लेपिस दोष विचारि।—विद्यापति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेह :
|
पुं० [सं० अव√लिह् (चाटना)+घञ्] [वि० अवलेह्य] १. गाढ़ी लेई। २. चाटने की वस्तु। जैसे—चटनी, शहद आदि। ३. ऐसी ओषधि या वस्तु जो चाटी जाए। ४. फलों आदि का वह गूदा और रस जो पकाकर गाढ़ा कर लिया गया हो। (जेलीं)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेहन :
|
पुं० [सं० अव√लिह्+ल्युट्-अन] जीभ से चाटने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलेह्य :
|
वि० [सं० अव√लिह्+ण्यत्] (ओषधि, चटनी आदि) जो चाटी जाने को हो या चाटे जाने के योग्य हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोक :
|
पुं० [सं० अव√लुक् या लोक(देखना)+घञ्] १. दृष्टिपात। २. उद्देश्य विशेष से ध्यानपूर्वक देखना। पुं० =आलोक (प्रकाश)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोकक :
|
वि० [सं० अव√लोक्+ण्वुल्-अक] १. अवलोकन या दृष्टिपात करनेवाला। २. उद्देश्य विशेष से ध्यानपूर्वक देखनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोकन :
|
पुं० [सं० अव√लोक्+ल्युट्-अन] १. किसी उद्देश्य से ध्यानपूर्वक देखने की क्रिया या भाव। २. दृष्टिपात करना। देखना। (आदर-सूचक)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोकना :
|
स० [सं० अवलोकन] १. ध्यानपूर्वक देखना। २. इस विचार से देखना कि इसमें कोई दोष तो नहीं है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोकनीय :
|
वि० [सं० अव√लोक्+अनीयर्] [स्त्री० अवलोकनीया] १. अवलोकन किये जाने के योग्य। २. बहुत सुंदर या अच्छा। दर्शनीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोकित :
|
भू० कृ० [सं० अव√लोक्+क्त] जिसका अवलोकन किया गया हो। पुं० एक बुद्ध का नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोकितेश्वर :
|
पुं० [सं० अवलोकित-ईश्वर, कर्म० स० या ब० स०] एक बोधिसत्त्व का नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोक्य :
|
वि० [सं० अव√लोक्+ण्यत्] १. जिसका अवलोकन होने को हो। २. दे० ‘अवलोकनीय’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोचना :
|
स० [सं० आलोचना] आँखों से दूर हटाना। सामने से दूर करना। उदाहरण—कोचै तकै इह चाँदनी ते अलि, याहि निबाहि व्यथा अबलोचै।—पद्माकर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोप :
|
पुं० [सं० अव√लुप् (काटना)+घञ्] १. काटना। २. बलपूर्वक छीनना या ले लेना। ३. आक्रमण करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवलोम :
|
वि० [सं० ब० स०] १. अनुकूल। २. उपयुक्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अववदन :
|
पुं० [सं० अव√वद् (बोलना)+ल्युट्-अन] १. अनुचित वचन कहना। २. निंदा करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अववर्त्त :
|
वि० [सं० अव√वृत्त (बरतना)+घञ्] जितना अपेक्षित आवश्यक या उचित हो, उससे कम या थोड़ा। (डिफिसिट) पुं० आय या पावने से अधिक व्यय या देना होना। जैसे—अववर्त्त आयव्ययिक-ऐसा आय-व्ययिक जिसमें आय से अधिक व्यय अथवा पावने से अधिक देना दिखलाया गया हो। (डेफिसिट बजट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवबाद :
|
पुं० [सं० अव√वद्+घञ्]-अपवाद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवश :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जो अधिकार या वश में न हो। २. जो अपने वश में न होकर किसी दूसरे के वश में हो। पुं० [न० त०] वश में न होने अथवा वश न चलने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवशता :
|
स्त्री० [सं० अवश+तस्-टाप्] अवश होने की अवस्था या भाव। बेबसी। लाचारी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवशप्त :
|
वि० [सं० अव√शप् (शापदेना)+क्त] =अभिशप्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवशिष्ट :
|
वि० [सं० अव√शिष् (बचना)+क्त] (कार्य, धन पावना आदि) जो अभी बाकी या शेष बचा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवशीर्ण :
|
वि० [सं० अव√शृ (हिंसा)+क्त] १. कटा या टूटा हुआ। छिन्न-भिन्न। २. छितराया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवशीर्ष :
|
वि० [सं० ब० स०] १. जिसका सिर नीचे की ओर झुक गया हो। २. जिसका ऊपरी भाग नीचे हो गया हो। औंधा। ३. नत-मस्तक। पुं० एक प्रकार का नेत्र रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवशेष :
|
पुं० [सं० अव√शिष्+घञ्] १. वह जो कुछ उपभोग, नाश, विश्लेषण व्यय आदि के उपरांत बचा हो। २. वह धन या संपत्ति जो किसी के मरने के उपरांत बची हो। ३. अंत। समाप्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवशेषित :
|
भू० कृ० [सं० अवशिष्ट] १. जिसका अवशेष या अंत किया गया हो। २. अवशिष्ट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवशोषण :
|
पुं० [सं० अव√शुष् (सोखना)+णिच्+ल्युट्-अन] [वि० अवशोषक, अवशोषी] किसी पदार्थ विशेषतः तरल पदार्थ को खींचकर इस प्रकार अपने आप में मिला लेना कि जल्दी उसका पता न चले। सोखना (एब्जार्पशन)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवश्यंभावी (विन्) :
|
वि० [सं० अवश्यम्√भू (होना)+णिनि] जिसका घटित होना बिलकुल निश्चित हो। जो अवश्य होने को हो। (इनेक्टेबुल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवश्य :
|
अव्य० [सं० अवश्यम्] १. निश्चित रूप से। २. बिना कोई अंतर हुए। वि० [सं० न० त०] [स्त्री० अवश्या] १. जिस पर कोई वश न हो। २. जो वश में न किया जा सके। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्यमेव :
|
अव्य० [सं० अवश्यम्-एव, द्व० स०] हर परिस्थिति में अवश्य और निश्चित रूप से। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवश्या :
|
स्त्री० [सं० अव√श्यै (गति)+क-टाप्, या, न-वश्या, न० त०] १. मन-माना आचरण करने वाली स्त्री। स्वैरिणी। २. कुटला या दुश्चरित्रा स्त्री। ३. कोहरा। पाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवश्याय :
|
पुं० [सं० अव√श्यै+ण] १. तुषार। पाला। २. ओस। ३. वर्षा की झींसी या फुहार। ४. हिम-कण। ५. अभिमान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवष्टंभ :
|
पुं० [सं० अव√स्तम्भ् (रोकना)+घञ्] १. सहारा। आश्रय। २. स्तम्भ। खंभा। ३. सोना। स्वर्ण। ४. नम्रता का अभाव। उद्दंडता। ५. अभिमान। ६. पूरी तरह से ठहरना या रुकना। ७. साहस। हिम्मत। ८. श्रेष्ठता। ९. पक्षपात नामक रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवष्टंभन :
|
पुं० [सं० अव√स्तम्भ्+ल्युट्-अन] १. सहारा देने या लेने की क्रिया या भाव। २. रुकाव। स्तंभन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवष्टब्ध :
|
भू० कृ० [सं० अव√स्तम्भ्+क्त] १. जिसने कोई सराहा लिया हो। २. रोका हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसंजन :
|
पुं० [सं० अव√सञ्ज् (चिपकना)+ल्युट्-अन] गले लगाना। आलिंगन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस :
|
क्रि० वि० -अवश्य। वि० =अवश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसक्त :
|
भू० कृ० [सं० अव√सञ्ज्+क्त] चिपका, सटा या लगा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसक्थिका :
|
स्त्री० [सं० ब० स० कप्-टाप्] १. बैठने की वह मुद्रा जिसमें पीठ और घुटने कपड़े से बाँध लिये जाते हैं। २. उक्त अंगों को बाँधनेवाला कपड़ा। ३. खाट का उनचन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसथ :
|
पुं० [सं० अव√सो (अंत करना)+कथन] १. रहने का स्थान। निवास स्थान। २. घर। मकान। ३. विद्यार्थियों के रहने का स्थान। (बोर्डिग, होस्टल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसन्न :
|
वि० [सं० अव√सद् (उदास या दुःखी होना)+क्त] [भाव० अवसन्नता] १. जिसे विषाद हो। दुःखी। २. नाश की ओर बढ़नेवाला। ३. उत्साह या तत्परता से रहित। सुस्त। ४. दबा या धँसा हुआ। ५. जो सुन्न या स्तब्ध हो गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसन्नता :
|
स्त्री० [सं० अवसन्न+तल्-टाप्] १. अवसन्न होने की अवस्था या भाव। २. विषाद। दुःख। ३. विनाश। बरबादी। ४. आलस्य। सुस्ती। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर :
|
पुं० [सं० अव√सृ (गति)+अच्] १. नियत या निश्चित परिस्थिति या समय। जैसे—इसका अवसर एक वर्ष बाद आयेगा। २. ऐसी अनुकूल या वांछनीय परिस्थिति जिसमें अपनी रुचि के अनुसार कार्य किया जा सके। जैसे—ऐसा अवसर भाग्य से ही मिलता है। मुहावरा—अवसर चूकना=किसी अनुकूल या इष्ट परिस्थिति का हाथ से निकल जाना। अवसर ताकना-अनुकूल या इष्ट परिस्थिति की प्रतीक्षा में रहना। अवसर लेना=उपयुक्त समय देखकर किसी से बदला चुकाना। ३. दे० ‘अवकाश’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर-ग्रहण :
|
पुं० [ष० त०] दे० ‘अवकाशग्रहण’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर-प्राप्त :
|
वि० [सं० ब० स०] =अवकाश-प्राप्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसरवाद :
|
पुं० [ष० त०] एक पाश्चात्य दार्शनिक सिद्धांत जिसके अनुसार ईश्वर ही कर्त्ता और ज्ञाता माना जाता है और जीव उसका निमित्त मात्र समझा जाता है। २. यह सिद्धांत कि जब जैसा अवसर आवे तब वैसा काम करके मतलब निकालना चाहिए। (अपारच्युनिज्म)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसरवादी (दिन्) :
|
वि० [सं० अवसरवाद+इनि] अपने लाभ या अपने स्वार्थ के लिए सदा उपयुक्त अवसर की ताक या तलाश में रहने और उससे लाभ उठानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसरिक :
|
वि० [सं० अवसर+ठन्-इक] बीच-बीच में या कुछ विशिष्ट अवसरों पर होता रहनेवाला। (आँकिजनल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर्ग :
|
पुं० [सं० अव√सृज् (त्यागना)+घञ्] १. मुक्ति। छुटकारा। २. शिथिलता। ३. देन अथवा दंड आदि में होनेवाली कमी या छूट। (रेमिशन)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर्जन :
|
पुं० [सं० अव√सृज्+ल्युट्-अन] १. छोड़ना। त्यागना। २. मुक्त या स्वतंत्र करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर्प :
|
पुं० [सं० अव√सृप् (गति)+घञ्] भेदिया। जासूस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर्पण :
|
पुं० [सं० अव√सृप्+ल्युट्-अन] १. ऊपर से नीचे आना या उतरना। २. अघःपतन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर्पिणी :
|
स्त्री० [सं० अव√सृप्+णिनि-ङीष्] जैन शास्त्रानुसार पतन का वह काल विभाग जिसमें रूप आदि का क्रमशः ह्रास होता है। अवरोह। विरोह। विवर्त्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसर्पी (र्पिन्) :
|
वि० [सं० अव√सृप्+णिनि] नीचे आने या उतरनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसव्य :
|
वि० =अपसव्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसाद :
|
पुं० [सं० अव√सद् (खिन्नहोना)+घञ्] [वि० अवसन्न, भू० कृ० अवसादित, कर्त्ता अवसादक] १. आशा, उत्साह, शक्ति का अभाव। २. विषाद० रंज। ३. मन या शरीर की ऐसी थकावट या शिथिलता जिसमें कुछ भी करने को जी न चाहे। (लैस्सिट्यूड) ४. पराजय। हार। ५. दुर्बलता। कमजोरी। ६. अन्त। समाप्ति। अवसादक |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसादन :
|
पुं० [सं० अव√सद्+णिच्+ल्युट्-अन] १. शिथिल या हतोत्साह होने की अवस्था या भाव। थकावट। २. विनाश। ३. विरक्ति। ४. घाव की मरहम पट्टी। (ड्रेसिंग) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसादना :
|
अ० [सं० अवसाद] १. अवसाद या विषाद से युक्त होना। दुःखी होना। २. निराश होना। स० १. किसी को अवसाद से युक्त या पूर्ण करना। २. नष्ट करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसादी (दिन्) :
|
वि० [सं० अवसाद+इनि] १. अवसाद उत्पन्न करनेवाला। २. अवसाद से युक्त फलतः शिथिल या हतोत्साह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसान :
|
पुं० [सं० अव√सो (नष्टकरना)+ल्युट्-अन] १. ठहरने या रुकने की क्रिया या भाव। ठहराव। विराम। २. वह बिन्दु या स्थान जहाँ किसी प्रकार के विकास, विस्तार, वृद्धि आदि का अंत, पूर्ति या समाप्ति होती है। (टर्मिनेशन) उदाहरण—(क) नहिं तव आदि मध्य अवसाना।—तुलसी। (ख) दिवस का अवसान समीप था।—हरिऔध। ३. अंत। समाप्ति। ४. सीमा। हद। ५. मरण। मृत्यु। ६. कविता या छंद का अंतिम चरण। ७. पतन। पुं० [फा० औसान] १. चेतना। ज्ञान। २. संज्ञा। होश। उदाहरण—बद्दारी बर कहि वीर अवसान संभारिन।—चंदवरदाई। पुं० =एहसान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसानक :
|
वि० [सं० अवसान+णिच्+ण्वुल्-अक] १. अवसान करनेवाला। २. जो अंत या सीमा तक पहुँच रहा हो। पुं० वह बिंदु या स्थान जहाँ पहुँचने पर किसी क्रिया रेखा आदि का अवसान होता हो। (टर्मिनस) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसानिक :
|
वि० [सं० आवसानिक] अवसान (अंत या समाप्ति) से संबंध रखने या उसमें होनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसाय :
|
पुं० [सं० अव√सो+घञ्] १. अंत या समाप्ति। २. नाश। ३. निष्कर्ष। ४. निश्चय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसायिता :
|
स्त्री० [सं० अवसित=ऋद्ध]=ऋद्धि (डिं०)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसायी (यिन्) :
|
वि० [सं० अव√सो+णिनि] रहनेवाला। निवासी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसि :
|
क्रि० वि० =अवश्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसिक्त :
|
वि० [सं० अव√सिच् (सींचना)+क्त] सींचा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसित :
|
वि० [सं० अव√सो+क्त] १. रहनेवाला। निवासी। २. जो पूर्ण या समाप्त हुआ हो। ३. अच्छी तरह पका हुआ। परिपक्य। ४. निश्चित। ५. लगा या सटा हुआ। संबद्ध। ६. किसी में वर्त्तमान या स्थित। ७. परिवर्तित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसी :
|
स्त्री० [सं० आवसित, प्रा० आवसिअ-पका धान्य] नवान्न आदि के लिए काटा जाने वाला धान्य या उसका फूला। वि० [सं० अव√स्वप्(सोना)+क्त] सोया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसृष्ट :
|
भू० कृ० [सं० अव√सृज् (त्यागना)√क्त] १. त्यागा हुआ। त्यक्त। २. दिया हुआ। दत्त। ३. निकाला हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसेक :
|
पुं० [सं० अव√सिच्+वञ्] १. सींचना। सिचन। २. एक प्रकार का नेत्र-रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसेख :
|
वि० पुं० =अवशेष।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसेचन :
|
पुं० [सं० अव√सिच्+ल्युट्-अन] १. पानी से सींचना। २. पर्साजना। ३. औषध आदि के द्वारा रोगी के शरीर से पसीना निकालना। ४. शरीर का विकृत्य रूप निकालना (जैसे—जोंक या सींगी लगाकर या फसद खोलकर)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसेर :
|
स्त्री० [सं० अवसेरू-बाधक] १. उलझन। झंझट। २. देर। विलंब। ३. बेचैनी। विकलता। ४. चिंता। व्यग्रता।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसेरना :
|
स० दे० ‘अवसेर’। अ० विलंब करना। देर लगाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसेष :
|
वि० =अवशेष। वि०=विशेष। उदाहरण—महि नभ सर पंजर कियो, रहिमन बल अवसेष।—रहीम। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवसेषित :
|
वि० =अवशिष्ट।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्कंद :
|
पुं० [सं० अव√स्कन्द (गति)+घञ्] १. नीचे आना या उतरना। २. वह स्थान जहाँ अस्थायी रूप से तंबू आदि लगाकर सेना ठहरी हो। ३. तंबू। ४. आक्रमण। ५. बरात के ठहरने का स्थान। जनवासा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्कंदक :
|
वि० [सं० अव√स्कन्द्+ण्वुल्-अक] १. नीचे उतरनेवाला। २. आक्रमण करनेवाला। ३. किसी के ऊपर कूदनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्कंदित :
|
भू० कृ० [सं० अव√स्कन्द+क्त] १. जिसपर आक्रमण किया गया हो। आक्रांत। २. नीचे आया या उतरा हुआ। ३. अमान्य किया हुआ। ४. नहाया हुआ। स्नात। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्कर :
|
पुं० [सं० अव√कृ (विक्षेप)+अप्,सुट्] १. मल। विष्ठा। २. गोबर। ३. कूड़ा-कर्कट। ४. वह स्थान जहाँ मल-मूत्र, विष्ठा आदि फेंका जाता है। कतवारखाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्करक :
|
पुं० [सं० अवस्कर+कन्] १. कूड़ा-कर्कट, गोबर, मल-मूत्र विष्ठा आदि उठानेवाला। २. गंदे या मलिन स्थान में रहनेवाला। जैसे—गोबरैला। ३. झाड़ू। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्तार :
|
पुं० [सं० अव√स्तृ (आच्छादन)+घञ्] १. परदा। यवनिका। २. वह परदा जो खेमे के चारों ओर लगाया जाता है। कनात। ३. बैठने की वस्तु। जैसे—आसन, चटाई आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्तु :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वस्तु न हो। २. तुच्छ। नगण्य। हीन। पुं० १. वस्तु का अभाव। २. तुच्छ, नगण्य अथवा हीन वस्तु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्थांतर :
|
पुं० [सं० अवस्था-अंतर, मयू० स०] एक अवस्था में बदली हुई दूसरी अवस्था। परिवर्तित दशा या स्थिति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्था :
|
स्त्री० [सं० अव√स्था (ठहरना)+अङ्-टाप्] १. किसी विशिष्ट या स्वतंत्र रूप में अस्तित्व में (वर्त्तमान या स्थित) होने का तत्त्व, भाव या स्वरूप। दशा। स्थिति। हालत। (कन्डिशन) जैसे—(क) कौमार्य का बाल्यावस्था, (ख) रोगी की अवस्था, (ग) युद्ध या शान्ति की अवस्था आदि। विशेष—(क) तात्त्विक दृष्टि से अवस्था किसी बात या वस्तु का वह वर्त्तमान रूप है जिससे वह स्थित दिखाई देती है और जिसमें समयानुसार परिवर्त्तन भी होता रहता है। यह बहुत कुछ वातावरण या परिस्थितियों पर भी आश्रित रहती है। (ख) वेदान्त में इसी आधार पर मनुष्य की चार (जाग्रति, स्वप्न, सुषुप्ति और तुरीय) तथा निरुक्त के अनुसार पदार्थों की छः (जन्म, स्थिति, वर्धन, विपरिणयन, अपक्षय और नाश) अवस्थाएँ मानी गई है। (ग) काम-शास्त्र और साहित्य में इसी को दशा कहते हैं, जो गिनती में दस कहीं गई हैं। (विशेष दे० ‘दशा’)। २. आयु का उतना भाग जितना कथित समय तक बीत चुका हो। उमर। वय। जैसे—दस वर्ष की अवस्था में वे निकल पड़े थे। ३. किसी प्रकार की दृष्य आकृति या स्वरूप। जैसे—उनकी अवस्था दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। ४. भग। योनि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्थान :
|
पुं० [सं० अव√स्था+ल्युट्-अन] १. आकर ठहरने या रूकने या कोई काम होने का स्थान। (स्टेशन) जैसे—रेलवे अवस्थान (रेलवे स्टेशन), आरक्षी अवस्थान (पुलिस स्टेशन) आदि। २. निवास-स्थान। ३. कोई अमूर्त्त परन्तु निश्चित या विशिष्ट स्थान या स्थिति। (स्टेज) ४. वह केन्द्र बिंदु जिसपर और सब बातें या वस्तुएँ आश्रित या स्थिर हों। ५. संपत्ति आदि पर रहने या होनेवाला किसी का अधिकार या स्वत्व। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्थापन :
|
पुं० [सं० अव√स्था+णिच्, पुक्+ल्युट्-अन] १. निश्चित या तै करना। २. निवास स्थान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्थित :
|
भू० कृ० [सं० अव√स्था+क्त] १. किसी विशिष्ट अवस्था में आया हुआ। २. किसी विशिष्ट स्थान में ठहरा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्थिति :
|
स्त्री० [सं० अव√स्था+क्तिन्] १. स्थित होने की अवस्था या भाव। २. वर्त्तमान होने की अवस्था या भाव। वर्त्तमानता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्फूर्ज :
|
पुं० [सं० अव√स्फूर्ज (वज्र का शब्द)+घञ्] बादलों की गड़गड़ाहट या गरज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवस्यंदन :
|
पुं० [सं० अव√स्यनद् (बहना)+ल्युट्-अन] १. टपकना या चूना। २. रसना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवह :
|
वि० [सं० अव√वह् (ढोना)+अच्, न० ब०] जिसका वहन न हो सके। जो ढोया न जा सके। पुं० १. वह प्रदेश जिसमें नदी-नाले न बहते हों। २. आकाश के तृतीय स्कंध पर पाई जानेवाली वायु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहनन :
|
पुं० [सं० अव√हन् (हिंसा)+ल्युट्-अन] १. पीटना। २. पटकना। ३. पछोड़ना। फटकना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहरण :
|
पुं० [सं० अव√हृ (चुराना)+ल्युट्-अन] १. चुरा, छीन या लूट लेना। २. दूर हटना। ३. सेना का पीछे हटकर (विश्राम के लिए) कहीं ठहरना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहस्त :
|
पुं० [सं० एकदेशि त० स०] हथेली का पिछला भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहार :
|
पुं० [अव√हृ(हरण)+ण] १. युद्ध रत दलों का कुछ नियत समय के लिए युद्ध बंद करना। अस्थायी रूप से युद्ध बंद होना। (आमिंस्टिक) २. दोनों दलों में उक्त निश्चय संबंधी होनेवाली संधि। ३. सूँस। ४. घड़ियाल। ५. निमंत्रण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहारक :
|
पुं० [सं० अव√हृ+ण्वुल्+अक] १. वह जो कुछ समय के लिए झगड़ा या लड़ाई रोक दे। २. सूँस नामक जल-जंतु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहार्य :
|
वि० [सं० अव√हृ+ण्यत्] १. जिसका वहन हो सकता हो अथवा जो वहन किये जाने के योग्य हो। २. दंडनीय। ३.जिसे फिर से प्राप्त किया जा सकता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहास :
|
पुं० [सं० अव√हस् (हँसना)+घञ्] १. बहुत धीरे से हँसना। मुस्काना। २. अपहास करना। दिल्लगी उड़ाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहित :
|
वि० [सं० अव√धा (धारण)+क्त] १. किसी में गिरा या पड़ा हुआ। जैसे—जल में अवहित। २. किसी में रखा या समाया हुआ। ३. सावधान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहित्थ :
|
पुं० [सं० वहिस्√स्था (ठहरना)+क, पृषो० सिद्धि, न० त०] साहित्य में चतुरता पूर्वक मन का कोई भाव छिपाना। (यह एक संचारी भाव माना गया है)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहित्था :
|
स्त्री० =अवहित्थ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवही :
|
पुं० [सं० अवह] १. वह प्रदेश जहाँ नदी-नालें न हों। २. एक प्रकार का बबूल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहृत :
|
भू० कृ० [सं० अव√हृ+क्त] १. एक ओर हटाया हुआ। २. हरण किया हुआ। ३. दंडित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहेलन :
|
स्त्री० [सं० अव√हेड् (अनादर)+ल्युट्, अन, लत्व] [भू० कृ० अवहेलित] १. अवज्ञा। तिरस्कार। २. किसी आज्ञा, आदेश या व्यक्ति की ओर जान-बूझकर उचित ध्यान न देना। उपेक्षा। (डिस्रिगार्ड) ३. लापरवाही। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहेलना :
|
स्त्री० [सं० अव√हेड्+युच्-अन, लत्व] =अवहेलन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहेला :
|
स्त्री० [सं० अव√हेड्+अ-टाप्, ड के स्थान में ल] =अवहेलन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवहेलित :
|
भू० कृ० [सं० अव√हेड्+क्त, लत्व] १. (आदेश या व्यक्ति) जिसकी अवहेलना हुई हो। २. तिरस्कृत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाँ :
|
पुं० =आवाँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाँग :
|
वि० [सं० अवङ्] नीचे की ओर झुका हुआ। नत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाँगना :
|
स० [सं० अवाङ्] नीचे की ओर मोड़ना या झुकाना। उदाहरण—लीन्हेसी नवाइ डीठि पगनि अवाँगी रो।—पद्माकर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवांछनीय :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वांछनीय (अभिलषित) या (इष्ट) न हों। २. वांछना के लिए अनाधिकारी या अपात्र। (अन्डिजायरेबुल्) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवांछित :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वांछित न हो। २. जिसकी वांछा न की गई हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवांतर :
|
वि० [सं० अव-अंतर, अत्या० स०] १. जो दो छोरों वस्तुओं या बिन्दुओं के बीच में स्थित हो। जैसे—अवांतर दिशा, अवांतर देश आदि। २. जो किसी प्रकार भेद या वर्ग के अंतर्गत हो अथवा किसी में उप-भेद आदि के रूप में मिला हो। जैसे—घोड़ों, तलवारों आदि के अनेक अवांतर भेद होते हैं। ३. गौण। ४. अतिरिक्त। पुं० १. बीच। मध्य। २. भीतरी भाग या स्थान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाँसना :
|
स० [सं० वासन] नये कपड़े, बरतन आदि पहले-पहल प्रयोग में लाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाँसी :
|
स्त्री० [सं० अवासित] नवान्न के लिए फसल मे से पहले पहल काटकर लाया हुआ बोझ। ददरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवा :
|
पुं० =आँवाँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाई :
|
स्त्री० [हिं० आना-आगमन] १. आने की क्रिया या भाव। आगमन। उदाहरण—कहुँ कोउ ठठकि अवाइ लखत बिनु पलक गिराए। रत्ना। २. खेत की गहरी जुताई। सेव का विपर्याय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाक् (च्) :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसके मुँह से वचन न निकल रहा हो। चुप। मौन। २. जो चकित या स्तंभित होने के कारण कुछ बोल न सके। ३. गूँगा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाक्-पुष्पी :
|
स्त्री० [ब० स०] १. वह पौधा जिसके फूल नीचे की ओर झुकें हों। २. अधः पुष्पी। ३. सौंफ। ४. सोआ नामक साग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाक्-शाख :
|
पुं० [ब० स०] अश्वत्थ। पीपल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाक्-श्रुति :
|
वि० [वाक्-श्रुति, द्व० स० न-वाक्श्रुति, न० ब०] जिसे वाक् या श्रवण शक्ति न हो। बहिरा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवागी :
|
वि० [सं० अवाक्] १. जो बोलता न हो। २. चुप। मौन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाङ् :
|
वि० [सं० अव√अञ्च (गति)+क्विन्] नीचे की ओर झुका हुआ जैसे—अवाङ्मुख। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाङ्निरय :
|
पुं० [अवाक्-निरय, कर्म० स०] यह पृथ्वी जो नीचे के लोकों में सबसे नीची और निकृष्ट तथा नरक तुल्य मानी गई है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाच :
|
वि० [सं० अवाच्+ङीष्] दक्षिण दिशा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाचीन :
|
वि० [सं० अवाच्+रव-ईन] १. जो मुँह लटकाएँ या झुकाए हुए हो। अधोमुख। २. लज्जित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाच्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसका उच्चारण या वाचन करना उचित न हो। न कहने योग्य। २. जिससे बात करना उचित न हो। ३. दक्षिण दिशा का। दक्षिणी। पुं० १. अनुचित या बुरी बात। गाली। २. न कहने योग्य बात। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाजा :
|
पुं० [फा० आवाजः] १. आवाज। शब्द। २. ख्याति। प्रसिद्धि। उदाहरण—साँचे विरदसूर के तारत लोकानि लोक अवाज।—सूर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाजी :
|
वि० [हि० आवाज] १. आवाज या शब्द करने वाला। २. बहुत जोर से चिल्लाने या बोलनेवाला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाडू :
|
वि० [?] विपरीत। विमुख। (राज०) उदाहरण—‘पाँख-डियाँ ईकिउँ नहीं, दैव अवाङ् ज्याँह।—ढोला मारू। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवात :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसमें बात न हों। वातरहित। निर्वात। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवादा :
|
पुं० दे० ‘वादा’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवादी (दिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वादी न हो। २. न बोलनेवाला। अवक्ता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवान :
|
वि० [सं० अव√अन्(जीवित रहना)+अच्] सूखा हुआ। शुष्क। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवापन :
|
पुं० [सं० अव√आप् (पाना)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अवाप्त] १. प्राप्त करना। पाना। २. आधि- कारिक रूप से आदाय, कर शुल्क आदि लगाना या स्थिर करना। (लेवी)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवापित :
|
भू० कृ० [सं० वप् (बोना)+णिच्+क्त, न० त०] १. (अन्न) जो बोया न गया हो, फलतः रोपा हुआ। २. न कटा हुआ। (अनाज या उपज) ३. दे० ‘अवाप्त’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाप्त :
|
भू० कृ० [सं० अव√आप्(लाभ)+क्त] १. प्राप्त किया हुआ। २. जिसपर विधिक दृष्टि से या आधिकारिक पूर्वक ऐसा देन लगाया गया हो जो उचित प्राप्य के रूप में उगाहा जा सके। (लेवीड)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाप्ति :
|
स्त्री० [सं० अव√आप्+क्तिन्] १. प्राप्ति। २. आधिकारिक रूप से आधिकारपूर्वक आदाय, कर, शुल्क आदि के रूप में उगाहना लगाना या लेना। ३. आधिकारिक रूप से लोगों को बुलाकर उन्हें शस्त्रित करना अथवा उनकी सेना खड़ी करना। (लेवी)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाप्य :
|
वि० [सं० अव√आप्+ण्यत्] १. जिसे प्राप्त किया जा सके। २. जो प्राप्त किये जाने के योग्य हो अथवा जिसे प्राप्त करना उचित या आवश्यक हो। ३. जिसपर कर, शुल्क आदि लगाया जा सकता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाय :
|
वि० [सं० अवार्य] १. जो रोका न जा सकता हो। अनिवार्य। २. उच्छू-खल। उद्धत। पुं० [सं० अव√इ(गति)+घञ्] हाथ में पहनने का भूषण। कड़ा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवार :
|
पुं० [सं०√वृ (वरण)+घञ्, न० त०] १. नदी के इस ओर की किनारा। ‘पार’ का विपर्याय। २. इस ओर पार्श्व या सिरेवाला पक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारजा :
|
पुं० [फा० अवार्ज, कदाचित् सं० आवर्ज्य से व्यु०] १. वह बही जिसमें असामी की जोत आदि का लेखा रहता है। २. दैनिक-आय-व्यय आदि लिखने की बही। ३. दोहराने या मिलान करने की क्रिया या भाव। मुहावरा—अवारजा करना=बही में लिखना। उदाहरण—अरि अवारजा प्रेम प्रीति कौ, असल तहाँ खतियावै।—सूर। ३. संक्षिप्त लेखा या विवरण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारण :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसका वारण या निषेध न हो सके। सुनिश्चित । २. दे० ‘अनिवार्य’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारणीय :
|
वि० [सं० न० त०] जिसका वारण न किया जा सकता हो, फलतः अनिवार्य या असाध्य। जैसे—अवारणीय रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारना :
|
स० [सं० वारण] १. रोकना। २. मना करना। स० =वारना (निछावर करना)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारपार :
|
पुं० [सं० अवार-पार, द्व० स०+अच्] समुद्र। अव्य० =आर-पार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारा :
|
वि० दे० ‘आवारा’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारिका :
|
स्त्री० [सं० न-वारि, न० ब० कप्-टाप्] धनिया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारिजा :
|
पुं० दे० ‘अवारजा’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारित :
|
वि० [सं० न० त०] १ ०जो वारित न हुआ हो, अर्थात् जिसके संबंध में कोई बाधा या रुकावट न हो। २. जो अवरुद्ध या बंद न हो। जैसे—अवारित द्वार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवारी :
|
स्त्री० [सं० अवार] १. किनारा। सिरा। २. मोड़। ३. छेद। ४. मुँह। स्त्री० [सं० वारण] लगाम।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवार्य :
|
वि० [सं० न० त०] =अवारणीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवावट :
|
पुं० [सं० ] स्त्री के दूसरे सवर्ण पति या उपपति से उत्पन्न पुत्र। जैसे—कुंड और गोलक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवास :
|
पुं० =आवास।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवासाँ :
|
पुं० [सं० आवास] —आवास। उदाहरण—सब रानिन्ह के आदि अवासाँ।—जायसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवासा :
|
वि० [सं० अवासस] जो वस्त्र न पहने हो। नंगा। पुं० दिगंबर जैन साधुओं का एक संप्रदाय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवास्तव :
|
वि० [सं० न० ब०] जो वास्तविक या सच्चा न हो फलतः निराधार या मिथ्या। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवाहन :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसके पास वाहन या सवारी न हो। २. जो वाहन पर न बैठा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवि :
|
पुं० [सं०√अव् (रक्षणआदि)+इन्] १. सूर्य। २. आक। मदार। ३. भेड़ा। (पशु) ४. बकरा। ५. ऊन। ६. पर्वत। ७. दीवार। स्त्री० [सं० ] १. लज्जा। २. ऋतुमती स्त्री। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविक :
|
पुं० [सं० अवि+कन्] १. भेड़। २. हीरा (रत्न)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकच :
|
वि० [सं० न० त०] जो खिला न हो, फलतः बन्द (फल)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकचित :
|
वि० [सं० न० त०] =अविकच। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकट :
|
पुं० [अवि+कट्च्] भेड़ों का झुंड। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकत्थ :
|
वि० [सं० वि√कत्थ् (श्लाघा)+अच्, न० त०] जो अपने संबंध में बढ़ा-चढ़ाकर बातें न करता हो। श्लाघाशून्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकल :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विकल न हो अर्थात् शांत। २. ज्यों का त्यों। जैसे—अविकल अनुवाद। ३. पूरा। संपूर्ण। ४. क्रमित। व्यवस्थित। ५. निश्चित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकल्प :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसमें या जिसका कोई विकल्प न हो। २. सदा निश्चित रूप से एक-सा रहनेवाला। ३. संदेह-रहित। असंदिग्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविका :
|
स्त्री० [सं० अवि+क-टाप्] भेड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकार :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसमें विकार न हो। विकाररहित। २. जिसके आकार या रूप में परिवर्तन न होता हो। पुं० [सं० न० त०] विकार का अभाव। परिवर्त्तन न होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकारी (रिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसमें विकार न हुआ हो या न हो सकता हो। विकारशून्य। २. जिसमें कोई विकार या परिवर्त्तन न हुआ हो। जो विकृत न हुआ हो। पुं० व्याकरण में अव्यय शब्द जिसके रूप में कभी विकार नहीं होता। जैसे—अतः,परंतु, प्रायः बहुधा आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकार्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसमें विकार उत्पन्न न किया गया जा सके या न होता हो। २. नित्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकाशी (शिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विकाशी न हो। २. जिसका या जिसमें विकास न हो। ३. जिसमें चमक न हो। ४. जो खिला, फूला या बढ़ा न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकृत :
|
वि० [सं० न० त०] जो विकृत अर्थात् बिगड़ा हुआ न हो, फलतः ज्यों का त्यों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविकृति :
|
स्त्री० [सं० न० त०] विकृत होने की अवस्था या भाव। अविकार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविक्रम :
|
वि० [सं० न० ब०] जो विक्रमशाली अर्थात् वीर न हो, फलतः अशक्त या कमजोर। पुं० [न० त०] १. कमजोरी। दुर्बलता। २. कायरता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविक्रय :
|
पुं० [सं० न० त०] विक्रय अर्थात् बिक्री न होना। (नान-सेल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविक्रांत :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विक्रांत न हो। २. अतुलनीय। अनुपम। ३. कमजोर। दुर्बल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविक्रिय :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसमें किसी प्रकार का विकार न हुआ हो अथवा विकार उत्पन्न न किया जा सकता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविक्रेय :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विक्रेय (बेचे जाने के योग्य) न हो। २. जो बेचा न जा सके। (अन-सेलेबुल्) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविक्षत :
|
वि० [सं० न० त०] जो विक्षत (टूटा-फूटा) न हो, फलतः पूरा या समूचा। २. जिसकी कोई क्षति या हानि न हुई हो। ३. जिसे आघात या चोट न लगी हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविक्षिप्त :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो क्षिप्त (फेंका हुआ) न हो। २. जो विक्षित (पागल या घबराया हुआ) न हो, फलतः धीर, शांत या समझदार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविगंधा (गंधिका) :
|
स्त्री० [सं० ब० स०] अजगंधा नामक पौधा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविगत :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो जाना न गया हो। अज्ञात। २. अज्ञेय। ३. अनिर्वचनीय। ४. अनश्वर। नित्य। ५. ईश्वर या ब्रह्म का एक विशेषण। उदाहरण—अविगत गोतीता, चरित पुनीता माया रहित मुकुन्दा।—तुलसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविगति :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसकी गति-विधि या कुछ पता न चले। स्त्री० [न० त०] अविगत होने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविगान :
|
पुं० [सं० न० त०] १. असामंजस्य या विरोध का अभाव। २. एकता। सादृश्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविगीत :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विगीत (कुत्सित या निंदित) न हो। २. जिसमें परस्पर असामंजस्य या विरोध न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविग्रह :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसका विग्रह (रूप या शरीर) न हो। अशरीरी और निखयव। २. जो अच्छी तरह जाना न गया हो। अविज्ञात। ३. निर्विवाद। निश्चित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविघात :
|
पुं० [सं० न० त०] विघात का अभाव। बाधा या विघ्न न होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविचल :
|
वि० [सं० न० त०] १. न चलनेवाला। अचल। स्थिर। २. जो विचलित न हो। दृढ़ संकल्पवाला। ३. धीर। शांत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविचार :
|
पुं० [सं० न० त०] [कर्त्ता अविचारी] १. विचार। (विशेषतः आवश्यक या उचित विचार) का अभाव। २. अज्ञान। अविवेक। ३. अनुचित या बुरा विचार। ४. अत्याचार या अन्याय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविचारित :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसके संबंध में अभी कोई विचार न हुआ हो। २. बिना समझे-बूझे किया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविचारी (रिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसमें विचार करने की शक्ति न हो। जो विचार न कर सके। ना-समझ। २. जो औचित्य, न्याय, संगति आदि का विचार न करता हो। ३. (विषय) जिसमें आवश्यक या उचित विचार से काम न लिया गया हो। (क्व०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविचार्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसका विचार न हो सकता हो। २. (इतना असंभव या निकृष्ट) जिसका ध्यान तक न किया जा सकता हो। (अन्थिंकेबुल)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविचालित :
|
वि० [सं० न० त०] १. अटल। स्थिर। २. एकाग्रचित्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविच्छिन्न :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विच्छिन्न (बीच में कटा या टूटा हुआ) न हो। २. निरंतर या लगातार चलते रहनेवाला। जैसे—अविच्छिन्न गति या प्रवाह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविच्छेद :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसका या जिसमें विच्छेद न हुआ हो। पुं० [न० त०] विच्छेद का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविच्युत :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विच्युत या अपने स्थान से भ्रष्ट न हुआ हो। २. नित्य। शाश्वत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविजन :
|
पुं० [सं० अभिजन] कुल। वंश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविजेय :
|
वि० =अजेय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविज्ञ :
|
वि० [सं० न० त०] [भाव० अविज्ञता] जो विज्ञ न हो अर्थात् अनजान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविज्ञता :
|
स्त्री० [सं० अविज्ञ+तल्-टाप्] १. अविज्ञहोने की अवस्था या भाव। २. अज्ञान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविज्ञात :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसके संबंध में कोई जानकारी न हो। २. अज्ञात। ३. नासमझ। ४. अस्पष्ट या संदिग्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविज्ञात-क्रय :
|
पुं० [सं० कर्म० स०] कोई चीज (चोरी से) इस प्रकार खरीदना कि मालिक को पता न चलने पावे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविज्ञाता (तृ) :
|
वि० [सं० न० त०] जो जाननेवाला न हो। पुं० [न० ब०] जिससे बढ़कर जाननेवाला और कोई न हो अर्थात् परमेश्वर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविज्ञेय :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसे जान न सके अथवा जो जाना न जा सके। २. जिसे जानना उचित न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवितत् :
|
वि० [सं० वि√तन्(विस्तार)+क्विप्, न० त०] उलटा, विपरीत या विरुद्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवितत्-करण :
|
पुं० [सं० कर्म० स०] १. पाशुपत दर्शन के अनुसार ऐसे कर्म करना जो अन्य मतवालों के विचार से गर्हित या निंदनीय हों। २. जैन शास्त्रों में विवेक, रहित होकर निंदनीय कार्य करना। ३. कोई अनुचित काम करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवितथ :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो मिथ्या न हो अर्थात् सत्य। २. इतना ठीक और वास्तविक कि उससे कुछ भी भूल या भ्रम न हो। (प्रिसाइज)। पुं० सचाई। सत्यता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवितङाषण :
|
पुं० [सं० अवितत्-भाषण, कर्म० स०] ऐसी बात कहना जो सामान्यतः उपयुक्त ठीक या वास्तविक न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवितर्कित :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसके संबंध में तर्क न किया गया हो। २. जिसमें तर्क के लिए न हो। असंदिग्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवित्त :
|
वि० [सं० न० त०] १. वित्त-रहित। दरिद्र। धन-हीन। २. अविख्यात। ३. अपरिचित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवित्ति :
|
स्त्री० [सं० न० त०] १. वित्त (धन) न होने की अवस्था या भाव। गरीबी। निर्धनता। वि० =अवित्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवित्यज :
|
वि० [सं० √त्यज्(छोड़ना)+क (बा०) न० त०] जो छोड़ा या त्यागा न जा सके। अनिवार्य और आवश्यक। जैसे—रसायन बनाने के लिए पारा अवित्यज है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविद :
|
वि० [सं० √विद्(ज्ञान)+क,न० त०] जो विद् अर्थात् जानकार न हो। अनजान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविदग्ध :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो अच्छी तरह जला न हो। २. जो पका न हो। ३. जो पचा न हो। ४. जो अच्छी तरह पूर्णता को न पहुँचा हो, अर्थात् अनुभवहीन या नौसिखुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविदित :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विदित न हो। अज्ञात। २. गुप्त। ३. अविख्यात। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविद्ध :
|
वि० [सं० न० त०] जो बेधा या छेदा न गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविद्धकर्णा (र्णी) :
|
स्त्री० [न० ब० टाप्] पाढ़ा लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविद्य :
|
वि० [सं० न-विद्या, न० ब०] १. जो पढ़ा-लिखा या शिक्षित न हो। २. जिसका संबंध विद्या या ज्ञान से न हो। ३. दे० ‘अविद्यमान’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविद्यमान :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विद्यमान न हो। २. जिसकी कोई सत्ता या अवस्थिति न हो फलतः असत्। ३. झूठ। मिथ्या। ४. जिसका अस्तित्व महत्त्वपूर्ण, वास्तविक या स्थायी न हो। उदाहरण—अर्थ अविद्यमान जानिए ससृति नहिं जाइ गुसाई।—तुलसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविद्या :
|
स्त्री० [सं० न० त०] १. विद्या का अभाव। २. दार्शनिक क्षेत्रों में संसारिक मोह-माया में फँसानेवाला ऐसा मिथ्या या विपरीत ज्ञान जो इंद्रियों या संस्कारों के दोष से उत्पन्न हो और जो आत्मिक कल्याण की दृष्टि से घातक सिद्ध हो। जैसे—अनित्य को नित्य अनात्मा को आत्मा या झूठे सुख को सच्चा सुख मानना या समझना। सांख्य में इसे प्रकृति का गुण माना गया है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविद्धता :
|
स्त्री० [सं० न० त०] १. विद्धता का अभाव। २. अज्ञान। मूर्खता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविद्धान् :
|
वि० [सं० न० त०] जो विद्वान न हो, फलतः अज्ञानी या मूर्ख। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविधवा :
|
वि० [सं० न० त०] (स्त्री० ) जो विधवा न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविधान :
|
पुं० [सं० न० त०] विधान का अभाव। वि० [सं० न० ब०] १. जो विधान या विधि के अनुसार ठीक न हो अथवा उसके विरुद्ध हो। २. उलटा। विपरीत। पुं० =अभिधान।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविधि :
|
वि० [सं० न० ब०] जो विधि-विरुद्ध हो। स्त्री० विधि का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविधिक :
|
वि० [सं० न० ब० कप्] १. जो विधिक न हो। २. जो विधि की दृष्टि से निषिद्ध हो। (इल्लीगल)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविनय :
|
पुं० [सं० न० त०] विनय (नम्रता, नियम-पालन, शिष्टता आदि) का अभाव, फलतः उद्दंडता, धृष्टता आदि। (इम्माडेस्टी)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविनश्वर :
|
वि० [सं० न० त०] जो नस्वर या नाशवान न हो। अविनाशी। (इम्पेरिशेबुल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविनाभाव :
|
पुं० [सं० बिना-बाव, तृ० त० न-विनाभाव, न० त०] दो वस्तुओं में होनेवाला ऐसा पारस्परिक अनिवार्य संबंध जो कभी टूटता न हो।, अर्थात् जिसमें एक के बिना दूसरा होता ही न हो। जैसे—आग और धूँए में अविना भाव संबंध होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविनाश :
|
पुं० [सं० न० त०] विनाश का अभाव। सदा बना रहनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविनाशी (शिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] जिसका कभी विनाश न हो सकता हो, फलतः नित्य या शाश्वत। पुं० ईश्वर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविनासी :
|
वि० पुं० =अविनाशी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविनीत :
|
वि० [सं० न० त०] जिसमें विनय न हो। जो विनीत न हो अर्थात् उद्दंड या धृष्ट। (इम्माडेस्ट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविनीता :
|
स्त्री० [सं० अविनीत+टाप्] वह स्त्री जिसमें विनय न हो। २. कुलटा या बदचलन स्त्री। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविपक्व :
|
वि० [सं० न० त०] १. (अन्न फल आदि) जो पका हुआ न हो। २. जो किसी विषय में परिपक्य या प्रौढ़ न हो। अधकचरा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविपट :
|
पुं० [सं० अवि+पटच्] ऊनी वस्त्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविपद् :
|
स्त्री० [सं० न० त०] विपद् (कष्ट दुःख आदि) का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविपन्न :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विपन्नन हो, अर्थात् नीरोग या स्वस्थ। २. जिसे आघात या चोट न लगी हो। ३. जिसे क्षति न पहुँची हो। ४. पवित्र। विशुद्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविपर्यय :
|
पुं० [सं० न० त०] विपर्यय या विचार का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविपाक :
|
पुं० [सं० न० त०] अजीर्ण रोग। वि० [सं० न० ब०] जिसे अजीर्ण हुआ हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविपाल :
|
पुं० [सं० ष० त०] भेड़-बकरियाँ पालनेवाला व्यक्ति। गड़ेरिया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविबुध :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विबुध या समझदार न हो, अर्थात् अज्ञानी या मूर्ख। पुं० असुर। राक्षस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविभक्त :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विभक्त (कटा, टूटा या बँटा) न हो, अर्थात् पूरा या सम्पूर्ण। २. जिसका विभाजन या बँटवारा न हुआ हो, फलतः संयुक्त। जैसे—अविभक्त संपत्ति, अविभक्त भारत आदि। ३. अपने मूल (शरीर) के साथ लगा या सटा हुआ हो। अभिन्न। ४. जो सर्वत्र एकही रूप में व्याप्त हो। जैसे—अविभक्त आत्मा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविभाज्य :
|
वि० [सं० न० त०] जिसका विभाजन या बँटवारा न हो सके। पुं० गणित में वह राशि जिसका किसी गुणक के द्वारा भाग न किया जा सकता हो। अविच्छेद्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविभावन :
|
पुं० [सं० न० त०] १. विभावन या पहचान का अभाव। पहचाना न जाना। २. निर्णय या विभेद का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविमुक्त :
|
वि० [सं० न० त०] जो मुक्त न हो। बद्ध। पुं० [न० त०] १. कन-पटी। २. काशीपुरी का एक नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवियुक्त :
|
वि० [सं० न० त०] जो वियुक्त या अलग न हो, फलतः मिला, लगा या सटा हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवियोग :
|
पुं० [सं० न० त०] १. वियोग का अभाव। २. वियोग का विपर्याय, संयोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवियोग-व्रत :
|
पुं० [च० त०] पुराणों के अनुसार अगहन शुक्ल तृतीया को होनेवाला एक व्रत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवियोज्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसका वियोजन या अलगाव न हो सके। २. जिसका वियोजन करना उचित न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविरत :
|
वि० [सं० न० त०] [भाव० अविरति] १. जिसके बीच में विराम या ठहराव न हो। निरंतर चलता या होता रहनेवाला। (काँन्स्टेन्ट) २. लगा या सटा हुआ। अ० य० निरंतर। लगातार। पुं० विराम का अभाव। निरंतरता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविरति :
|
स्त्री० [सं० न० त०] १. विरत न होने की दशा या भाव। २. आसक्ति। लीनता। ३. अशांति। ४. व्यभिचार। ५. ऐसा आवरण जो धर्मशास्त्रों के अनुरूप न हो। (जैन)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविरथा :
|
क्रि० वि० =वृथा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविरल :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विरल अर्थात् दूर-दूर तक स्थित न हो, फलतः साथ लगा, सटा हुआ। २. घना। सघन। ३. निरंतर दिखाई देने, मिलने या होनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविराम :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसके बीच में विराम या ठहराव न हो। क्रि० वि० १. बिना बीच में ठहरे या रुके हुए। २. निरंतर। लगातार। पुं० [न० त०] विराम का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविरुद्ध :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विरुद्ध (प्रतिकूल या विपरीत) न हो। २. अनुकूल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविरेचन :
|
पुं० [सं० न० ब०] ऐसी वस्तु जो विरेचन में बाधक हो। कोष्ठब्रद्धता उत्पन्न करनेवाली चीज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविरोध :
|
पुं० [सं० न० त०] १. विरोध का अभाव। अनुकूलता। २. समानता। साधर्म्य। ३. मेल। संगति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविरोधी (धिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विरोधी न हो। २. अनुकूल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविलंब :
|
क्रि० वि० [सं० न० त०] बिना विलंब किए। तुरंत। तत्काल। फौरन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविलक्ष्य :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसका कोई उद्देश्य या लक्ष्य न हो। २. असाध्य (रोग या रोगी)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविला :
|
स्त्री० [सं०√अव्+इलच्-टाप्] भेड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविलिख :
|
वि० [सं० वि० √लिख्+क(बा०), न० त०] १. जो लिखनेवाला न हो अथवा जो लिखना न जानता हो। २. अनुचित या हानिकारक बात लिखनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविलोकना :
|
स० दे० ‘अवलोकना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविवक्षित :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो अभिप्रेत या उद्धिष्ट न हो। २. जो कहे जाने के योग्य न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविवर्त्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसमें किसी प्रकार का विवर्त्तन या उलट-फेर न हो सके। (अन-आँल्टरेबुल)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविवाद :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसमें विवाद न हो। विवाद रहित। २. निर्विवाद। पुं० [न० त०] विवाद का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविवाहित :
|
वि० [सं० न० त०] [स्त्री० अविवाहिता] जिसका विवाह न हुआ हो। कुवाँरा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविविक्त :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विवेचन के द्वारा स्पष्ट न हुआ हो। २. जो अच्छी तरह विचारा या सोचा न गया हो। ३. अच्छी तरह न सोचनेवाला। अविवेकी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविवेक :
|
पुं० [सं० न० त०] १. विवेक का अभाव। अविचार। २. नादानी। नासमझी। ३. दर्शन-शास्त्र में किसी विशिष्ट ज्ञान का अभाव या मिथ्या ज्ञान। ४. न्याय का अभाव। अन्याय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविवेकता :
|
स्त्री० [सं० अविवेक+तल्-टाप्] विवेकशील न होने की अवस्था या भाव। विचार-हीनता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविवेकी (किन्) :
|
वि० [सं० न० त०] (व्यक्ति) जिसमें विवेक या विचारशीलता न हो, अर्थात् अन्यायी या मूर्ख। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविशंक :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसे शंका या संदेह न हो। २. जिसे डर या भय न हो। निर्भय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविशुद्ध :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विशुद्ध न हो, फलतः गंदा या मिलावटवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविशुद्धि :
|
स्त्री० [सं० न० त०] १. विशुद्ध न होने की अवस्था या भाव। २. मलिनता। ३. अपवित्रता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविशेष :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसमें कोई विशेषता न हो। विशेषता से रहित। २. एक जैसा। एक रूप। पुं० १. तर्क-शास्त्र में, बेद उत्पन्न करनेवाला गुण या धर्म का अभाव। एकता। २. सांख्य के अनुसार एक विशिष्ट सूक्ष्म भूत जो धीरता, गूढ़ता आदि से रहित माना गया है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविशेष-सम :
|
पुं० [तृ० त०] जाति के चौबीस भेदों में से एक। (न्या०) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविश्रंभ :
|
पुं० [सं० न० त०] विश्वास का अभाव। अविश्वास। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविश्रांत :
|
वि० [सं० न० त०] १. विश्राम न करनेवाला। २. न ठहरने या न रूकनेवाला। ३.निरंतर चलने या होनेवाला। न थकनेवाला। क्रि० वि० १. बिना ठहरे या रुके हुए। २. बिना थके। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविश्वसनीय :
|
वि० [सं० न० त०] जो विश्वास का अधिकारी या पात्र न हो। जिस पर विश्वास न किया जा सके। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविश्वस्त :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसका विश्वास न किया गया हो। २. जिसका विश्वास न किया जा सकता हो। अविश्वसनीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविश्वास :
|
पुं० [सं० न० त०] १. विश्वास या निश्चित धारणा का अभाव। एतबार न होना। २. निश्चय का अभाव। ३. शंका संदेह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविश्वास-पात्र :
|
वि० [ष० त०] जिस पर विश्वास न किया जा सके। अविश्वसनीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविश्वास-प्रस्ताव :
|
पुं० [ष० त०] लोक-तंत्री संस्थाओं में, किसी अधिकारी या सदस्य के सबंध में उपस्थित किया जानेवाला इस आशय का प्रस्ताव कि उस अधिकारी पर सदस्यों का विश्वास नहीं रह गया है, अतः वह अपने स्थान से हट जाए। (मोशन आँफ नो कॉन्फिडेन्स)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविश्वासी (सिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो किसी का विश्वास न करे। २. अविश्वसनीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविष :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जो विष न हो। २. जिसमें विष न हो। विषहीन। ३. विष का प्रभाव दूर करनेवाला। विषहारक। पुं० [सं०√अव् (वृद्धि, रक्षण आदि)+टिषच्] १. समुद्र। २. राजा। ३. आकाश। ४. रक्षक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविषय :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो कतन, तर्क, विचार आदि का विषय न हो। २. जो इंद्रियों द्वारा ग्रहण किया न जा सके। अगोचर। वि० [न० ब०] जिसमें या जिसका कोई विषय न हो। विषय-रहित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविषा :
|
स्त्री० [सं० अविष+टाप्] साँप, बिच्छू आदि के विष का प्रभाव दूर करनेवाली जदवार नाम की जड़ी या बूटी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविषी :
|
स्त्री० [सं० अविष+ङीष्] १. पृथ्वी। २. आकाश। ३. नदी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविसर्गी (र्गिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] जो बीच में ठहरता या रुकता न हो। पुं० ऐसा ज्वर जो बीच में उतरता न हो। बराबर बना रहनेवाला ज्वर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविस्तर :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसका विस्तार अधिक न हो। २. जिसका क्षेत्र सीमित हो। ३.जो अधिक लंबा-चौड़ा न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविस्तीर्ण :
