शब्द का अर्थ
|
गुस्सा :
|
पुं० [अ०] १. किसी के द्वारा कोई अनुचित कार्य, विरोध या हानि होने पर मन में होनेवाली वह उग्र भावना जिसमें उस वस्तु या व्यक्ति को तोड़ने-फोड़ने, मारने-पीटने या उसकी किसी प्रकार की हानि करने की इच्छा होती है। क्रोध। विशेष–इसमें मनुष्य स्वयं अपने पर नियंत्रण खो बैठता है और कभी-कभी अपनी हानि भी कर बैठता है। मुहावरा–(किसी पर) गुस्सा उतारना किसी को अपने क्रोध की प्रतिक्रिया या पात्र बनाना। (किसी पर) गुस्सा चढ़ना किसी पर क्रोध आना। गुस्सा निकालना क्रुद्र होने पर हानि करनेवाले की हानि करना। गुस्सा पीना=गुस्सा आने पर भी किसी से कुछ न कहना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|