शब्द का अर्थ
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					चंपा					 :
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					पुं० [सं० चंप+टाप्, प्रा० चंपअ, चंपय, गु० चाँपु, पि० चंबा, म० चाँफा] [वि० चंपई] १. एक प्रकार का वृक्ष जिसमें उग्र गंधवाले पीले लंबोतरे फल लगते हैं। २. उक्त वृक्ष का फूल। ३. बंगाल में होनेवाला एक प्रकार का केला। ४. एक प्रकार का घोड़ा। ५. एक प्रकार का रेशम का कीडा। ६. एक प्रकार का बहुत बड़ा सदाबहार पेड़ जो दक्षिण भारत में अधिकता से होता है। इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती और इमारत के काम के सिवा गाड़ी, पालकी नाव आदि बनाने के काम में भी आती है। इसे ‘सुलताना चंपा’ भी कहते हैं। स्त्री० अंग देश की पुरानी राजधानी का नाम।				 | 
			
			
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					चंपाकली					 :
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					स्त्री० [हिं० चंपा+कली] गले में पहनने का एक आभूषण जिसमें चंपा की कली के आकार के सोने के टुकड़े रेशम के डोरे में पिरोये हुए रहते हैं।				 | 
			
			
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					चंपापुरी					 :
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					स्त्री० [सं० मध्य० स०] अंग देश की पुरानी राजधानी, चंपा। कर्णपुरी।				 | 
			
			
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					चंपारण्य					 :
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					पुं० [सं० चंपा-अरण्य, मध्य० स०] प्राचीन काल का एक जंगल जो उस स्थान पर था जिसे आज-कल चंपारन कहते हैं।				 | 
			
			
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					चंपावती					 :
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					स्त्री० [सं० चंपा+मतुप् वत्व, ङीष्, दीर्घ] चंपा नगरी।				 | 
			
			
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