शब्द का अर्थ
|
ग्रास :
|
पुं० [सं० Öग्रस्+घञ्] १. ग्रसने अर्थात् बुरी तरह से पकड़ने या दबाने की क्रिया या भाव। २.चं द्रमा या सूर्य को लगनेवाले ग्रहण की स्थिति जो उसके ग्रस्त अंश के विचार से कही जाती है। जैसे–खग्रास,सर्व-ग्रास। ३. उतना भोजन जितना एक बार मुँह में डाला जाय। कौर। निवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ग्रासक :
|
वि० [सं० Öग्रस्+ण्वुल्-अक] १. ग्रस्त करने या बुरी तरह से पकड़नेवाला। २. ग्रास के रूप में खाने या मुँह में रखनेवाला। ३. भक्षक। ४. छिपाने या दबाने वाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ग्रासना :
|
पुं० [सं०ग्रास] १. ग्रस्त करना। बुरी तरह से पकडना। २. निगलना। ३. कष्ट पहुँचाना। पीड़ित करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |