शब्द का अर्थ
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टंकना :
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अ० [हिं० टाँकना का अ० रूप] १. टाँका जाना। २. कपड़े आदि के टुकड़ों के जोड़ पर सूई-धागे से टाँका लगाया जाना। ३. टाँका लगने के कारण कपड़े के एक टुकड़े का दूसरे टुकड़े के साथ अथवा किसी चीज का कपडे़ पर अटकाया जाना। जैसे–साड़ी में बेल या कमीज में बटन टंकना। ४. धातु खंडो या पात्रों का टाँके के योग से जोड़ा जाना। ५. टाँकी आदि के द्वारा चक्की, सिल आदि का रेहा जाना। ६. स्मरण रखने के लिए संक्षिप्त रूप में कहीं लिखा जाना। जैसे–खाते में रकम टँकना। ७. अनुचित रूप से हड़प लिया जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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