शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					चतरंग					 :
				 | 
				
					पुं०=चतुरंग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चतर					 :
				 | 
				
					वि०=चतुर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=छत्र।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चतरना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छितराना] छितराया जाना। स० छितराना। स० =चितरना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चतरभंग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छत्र-भंग] १. बैल के डिल्ले का मांस एक ओर लटक जाने की अवस्था, भाव या दोष। २. दे० ‘छत्र-भंग’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					चतरभाँगा					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० चतरभंग] (बैल) जिसके डिल्ले का मांस एक ओर लटक गया हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |