शब्द का अर्थ
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गोलक :
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पुं० [सं० गोल+कन् वा√गुड्+ण्वुल्-अक,डस्य.लः] १. किसी प्रकार का गोल पिंड या डला। २. विधवा स्त्री की वह संतान जो उसके जार या यार से उत्पन्न हो। ३. मिट्टी का बहुत बड़ा घड़ा। कुंडा। ४. फूलों का निकाला हुआ सुंगधित सार भाग। ५. आँख का डेला। ६. आँख की पुतली। ७. वह थैली या सन्दूक जिसमें किसी विशेष कार्य के लिए धन संग्रह किया जाए। गुल्लक। ८. वह थैली या सन्दूक जिसमें दूकानदार रोज की ब्रिकी के रुपए-पैसे रखते हैं। ९. गुंबज या उसके आकार की कोई गोल रचना। उदाहरण–गिर रहा निस्तेज गोलक जलधि में असहाय।–प्रसाद। १॰. दे० गो-लोक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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