शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					चंचु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√चंच्+उन्] १. चेंच नाम का साग। २. रेंड़ का पेड़। ३. हिरन। स्त्री० १. पक्षियों की चोंच। २. किसी चीज के आगे का नुकीला भाग। (बीक)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंचुका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० चंचु+कन्-टाप्] चोंच।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंचु-पत्र					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] चेंच नाम का साग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंचु-पुट					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त०] पक्षियों की चोंच।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंचु-प्रवेश					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] किसी चीज या बात में होनेवाला बहुत थोड़ा ज्ञान, प्रवेश या सम्पर्क।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंचुभृत्					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० चंचु√भू (भरना)+क्विप्, उप० स०] चिड़िया पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंचुमान्(मत)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० चंचु+मतुप] पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंचुर					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√चंच्+उरच्] दक्ष। निपुण। पुं० चेंच नाम का साग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चंचुल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० चंचुर, र को ल] हरिवंश के अनुसार विश्वामित्र के एक पुत्र का नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |