शब्द का अर्थ
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ओंकार :
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पुं० [सं० ओं+कार] १. ‘ओं’ शब्द जो परब्रह्म का वचाक है। २. सोहन चिड़ियाँ नामक पक्षी। ३. उक्त पक्षी पर जो शोभा के लिए टोपी, पगड़ी आदि में लगाया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओंकार-नाथ :
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पुं० [कर्म० स०] शिव के बारह लिंगों में से एक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओंकार :
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पुं० [सं० ओं+कार] १. ‘ओं’ शब्द जो परब्रह्म का वचाक है। २. सोहन चिड़ियाँ नामक पक्षी। ३. उक्त पक्षी पर जो शोभा के लिए टोपी, पगड़ी आदि में लगाया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओंकार-नाथ :
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पुं० [कर्म० स०] शिव के बारह लिंगों में से एक। |
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समानार्थी शब्द-
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