शब्द का अर्थ
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ऊर्ध्व-बाहु :
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वि० [ब० स०] जिसकी भुजाएँ ऊपर की ओर उठी हों। पुं० एक प्रकार के तपस्वी जो सदा अपनी एक बाँह ऊपर उठाये रहते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऊर्ध्व-बाहु :
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वि० [ब० स०] जिसकी भुजाएँ ऊपर की ओर उठी हों। पुं० एक प्रकार के तपस्वी जो सदा अपनी एक बाँह ऊपर उठाये रहते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |