शब्द का अर्थ
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ओरंग :
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पु०=औरंग।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरंगोटंग :
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पुं० [मला० ओरंग=मनुष्य+ऊटन-वन] एक प्रकार का वनमानुष जो जावा, सुमात्रा, बोरनियो आदि द्वीपों में होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओर :
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स्त्री० [सं० अवार=किनारा] १. किसी वस्तु, स्थान अथवा किसी कल्पित बिन्दु आदि के दाहिने या बायें, ऊपर या नीचे का कोई निर्दिष्ट क्षेत्र या विस्तार। दिशा। तरफ। जैसे—इस ओर गंगा और उस ओर यमुना है। २. दो विभिन्न दलों, पक्षों, विचारधाराओं आदि में से कोई एक पक्ष। जैसे—आपको किसी की ओर तो होना ही पड़ेगा। मुहावरा—ओर निबाहना=अपने पक्ष या शरण में आये हुए व्यक्ति का पूरा-पूरा साथ देना और हर तरह से उसकी रक्षा तथा सहायता करना। पुं० १. छोर। सिरा। २. अंत। समाप्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरती :
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स्त्री०=ओलती।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरना :
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अ०, स०=ओराना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरमना :
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अ० [सं० अवलंबन] झूलना। लटकना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरमा :
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स्त्री० [हिं० ओरमना] कपड़े की आँवट या सिरे पर होनेवाली एक प्रकार की सिलाई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरमाना :
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स०=लटकाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरवना :
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अ० [हिं० ओरमना]=ओराना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरहना :
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पुं०=उलाहना। (पूरब)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरहरा :
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पुं०=होरहा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओराँव :
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पुं० [?] एक प्राचीन जाति जो चंपारन, पलामू ,राँची आदि के आस-पास रहती थी। स्त्री० उक्त जन-जाति की बोली या विभाषा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरा :
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पुं० ओला। उदाहरण—गरहिं गात जिमि आतप ओरे।—तुलसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओराना :
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अ० [हिं० ओरअंत+आना(प्रत्यय)] १. ओर या सिरे पर आना। २. समाप्ति के लगभग होना। ३. व्यय होते-होते समाप्त होना। खतम हो जाना। ४. पशुओं का गर्भकाल समाप्ति पर होना और प्रसव काल समीप आना। स० १. ओर या सिरे पर लाना। २. समाप्त करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओराहना :
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पुं०=उलाहना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरिया :
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स्त्री० [हिं० ओरसिरा] वह लकड़ी जो ताना तनते समय खूँटी के पास गाड़ी जाती है। स्त्री०=ओलती।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरी :
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स्त्री० [हिं० ओर=सिरा] छप्पर का वह किनारा या सिरा जहाँ से वर्षा का जल नीचे गिरता है। स्त्री०=ओर (तरफ)। उदाहरण—बंस बखान करै दोउ ओरी।—तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरौता :
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वि० [हिं० ओर+औता (प्रत्यय)] १. जिसका अंत या समाप्ति होने को हो। २. जो प्रायः अंत या समाप्ति के समय होता हो। अंतिम सिरे पर होनेवाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरौती :
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स्त्री०=ओलती (ओरी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओर्रा :
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पुं० [देश] एक प्रकार का बहुत बड़ा बाँस जिसकी ऊँचाई १२0 फुट तक होती है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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ओरंग :
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पु०=औरंग।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरंगोटंग :
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पुं० [मला० ओरंग=मनुष्य+ऊटन-वन] एक प्रकार का वनमानुष जो जावा, सुमात्रा, बोरनियो आदि द्वीपों में होता है। |
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समानार्थी शब्द-
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ओर :
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स्त्री० [सं० अवार=किनारा] १. किसी वस्तु, स्थान अथवा किसी कल्पित बिन्दु आदि के दाहिने या बायें, ऊपर या नीचे का कोई निर्दिष्ट क्षेत्र या विस्तार। दिशा। तरफ। जैसे—इस ओर गंगा और उस ओर यमुना है। २. दो विभिन्न दलों, पक्षों, विचारधाराओं आदि में से कोई एक पक्ष। जैसे—आपको किसी की ओर तो होना ही पड़ेगा। मुहावरा—ओर निबाहना=अपने पक्ष या शरण में आये हुए व्यक्ति का पूरा-पूरा साथ देना और हर तरह से उसकी रक्षा तथा सहायता करना। पुं० १. छोर। सिरा। २. अंत। समाप्ति। |
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ओरती :
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स्त्री०=ओलती।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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ओरना :
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अ०, स०=ओराना। |
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ओरमना :
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अ० [सं० अवलंबन] झूलना। लटकना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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ओरमा :
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स्त्री० [हिं० ओरमना] कपड़े की आँवट या सिरे पर होनेवाली एक प्रकार की सिलाई। |
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ओरमाना :
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स०=लटकाना। |
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ओरवना :
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अ० [हिं० ओरमना]=ओराना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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ओरहना :
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पुं०=उलाहना। (पूरब)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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ओरहरा :
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पुं०=होरहा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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ओराँव :
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पुं० [?] एक प्राचीन जाति जो चंपारन, पलामू ,राँची आदि के आस-पास रहती थी। स्त्री० उक्त जन-जाति की बोली या विभाषा। |
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ओरा :
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पुं० ओला। उदाहरण—गरहिं गात जिमि आतप ओरे।—तुलसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओराना :
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अ० [हिं० ओरअंत+आना(प्रत्यय)] १. ओर या सिरे पर आना। २. समाप्ति के लगभग होना। ३. व्यय होते-होते समाप्त होना। खतम हो जाना। ४. पशुओं का गर्भकाल समाप्ति पर होना और प्रसव काल समीप आना। स० १. ओर या सिरे पर लाना। २. समाप्त करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओराहना :
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पुं०=उलाहना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरिया :
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स्त्री० [हिं० ओरसिरा] वह लकड़ी जो ताना तनते समय खूँटी के पास गाड़ी जाती है। स्त्री०=ओलती।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरी :
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स्त्री० [हिं० ओर=सिरा] छप्पर का वह किनारा या सिरा जहाँ से वर्षा का जल नीचे गिरता है। स्त्री०=ओर (तरफ)। उदाहरण—बंस बखान करै दोउ ओरी।—तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरौता :
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वि० [हिं० ओर+औता (प्रत्यय)] १. जिसका अंत या समाप्ति होने को हो। २. जो प्रायः अंत या समाप्ति के समय होता हो। अंतिम सिरे पर होनेवाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओरौती :
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स्त्री०=ओलती (ओरी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओर्रा :
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पुं० [देश] एक प्रकार का बहुत बड़ा बाँस जिसकी ऊँचाई १२0 फुट तक होती है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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