|
वि० [सं० न० त०] जो विस्तीर्ण अर्थात् फैला हुआ न हो या कम फैला हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविस्तृत :
|
वि० [सं० न० त०] जो विस्तृत न हो। कम या थोड़े विस्तारवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविहड़ :
|
वि० [सं० अ+विघट] जो खंडित न हो। अखंड। अविनाशी। वि० दे० ‘बीहड़’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अविहित :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो विहित (उचित या ठीक) न हो। २. न करने योग्य। अनुचित। ३. जिसका शास्त्रों में विधान न हो या निषेध हो। जैसे—अविहित कर्म। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवी :
|
स्त्री० [सं०√अव् (रक्षण आदि)+ई] १. ऋतुमती स्त्री। २. वन-तुलसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवीचि :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसमें वीचि या लहरें न हों। पुं० एक नरक का नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवीजा :
|
स्त्री० [सं० न० ब० टाप्] किशमिश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवीरा :
|
वि० [सं० न० ब० टाप्] १. (स्त्री) जिसका न पति हो न पुत्र हो। २. मनमाना आचरण करनेवाली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवीह :
|
वि० [सं० अब्रीड़] जो डरे नहीं। निडर। (डिं०) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवृत :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो रोका न गया हो या जिसमें कोई रुकावट न हो। २. जो चुना न गया हो। ३. जो ढका न हो। ४. जो रक्षित न हो। ५. जो किसी के अधीन या वस, में न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवृत्ति :
|
स्त्री० [सं० न० त०] १. वृत्ति या जीविका का अभाव। २. स्थिति का अभाव। ३. अवृत्त होने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवृथा :
|
वि० [सं० न० त०] जो वृथा या व्यर्थ न हो। वि० क्रि० वि०=वृथा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवृद्धिक :
|
पुं० [सं० न० ब० कप्] ऐसा धन जिसपर ब्याज न मिलता या न लगता हो। वि० न बढ़नेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवृष्टि :
|
स्त्री० [सं० न० त०] वृष्टि या वर्षा का अभाव। सूखा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेक्षण :
|
पुं० [सं० अव√ईश्(देखना)+ल्युट्-अन] [भू० कृअवेक्षित, वि० अवेक्षणीय] १. अवलोकन। देखना। २. किसी अभिप्राय या उद्देश्य से किसी चीज या बात को ध्यानपूर्वक देखना। निरीक्षण। ३. जाँच-पड़ताल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेक्षणीय :
|
वि० [सं० अव√ईश्+अनीयर] १. जिसका अवेक्षण होने को हो या होना उचित हो। २. अवेक्षण के योग्य। ३. अति सुंदर। दर्शनीय। जैसे—अवेक्षणीय दृस्य। ४. (अपराध) जिसपर विधि के अनुसार अधिकारियों को ध्यान देना आवश्यक हो। (कागनिजिबुल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेक्षा :
|
स्त्री० [सं० अव√ईश्+अह्-टाप्] १. दे० ‘अवेक्षण’। २. न्यायालय या अधिकारी द्वारा किसी अपराध या दोष की ओर (उचित कारवाई या प्रतिकार करने के उद्देश्य से) ध्यान देना। (कॉग्निजेन्स) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेक्षित :
|
भू० कृ० [सं० अव√ईश्+क्त] जिसकी या जिसके संबंध में अवेक्षा हुई हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेज :
|
पुं० [अ० एवज] १. प्रतिकार। बदला। २. प्रति-फल।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेत :
|
वि० [सं० अव√इ(गति)+क्त] १. बीता हुआ। समाप्त। २. पाया हुआ। प्राप्त। ३. मिला हुआ। संयुक्त।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेद्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो (वेदन के द्वारा) जाना न जा सके अथवा जो जानने योग्य न हो। २. जो प्राप्त न हो सके अथवा जिसे प्राप्त करना उचित न हो। पुं० १. बछड़ा। २. छोटा बच्चा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेद्या :
|
वि० [सं० अवेद्य+टाप्] १. (स्त्री) जिसके साथ विवाह न किया जा सकता हो। २. (स्त्री) जो विवाह के योग्य न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेल :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जिसकी कोई सीमा न हो। २. अकालिक। असामयिक। पुं० गोपन। छिपाव। दुराव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेला :
|
स्त्री० [सं० न० त०] १. अनुचित या अनुपयुक्त समय। २. विलंब। देर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेश :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसका कोई वेश न हो। वेश-रहित। पुं० आवेश। पुं० दे० ‘भूतावेश’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवेस्ता :
|
स्त्री० [पह०] ईरान के पूर्वी जन-समाज की प्राचीन भाषा जो संस्कृत से बहुत कुछ मिलती-जुलती तथा उसी के प्राचीन रूप की एक शाखा थी। (पारसियों का धर्म-ग्रंथ ‘जन्द’ इसी भाषा में है)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवैज्ञानिक :
|
वि० [सं० न० त०] १. (व्यक्ति) जो वैज्ञानिक (विज्ञान का ज्ञाता) न हो। २. (विषय) जिसका संबंध विज्ञान से न हो। ३. (विषय) जिसका वैज्ञानिक रीति से प्रतिपादन न हुआ हो। (अन्-साइन्टिफिक) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवैतनिक :
|
वि० [सं० न० त०] बिना वेतन लिए काम करनेवाला। (आनरेरी)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवैदिक :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वैदिक न हो। २. जो वेदों के अनुकूल न हो। वेद-विरुद्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवैद्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो वैद्य (वैद्यक शास्त्र का ज्ञाता) न हो। २. नादान। नासमझ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवैध :
|
वि० [सं० न० त०] जो वैध न हो अर्थात् जो विधि या विधान के अनुकूल न हो। (प्रतिकूल या विपरीत हो।) (इल्लीगल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवैधाचरण :
|
पुं० [सं० अवैध-आचरण, कर्म० स०] ऐसा आचरण या व्यवहार जो विधि या विधान के विरुद्ध हो। (इल्लीगल प्रैक्टिस) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवैधानिक :
|
वि० [सं० न० त०] जो विधान या संविधान के नियमों के अनुरूप न हो या उनके विरुद्ध हो। (अन-कॉन्टिट्यूशनल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अवैमत्य :
|
पुं० [सं० न० त०] वैमत्य या मतभेद का अभाव। ऐकमत्य। वि० जिसमें वैमत्य या मत-भेद न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यंग :
|
वि० [सं० न-वि-अंग, न० ब०] जो व्यंग या टेढ़ा न हो। सीधा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यगांग :
|
वि० [सं० अव्यंग-अंग, ब० स०] जिसका कोई अंग टेढ़ा न हो। समरूप या सुडौल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यंगा :
|
स्त्री० [सं० अव्यंग+टाप्] केंवाच। कौंछ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यंजन :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो व्यंजन न हो। २. [न० ब०] चिन्ह, लक्षण आदि से रहित। ३. अच्छे लक्षणों से रहित। ४. (पशु) जिसे सींग न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्त :
|
वि० [सं० न० त०] [भाव० अव्यक्तता, अव्यक्ति] १. जो व्यक्त अर्थात् प्रकट, प्रत्यक्ष या स्पष्ट न हो। छिपा हुआ। अज्ञात। २. जो अगम्य या अगोचर हो। ३. जिसकी अभिव्यक्ति न हुई हो। ४. अनिर्वचनीय। ५. बीज-गणित में (राशि) जिसका मान अज्ञात हो। पुं० १. ईश्वर या ब्रह्म। २. जीव का सूक्ष्म शरीर। ३. विष्णु। ४. शिव। ५. कामदेव। ६. प्रकृति (सांख्य) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्त-गणित :
|
पुं० [सं० कर्म०स०] बीज-गणित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्त-गति :
|
वि० [ब० स०] जिसकी गति ऐसी हो कि सामने दिखाई न दे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्त-पद :
|
पुं० [कर्म० स०] ऐसा पद (या शब्द) जिसका मनुष्यों के कंठ, जीभ आदि से स्पष्ट उच्चारण न हो सके। जैसे—चिड़ियों या जानवरों की बोली या अनेक प्रकार के आघातों से उत्पन्न होनेवाले शब्द। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्त-राशि :
|
स्त्री० [कर्म० स०] बीज-गणित में वह राशि जिसका मान ज्ञात या निश्चित न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्त्-लक्षण :
|
पुं० [ब० स०] शिव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्त-लिंग :
|
पुं० [ब० स०] १. सांख्य के अनुसार महत्तत्त्व आदि। २. संन्यासी। वि० १. जिसके लिंग, स्वरूप आदि का पता न चले। २. जिसके चिन्ह, या लक्षण अदृष्य या अप्रकट हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्त-साम्य :
|
पुं० [ष० त०] बीजगणित में, अव्यक्त राशि का समीकरण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्तानुकरण :
|
पुं० [सं० अव्यक्त-अनुकरण, ष० त०] अव्यक्त पद या शब्द का ऐसा उच्चारण जो उसके अनुकरण पर तथा उससे मिलता-जुलता हो। जैसे—पशु-पक्षियों की बोली का मनुष्यों के द्वारा होनेवाला अनुकरण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यक्तिक :
|
वि० [सं० न० ब० कप्] १. जो व्यक्तिक या व्यक्तिगत न हो। जिसका संबंध किसी व्यक्ति या व्यक्तित्व से न हो। (इम्पर्सनल) २. राग-द्वेष आदि से रहित। निर्लिप्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यग्र :
|
वि० [सं० न० त०] जो व्यग्र न हो फलतः धीर या शान्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यथ :
|
