शब्द का अर्थ
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आलंब :
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पुं० [सं० आ√लंब् (आश्रित रहना)+घञ्] १. वह जिसके ऊपर या सहारे पर कोई खड़ा टिका या ठहारा हो। सहारा। २. किसी पर रखा जानेवाला भरोसा या किया जानेवाला पूरा विश्वास। ३. नींव। |
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समानार्थी शब्द-
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आलंबन :
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पुं० [सं० आ√लंब्+ल्युट्-अन] १. वह जिसपर कुछ ठहरा या टिका हो। आधार। सहारा। २. किसी पर आश्रित रहने अथवा टिके या ठहरे होने की अवस्था या भाव। आश्रय। ३. नींव। ४. साहित्य में, वस्तु, (वस्तु या व्यक्ति) जिसके आधार पर मन में रस की अनुभूति या आर्विभाव होता है। जैसे—श्रंगार रस के नायक और नायिका, हास्य रस में विलक्षण उक्ति या रूप और वीभत्स रस में मांस रक्त आदि घृणित पदार्थ आलंबन होते है। ५. वह मानसिक क्रिया या प्रयोग जो योगी लोग ब्रह्मा का साक्षात्कार करने के लिए करते है। ६. इंद्रियों के विषय (रूप, रस, गंध आदि) जिनके द्वारा या सहारे मानसिक ज्ञान प्राप्त होता है। |
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समानार्थी शब्द-
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आलंबित :
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भू० कृ० [सं० आ√लंब्+क्त] किसी पर ठहरा या टिका हुआ। आश्रित। |
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आलंबी (बिन्) :
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पुं० [सं० आ√लंब्+णिनि] वह जो किसी पर ठहरा या टिका हो। |
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समानार्थी शब्द-
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