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अस्तर  : पुं० [सं० स्तर] १. किसी दोहरी चीज में, नीचेवाली या पहली तह। नीचे का वह आधार जिसके ऊपर कोई दूसरी चीज बनाई रखी या लगाई जाती जाए। भितल्ला। जैसे—(क) दोहरे कपड़े में नीचे वाला कपड़ा या पल्ला। (ख) दोहरे चमड़े में नीचेवाला चमड़ा। या (ग) दो बार किये जानेवाले रंगों में नीचेवाला या पहला रंग अस्तर कहलाता है। २. महीन साड़ियों आदि के साथ पहना जानेवाला एक प्रकार का मोटा कपड़ा जो कमर से पैरों तक रहता है। अँतरौटा। ३.वह पहला तेल जिसमें दूसरे सुगंधित पदार्थों का योग करके कोई दूसरा तेल बनाया जाता है। जमीन। जैसे—बढ़िया तेलों में चंदन के तेल का और घटिया तेलों में मिट्टी के तेल का अस्तर रहता है। ४. किसी प्रकार की भीतरी तह या स्तर।
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अस्तरकारी  : स्त्री० [हिं० अस्तर+फा० कारी] १. दीवारों की ईटों पर मसाले का स्तर बनाना। पलस्तर करना। २. दीवारों पर सफेदी या चूना लगाना, अथवा किसी प्रकार का रंग करना। (क्व०)।
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अस्तरबट्टी  : स्त्री० [हिं० ] १. तसवीर या जमीन का पहला स्तर घोंटने की पत्थर की बट्टी।
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अस्तरी  : स्त्री० १. स्त्री० । २. इस्तरी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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