वि० [सं० न० ब०] किसी को कष्ट या पीड़ा न देनेवाला फलतः दयावान या दयालु। पुं० साँप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यथा :
|
स्त्री० [सं० न० त०] १. व्यथा (कष्ट या पीड़ा) का अभाव। २. [अव्यथ+टाप्] हरीरत की (हड़)। ३. सोंठ। ४. स्थल कमल। ५. गोरखमुंडी। ६. आँवला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यथिष :
|
पुं० [सं० √व्यथ्+टिषच्, न० त०] १. सूर्य। २. समुद्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यथी :
|
(थिन्) वि० [सं० √व्यथ्+इन्,न० त०] १. जो व्यथित न हो। २. किसी को व्यथित न करनेवाला। ३. निडर। निर्भय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यथ्य :
|
वि० [√व्यथ्+यत्,नि०, न० त०]=अव्यथी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यध :
|
वि० [सं०√व्यध् (बेधना)+अच्, न० त०] जो बेधा या छेदा न गया हो। अनबिधा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यपदेश्य :
|
वि० [सं० वि-अप√दिश्(बताना)+ण्यत्, न० त०] १. जो व्यपदेश न हो। २. जिसका शब्दों में वर्णन न हो सके। अनिवर्चनीय। जैसे—ब्रह्म अव्यपदेश्य है। ३. जिसका किसी प्रकार का उलट-फेर या विकल्प न हो। निश्चित। जैसे—अव्यपदेश्य ज्ञान-निर्विकल्प ज्ञान। ४. जिसे कोई निर्देश न दिया जा सके। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यपेत :
|
पुं० [सं० न० त०] यमकानुप्रास के दो भेदों में से एक, जिसमें एमकात्मक अक्षरों या पदों के बीच में कोई और अक्षर या पद नहीं आता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यभिचारी (रिन्) :
|
[सं० न० त०] १. जो व्यभिचारीत न हो। २. जो उचित या सत्मार्ग से इधर-उधर हटाया न जा सके। सदा ठीक और सच्चे रास्ते पर चलनेवाला, फलतः फला या पुण्यात्मा। ३. जो व्यभिचार (अर्थात् परस्त्री-गमन) न करे। सदाचारी। पुं० न्याय में, ऐसा हेतु जो साध्य और साधक दोनों से युक्त हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यय :
|
वि० [सं० वि√इ (गति)+अच्, न० त०] १. जिसमें कभी कोई व्यय या विकार न होता हो। सदा एक-सा रहनेवाला। विकारशून्य और नित्य। २. जिसका न आदि हो और न अंत। ३. जिसका प्रवाह सदा चलता रहे। ४. जो परिणाम से रहित हो। पुं० १. व्यय न होना। २. व्याकरण में, वह शब्द जिसका प्रयोग सभी लिंगों, विभक्तियों और वचनों में सदा एक ही रूप में होता हो। वह शब्द जिसके रूप में परिवर्तन न होता हो। जैसे—कुछ, कोई, किंतु, परंतु, सदा आदि। २. पर-ब्रह्म। ३. विष्णु। ४. शिव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्ययीभाव :
|
पुं० [सं० अव्यया+च्वि√भू (होना)+घञ्] व्याकरण में, समास का वह प्रकार जिसमें अव्यय के साथ उत्तर पद समस्त होता है। जैसे—अतिकाल, अनुरूप, प्रतिरूप आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यर्थ :
|
वि० [सं० न० त०] [भाव० अव्यर्थता] जो कभी व्यर्थ न होता हो। सदा ठीक और पूरा फल देनेवाला। अचूक। जैसे—अव्यर्थ उपाय, अव्यर्थ महौषध आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यवधान :
|
पुं० [सं० न० त०] १. व्यवधान (ओट परदे) का अभाव। २. दूरी बाधा आदि का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यवसाय :
|
वि० [सं० न० ब०] जो कोई व्यवसाय या उद्यम न कर रहा हो। जिसके हाथ में कोई काम-धंधा न हो। पुं० [सं० न० त०] १. व्यवसाय या उद्यम का अभाव। २. निश्चय का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यवसायी (यिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. व्यवसाय या उद्यम न करनेवाला। २. आलसी और पुरीषार्थ-हीन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यवस्था :
|
स्त्री० [सं० न० ब०] [वि० अव्यवस्थित] १. व्यवस्था (क्रम, नियम, मर्यादा आदि) का अभाव। २. ऐसी व्यवस्था जो शास्त्रों आदि के विरुद्ध हो। ३. प्रबंध आदि में होनेवाली गड़बड़ी। कु-व्यवस्था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यवस्थित :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो व्यवस्थित न हो। जो क्रम या विचार से ठीक न हो। २. जो विधानों शास्त्रों आदि की व्यवस्था या मर्यादा से रहित हो या उनके विपरीत हो। ३. जिसमें उचित व्यवस्था या प्रबंध का अभाव हो। ४. जो उचित या मानक अवस्था या स्थिति में न रहता हो, फलतः अस्थिर या चंचल। जैसे—अव्यवस्थित चित्तवाला व्यक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यवहार्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो व्यवहार या काम में न लाया जा सके। जो व्यवहार के योग्य न हो। २. जिसके साथ किसी प्रकार का व्यवहार न किया या न रखा जा सके। ३. पतित। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यवहित :
|
वि० [सं० न० त०] जिसमें कोई व्यवधान न हो। प्रकट या स्पष्ट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यवहृत :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो व्यवहार में न आता हो। २. जिसका व्यवहार या प्रचलन न हो। ३. जिसका अभी तक व्यवहार या प्रयोग न किया गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यसन :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसे कोई बुरा व्यसन या लत न लगी हो। व्यसनहीन। पुं० [न० त०] कोई व्यसन न होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याकृत :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो व्याकृत न हो। २. जिसमें कोई विकार न हुआ हो या न उत्पन्न किया गया हो। ३. जो प्रकट या स्पष्ट न हो। ४. जो कारण के रूप में न हो। पुं० १. वह मूल तत्त्व जिसमें सब वस्तुएँ उत्पन्न हुई हों। २. प्रकृति। (सांख्य)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याकृत-धर्म :
|
पुं० [सं० कर्म० स०] ऐसा स्वभाव जिसमें शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के कर्म किये जा सके। (बौद्ध)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याख्येय :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसकी व्याख्या या स्पष्टीकरण न हो सकती हो। २. ऐसी असाधारण और विलक्षण बात या वस्तु जिसका कारण या मूल समझ में न आवे। (इनएक्सप्लिकेबुल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याघात :
|
वि० [सं० न० ब०] १. जो व्याघात रहित हो। बेरोक-टोक। २. जो बीच में टूटा-फूटा या रुका न हो। पुं० व्याघात का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याज :
|
वि० [सं० न० ब०] १. (व्यक्ति) जो कपटी या छली न हो। २. (कार्य) जो छलपूर्ण न हो। पुं० [न० त०] छल-कपट का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यापार :
|
वि० [सं० न० ब०] व्यापार रहित। खाली। पुं० [न० त०] व्यापार या उद्यम का अभाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यापारी (रिन्) :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो कोई व्यापार (क्रिया) न करता हो। २. सांख्य के अनुसार स्वभावतः अकर्त्ता और क्रिया शून्य। ३. जो व्यापारी या रोजगारी न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यापी (पिन्) :
|
वि० [सं० वि० -आप् (व्याप्त होना)+णिनि, न० त०] १. जो व्यापी न हो। २. जो हर जगह न पाया जाए। पुं० न्याय में, ऐसे देश या स्थान की चर्चा करना जिसका पता न चले। (यह एक प्रकार का उत्तराभास नामक दोष माना गया है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याप्त :
|
वि० [सं० न० त०] जो व्याप्त या फैला हुआ न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याप्ति :
|
स्त्री० [सं० न० त०] [वि० अव्याप्त] १. व्याप्ति का अभाव। व्याप्त न होने की अवस्था या भाव। २. साहित्य और तर्क शास्त्र में, कथन, व्याख्या आदि का ऐसा रूप या स्थिति जिसमें कहीं हुई बात बतलाया हुआ लक्षण या दिया हुआ विवरण सारे अभिप्रेत तत्त्व या लक्ष्य पर पूरी तरह से या सब जगह समान रूप से न घटे। (यह दोष माना गया है)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याप्य :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो पूरे विस्तार पर छाया हुआ न हो। जो सब परिस्थियों या स्थितियों में समान रूप से फैला हुआ न हो। २. जिसका कार्य क्षेत्र सीमित हो। जैसे—अव्याप्य-वृत्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्यावृत्त :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसमें कोई उलट-फेर या परिवर्तन न हुआ हो। ज्यों का त्यों। २. जिसका क्रम बीच में टूटा या रुका हुआ न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्याहत :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसमें कोई बाधा या विघ्न न हो। २. जो टूटा-फूटा न हो। जिसे क्षति न पहुँची हो। ३. बिलकुल ठीक पूरा या सच्चा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्युत्पन्न :
|
वि० [सं० न० त०] १. जो किसी से व्यत्पन्न न हो। जिसकी किसी से व्युत्पत्ति न हुई हो। २. (व्याकरण में ऐसा शब्द) जिसकी व्युत्पत्ति शास्त्रीय रूप से सिद्ध न की जा सके। ३. (व्यक्ति) जिसे अच्छा अनुभव या ज्ञान न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्रण :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसे घाव या व्रण न लगा हो। पुं० [न० त०] १. व्रण का अभाव। २. आँख का एक रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्रत :
|
वि० [सं० न० ब०] जिसने कोई व्रत न लिया हो अथवा किसी व्रत का पालन न किया हो। २. जिसका व्रत नष्ट हो गया हो। ३. नियम-रहित। पुं० [न० त०] १. व्रत का अभाव। २. व्रत का परित्याग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्रत्य :
|
वि० [सं० व्रत+यत्,न० त०] जो व्रत के लिए उपयुक्त न हो। पुं० व्रत के समय मिथ्या बोलना आदि अविहित कार्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अव्वल :
|
वि० =औवल (प्रथम)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |