शब्द का अर्थ
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क्षुधा :
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स्त्री० [सं० क्षुध्+टाप्] [वि० क्षुधित्, क्षुधालु] १. कुछ न खाने अथवा भूखे रहने के कारण होनेवाला वह कष्टप्रद संवेदन, जिसमें भोजन करने की उत्कट इच्छा होती है। भूख। २. किसी चीज या बात की विशेष अपेक्षा या आवश्यकता। ३. अतृप्ति। |
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क्षुधातुर :
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वि० [सं० क्षुधा-आतुर, तृ० त०] जो क्षुधा से व्याकुल हो। बहुत अधिक भूखा। |
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क्षुधा-नाश :
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पुं० [ष० त०] अमाशय में सूजन होने या उसके पेशियों के दुर्बल होने आदि के कारण भूख बिलकुल न लगना, जो रोग माना जाता है। (एनोरेक्सिया)। |
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क्षुधालु :
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वि० [सं०√क्षुध्+आलुच्] जिसे सदैव भूख लगी रहती हो। भुक्खड़। |
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क्षुधावंत :
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वि० [सं० क्षुधावान्] क्षुधा से पीड़ित। भूखा। |
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क्षुधावती :
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स्त्री० [सं० क्षुधा+मतुप्, वत्व, ङीप्] विशेष प्रकार से तैयार की हुई एक औषधि, जिसके खाने से भूख बढ़ती है। |
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