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उलटना  : अ० [सं० उद्+हिं० लु=लुढ़कना] १. सीधा की विपरीत दिशा या स्थिति में जाना य होना। उलटा होना। २. नियत साधारण या सीधे मार्ग से पीछे की ओर आना, मुड़ना या हटना। पीछे घूमना या पलटना। जैसे—रास्ता चलते समय उलटकर किसी की ओर देखना। मुहावरा—(किसी की किसी पर) उलट पड़ना (क) अचानक क्रुद्ध होकर किसी प्रकार का आक्रमण या आघात करना। जैसे—इस जरा-सी बात से बिगड़कर सारी सेना नगर पर उलट पड़ी। (ख) अचानक बिगड़ खड़े होना या भली-बुरी बातें कहने लगना। जैसे—आखिर मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा या जो तुमने अकारण मुझ पर ही उलट पड़ें। ३. ऐसी स्थित में आना या होना कि नीचे का भाग ऊपर और ऊपर का भाग नीचे हो जाय, अथवा सीधे खड़े न रहकर दाहिने या बाएँ बल गिरना। जैसे—गाड़ी या दवात उलटना। मुहावरा—कलेजा उलटनादे। कलेजा के अन्तर्गत। ४. अच्छी दशा से बुरी दशा में आना या होना। जैसे—इस वर्षा से सारी फसल उलट गई। ५. जैसे साधारणयतः रहना या होना चाहिए उसके ठीक विपरीत या विरुद्ध हो जाना। जैसे—(क) इस प्रकार का सारा अर्थ ही उलट जाता है। (ख) पहले तो ठीक तरह से बातें करता, पर तुम्हें देखते ही न जाने क्यों बिलकुल उलट गया। ६. अस्त-व्यस्त या नष्ट-भ्रष्ट होना। जैसे—अब तो दुनिया की सब बातें ही उलट रही है। मुहावरा—(किसी व्यक्ति का) उलट जानाभारी आघात, उग्र प्रभाव आदि के कारण, अचेत या बेसुध होकर गिर पड़ना। जैसे—(क) गाँजे का दम लगाते ही वह उलट गया। (ख) मंदी के एक ही धक्के में वह उलट गया। (परीक्षा, प्रयत्न आदि में) उलट जानाअनुत्तीर्ण या विफल होना। (मादा चौपाये का) उलट जानाभरे जाने के बाद अर्थात् पहले गर्भ धारण कर लेने पर भी तुरंत गर्भस्राव हो जाना। ७. बहुत अधिक मात्रा, मान या संख्या में आकर उपस्थित या एकत्र होना अथवा पहुँचना। (प्रायः संयोज्य क्रिया पडऩा के साथ प्रयुक्त) जैसे—(क) किसी के घर धन-संपत्ति उलट-पड़ना। (ख) कुछ देखने के लिए कहीं जन-समूह उलट पड़ना। स० १. जो सीधा हो उसके विपरीत दशा, दिशा या रूप में लाना। उलटा करना। जैसे—(क) पड़ा हुआ परदा या बिछी हुई चाँदनी उलटना। (ख) किसी से लड़ने के लिए आस्तीन उलटना। (चढ़ाना) २. नियत या सीधे मार्ग से हटाकर इधर-उधऱ या पीछे की ओर करना,मोड़ना या लाना। जैसे—चलता हुआ चक्कर या घड़ी की सुई उलटना। ३. ऐसी स्थिति में लाना कि नीचे का भाग ऊपर और ऊपर का भाग नीचे हो जाए, अथवा दाहिने या बाएँ किसी बल गिर पड़ना। जैसे—लाइन पर पत्थर रखकर गाड़ी उलटना। ४. पात्र आदि खाली करने के लिए मुँह इस प्रकार नीचे करना कि उसमें भरी हुई चीज नीचे गिर पड़े। जैसे—(क) पानी गिराने के लिए गिलास या घड़ा उलटना। (ख) रुपये आदि एकदम से निकालने के लिए थैली उलटना। विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग आधार या पात्र के संबंध में भी होता है और उसमें भरी या रखी हुई चीज के संबंध में भी। जैसे—(क) स्याही की दावत उलटना,और दवात की स्याही उलटना। ५. एक तल या पार्श्व नीचे करके दूसरा तल या पार्श्व ऊपर लाना। जैसे—पुस्तक के पृष्ठ या बही के पन्ने उलटना। ६. आघात, प्रभाव आदि के द्वारा अचेत या बेसुध करना। अथवा किसी प्रकार गिराना या पटकना। जैसे—थप्पड़ मारकर (या शराब पिलाकर) किसी को उलटना। ७. (आज्ञा या बात) न मानना। अवज्ञा-पूर्वक किसी की बात की उपेक्षा करना। जैसे—तुम तो हमारी हर बात उसी तरह उलटा करते हो। ८. जैसी बात या व्यवहार हो, उसका उसी रूप में या वैसा ही उत्तर देना या प्रतिकार करना। (प्रायः अनिष्ट या मंद प्रसंगों में प्रयुक्त) उदाहरण—आवत गारी एक है, उलटत होय अनेक।—कबीर। ९. खेत या जमीन कि मिट्टी खोदकर नीचे से ऊपर करना। १. (माला जपने के समय उनके मन के) बार-बार आगे बढ़ाते हुए ऊपर नीचे करते रहना। मुहावरा—(किसी की) नाम उलटना बार-बार किसी का नाम लेते रहना। रटना। ११. उलटी, कै या वमन करना। जैसे—जो कुछ खाया पीया था, वह सब उलट दिया।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उलटना-पलटना  : [हिं० उलट-पलट] १. (किसी वस्तु का) नीचे वाला भाग ऊपर अथवा ऊपरवाला भाग नीचे करना। नीचे-ऊपर या ऊपर-नीचे करना। २. अस्त-व्यस्त करना। इधर का उधर करना ३. कुछ जानने,देखने या समझने के लिए चीजें या उनके अंग कभी ऊपर और नीचे करना। जैसे—कागज-पत्र, चिट्ठियाँ या पुस्तकें (अथवा उनके पृष्ट) उलटना-पलटना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उलटना  : अ० [सं० उद्+हिं० लु=लुढ़कना] १. सीधा की विपरीत दिशा या स्थिति में जाना य होना। उलटा होना। २. नियत साधारण या सीधे मार्ग से पीछे की ओर आना, मुड़ना या हटना। पीछे घूमना या पलटना। जैसे—रास्ता चलते समय उलटकर किसी की ओर देखना। मुहावरा—(किसी की किसी पर) उलट पड़ना (क) अचानक क्रुद्ध होकर किसी प्रकार का आक्रमण या आघात करना। जैसे—इस जरा-सी बात से बिगड़कर सारी सेना नगर पर उलट पड़ी। (ख) अचानक बिगड़ खड़े होना या भली-बुरी बातें कहने लगना। जैसे—आखिर मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा या जो तुमने अकारण मुझ पर ही उलट पड़ें। ३. ऐसी स्थित में आना या होना कि नीचे का भाग ऊपर और ऊपर का भाग नीचे हो जाय, अथवा सीधे खड़े न रहकर दाहिने या बाएँ बल गिरना। जैसे—गाड़ी या दवात उलटना। मुहावरा—कलेजा उलटनादे। कलेजा के अन्तर्गत। ४. अच्छी दशा से बुरी दशा में आना या होना। जैसे—इस वर्षा से सारी फसल उलट गई। ५. जैसे साधारणयतः रहना या होना चाहिए उसके ठीक विपरीत या विरुद्ध हो जाना। जैसे—(क) इस प्रकार का सारा अर्थ ही उलट जाता है। (ख) पहले तो ठीक तरह से बातें करता, पर तुम्हें देखते ही न जाने क्यों बिलकुल उलट गया। ६. अस्त-व्यस्त या नष्ट-भ्रष्ट होना। जैसे—अब तो दुनिया की सब बातें ही उलट रही है। मुहावरा—(किसी व्यक्ति का) उलट जानाभारी आघात, उग्र प्रभाव आदि के कारण, अचेत या बेसुध होकर गिर पड़ना। जैसे—(क) गाँजे का दम लगाते ही वह उलट गया। (ख) मंदी के एक ही धक्के में वह उलट गया। (परीक्षा, प्रयत्न आदि में) उलट जानाअनुत्तीर्ण या विफल होना। (मादा चौपाये का) उलट जानाभरे जाने के बाद अर्थात् पहले गर्भ धारण कर लेने पर भी तुरंत गर्भस्राव हो जाना। ७. बहुत अधिक मात्रा, मान या संख्या में आकर उपस्थित या एकत्र होना अथवा पहुँचना। (प्रायः संयोज्य क्रिया पडऩा के साथ प्रयुक्त) जैसे—(क) किसी के घर धन-संपत्ति उलट-पड़ना। (ख) कुछ देखने के लिए कहीं जन-समूह उलट पड़ना। स० १. जो सीधा हो उसके विपरीत दशा, दिशा या रूप में लाना। उलटा करना। जैसे—(क) पड़ा हुआ परदा या बिछी हुई चाँदनी उलटना। (ख) किसी से लड़ने के लिए आस्तीन उलटना। (चढ़ाना) २. नियत या सीधे मार्ग से हटाकर इधर-उधऱ या पीछे की ओर करना,मोड़ना या लाना। जैसे—चलता हुआ चक्कर या घड़ी की सुई उलटना। ३. ऐसी स्थिति में लाना कि नीचे का भाग ऊपर और ऊपर का भाग नीचे हो जाए, अथवा दाहिने या बाएँ किसी बल गिर पड़ना। जैसे—लाइन पर पत्थर रखकर गाड़ी उलटना। ४. पात्र आदि खाली करने के लिए मुँह इस प्रकार नीचे करना कि उसमें भरी हुई चीज नीचे गिर पड़े। जैसे—(क) पानी गिराने के लिए गिलास या घड़ा उलटना। (ख) रुपये आदि एकदम से निकालने के लिए थैली उलटना। विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग आधार या पात्र के संबंध में भी होता है और उसमें भरी या रखी हुई चीज के संबंध में भी। जैसे—(क) स्याही की दावत उलटना,और दवात की स्याही उलटना। ५. एक तल या पार्श्व नीचे करके दूसरा तल या पार्श्व ऊपर लाना। जैसे—पुस्तक के पृष्ठ या बही के पन्ने उलटना। ६. आघात, प्रभाव आदि के द्वारा अचेत या बेसुध करना। अथवा किसी प्रकार गिराना या पटकना। जैसे—थप्पड़ मारकर (या शराब पिलाकर) किसी को उलटना। ७. (आज्ञा या बात) न मानना। अवज्ञा-पूर्वक किसी की बात की उपेक्षा करना। जैसे—तुम तो हमारी हर बात उसी तरह उलटा करते हो। ८. जैसी बात या व्यवहार हो, उसका उसी रूप में या वैसा ही उत्तर देना या प्रतिकार करना। (प्रायः अनिष्ट या मंद प्रसंगों में प्रयुक्त) उदाहरण—आवत गारी एक है, उलटत होय अनेक।—कबीर। ९. खेत या जमीन कि मिट्टी खोदकर नीचे से ऊपर करना। १. (माला जपने के समय उनके मन के) बार-बार आगे बढ़ाते हुए ऊपर नीचे करते रहना। मुहावरा—(किसी की) नाम उलटना बार-बार किसी का नाम लेते रहना। रटना। ११. उलटी, कै या वमन करना। जैसे—जो कुछ खाया पीया था, वह सब उलट दिया।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उलटना-पलटना  : [हिं० उलट-पलट] १. (किसी वस्तु का) नीचे वाला भाग ऊपर अथवा ऊपरवाला भाग नीचे करना। नीचे-ऊपर या ऊपर-नीचे करना। २. अस्त-व्यस्त करना। इधर का उधर करना ३. कुछ जानने,देखने या समझने के लिए चीजें या उनके अंग कभी ऊपर और नीचे करना। जैसे—कागज-पत्र, चिट्ठियाँ या पुस्तकें (अथवा उनके पृष्ट) उलटना-पलटना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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