शब्द का अर्थ
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जनांत :
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पुं० [जन-अंत] १. वह स्थान जहाँ मनुष्य न रहते हों। २. वह प्रदेश जिसकी सीमा निश्चित हो। ३. यम। वि० मनुष्यों का अंत या नाश करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
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जनांतिक :
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पु० [जन-अंतिक, ष० त०] नाटक में ऐसी सांकेतिक बात-चीत जिसका आशय औरों की समझ में न आता हो। |
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जना :
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स्त्री० [सं०√जन्+णिच्+अ-टाप्] १. उत्पत्ति। पैदाइश। २. माहिष्मती के राजा नीलध्वज की स्त्री। पुं०=जन (आदमी)। |
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जनाई :
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स्त्री० [हिं० जनना] १. जनाने अर्थात् प्रसव कराने की क्रिया, भाव या मजदूरी। २. प्रसव में सहायक होनेवाली दाई। स्त्री० [हिं० जनाना-जतलाना] किसी बात का परिचय या परिज्ञान कराने की क्रिया या भाव। |
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जनाउ :
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पुं०=जनाव।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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जनाकीर्ण :
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वि० [जन-आकीर्ण, तृ० त० ] १. (प्रदेश) जिसमें बहुत अधिक व्यक्ति बसे हुए हों। घनी बस्तीवाला। २. (स्थान) जो मनुष्यों से भरा हुआ हो। |
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जनाचार :
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पुं० [जन-आचार, ष० त०] लोकाचार। |
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जनाजा :
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पुं० [अ.जनाजः] १. शव। २. अरथी या वह संदूक जिसमें मुसलमान लोग शव रखकर कब्रिस्तान ले जाते हैं। |
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जनाती :
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पुं० [हिं० बराती का अनु०?] विवाह के अवसर पर कन्या-पक्ष के लोग। घराती। |
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जनाधिनाथ :
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पुं० [जन-अधिनाथ, ष० त०] जनाधिप। |
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जनाधिप :
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पुं० [जन-अधिप,ष० त०] १. राजा। २. विष्णु। |
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जनानखाना :
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पुं० [फा० जनान खानः] घर या महल का वह भीतरी भाग जिसमें औरतें या रानियाँ रहती हैं। |
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जनाना :
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स० [सं० ज्ञापय, जानाय, प्रा० जाणवेइ] किसी घटना, चीज या बात की जानकारी किसी को कराना। अवगत कराना। स० [सं० जनन, हिं० जनना] प्रसवकाल में गर्भिणी की सहायता करना। प्रसव कराना। वि० [फा० जनानः] [स्त्री० जनानी, भाव० जनानापन] १. स्त्रियों का सा आचरण अथवा उन जैसे हाव-भाव दिखलानेवाला (व्यक्ति)। २. स्त्रियों का सा। ३. केवल स्त्रियों में चलने या होनेवाला। जैसे–जनानी धोती। पुं० १. हीजड़ा। नपुंसक। २. अंतःपुर। स्त्री० पत्नी। जोरू। |
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जनानापन :
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पुं० [फा० जनानः+हिं० पन (प्रत्य०)] स्त्री होने की अवस्था, गुण या भाव। स्त्रीत्व। |
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जनानी :
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स्त्री० [हिं० जनाना] १. स्त्री। २. पत्नी। जोरू। |
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जनाब :
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पुं० [अ०] महाशय। महोदय। |
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जनाब-आली :
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पुं० [अ०] मान्य महोदय। |
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जनाबा :
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स्त्री० [अ०] श्रीमती। |
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जनारदन :
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पुं० [सं० जनार्दन] विष्णु। |
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जनार्दन :
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पुं० [सं० जन√अर्द् (पीड़ित करना)+णिच्+ल्यु–अन] विष्णु। |
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जनाव :
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पुं० [हिं० जनाना=जतलाना] जनाने अर्थात् जानकारी कराने की क्रिया या भाव। पुं० [हिं० जनाना=प्रसव कराना] प्रसव करने या कराने की क्रिया या भाव। |
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जनावर :
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पुं०=जानवर। |
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जनाशन :
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वि० [सं० जन√अश् (खाना)+ल्यु–अन] मनुष्यों को भक्षण करनेवाला। पुं० भेड़िया। |
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जनाश्रम :
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पुं० [जन-आश्रम, ष० त०] वह आश्रय या स्थान जिसमें मनुष्य जाकर कुछ समय के लिए रहते हों। जैसे–धर्मशाला, सराय आदि। |
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जनाश्रय :
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पुं० [जन-आश्रय, ष० त०] १. घर। मकान। २. धर्मशाला। ३. सराय। ४. किसी विशेष कार्य के लिए बनाया हुआ मंडप। |
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