शब्द का अर्थ
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गंडांत :
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पुं० [सं० गंड-अंत, ष० त० ] ज्येष्ठा, अश्लेषा और रेवती के अंत में पाँच या तीन दंड तथा मूल, मघा और अश्विनी के अंत के तीन दंड। (ज्योतिष) |
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गंडा :
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पुं० [सं० गंडक=गाँठ] १. तागे, रस्सी आदि में लगाई जाने वाली गाँठ। २. दैविक उपद्रवों, बाधाओं आदि से रक्षित रहने के लिए कलाई या गरदन में लपेटकर बाँधा जानेवाला मंत्र-पूत डोरा या सूत। ३. पशुओं के गले में बाँधा जानेवाला पट्टा। पुं० [सं० गंड-चिह्र] आड़ी, गोल या गोलाकार धारी या रेखा। जैसे-कनखजूरे की पीठ पर का गंडा, तोते के गले का गंडा। पुं. [?] चीजें गिनने में चार का समूह। जैसे–दो गंडे पैसे या चार गंडे आम। |
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गंडारि :
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स्त्री० [गंड-अरि, ष० त०] कचनार। |
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गंडाली :
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स्त्री० [सं० गंड√अल् (भूषित करना)+अण्-ङीप्] गाँडर घास। |
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गँडासा :
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पुं० [हिं० गंड+आसा (प्रत्यय)] हँसिये की तरह का घास काटने का एक औजार। |
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