शब्द का अर्थ
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					चीरा-बंद					 :
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					पुं० [हिं० चीरा=पगड़ी+फा० बंद] वह कारीगर जो लोगों के लिए चीरे बाँधकर तैयार करता हो। वि० (कुमारी या बालिका) जिसके साथ अभी तक किसी पुरुष ने संभोग या समागम न किया हो। (बाजारू)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					चीरा-बंदी					 :
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					स्त्री० [हिं० चीरा=पगड़ी का कपड़ा+फा० बंदी] १. चीरा (पगड़ी) बनाने या बाँधने की क्रिया या भाव। २. एक प्रकार की बुनावट जो पगड़ी बनाने के लिए ताश के कपड़े पर कारचोबी के साथ की जाती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |