शब्द का अर्थ
|
ठमक :
|
स्त्री० [हिं० ठमकना] १. ठमकने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. दे० ‘ठुमक’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठमकना :
|
अ० [सं० स्तम्भ, हिं० थम+करना] १. चलते-चलते सहसा कुछ रुकना। ठिठकना। (प्रायः आशंका, भय आदि के कारण अथवा हाव-भाव दिखलाने के लिए) २. दे० ठुमकना। अ० [अनु०] किसी चीज में से ठम-ठम शब्द निकलना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठमकाना :
|
स० [हिं० ठमकना] १. कोई ऐसी बात कहना जिससे किसी के मन में शंका या संदेह उत्पन्न हो जाय और वह चलता-चलता या कोई काम करता करता रुक जाय। २. ठसक दिखलाते हुए अंगों का संचालन करना। ३. ठम-ठम शब्द उत्पन्न करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठमकारना :
|
स०=ठमकाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |