शब्द का अर्थ
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					चाक्रिक					 :
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					पुं० [सं० चक्र+ठक्–इक] १. दूसरों की स्तुति गानेवाला। चारण। भाट। २. वह जो किसी प्रकार का चक्र चलाकर जीविका निर्वाह करता हो। जैसे–कुम्हार, गाड़ीवान, तेली आदि। ३. सहचर। साथी। वि० १. चक्र के आकार का। गोलाकार। २. चक्र संबंधी। ३. किसी चक्र या मंडली में रहने या होनेवाला।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
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					चाक्रिका					 :
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					स्त्री० [सं० चाक्रिक+टाप्] एक प्रकार का पौधा और उसका फूल।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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