शब्द का अर्थ
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ऊज :
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पुं० [सं० उद्धन-ऊपर फेंकना] १. उपद्रव। २. अंधेर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजड़ :
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वि० उजाड़। जैसे—ऊजड़ ग्राम।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजना :
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अ० [हिं० पूजना का अनु] पूर्ण या परिपूर्ण होना। स० पूर्ण या परिपूर्ण करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजम :
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पुं०=उद्यम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजर :
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वि०=उजला। वि० उजाड़।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजरा :
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वि०=उजला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊज :
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पुं० [सं० उद्धन-ऊपर फेंकना] १. उपद्रव। २. अंधेर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजड़ :
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वि० उजाड़। जैसे—ऊजड़ ग्राम।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजना :
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अ० [हिं० पूजना का अनु] पूर्ण या परिपूर्ण होना। स० पूर्ण या परिपूर्ण करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजम :
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पुं०=उद्यम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजर :
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वि०=उजला। वि० उजाड़।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊजरा :
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वि०=उजला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |