शब्द का अर्थ
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ठिठक :
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स्त्री० [हिं० ठिठकना] १. ठिठकने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. संकोच। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठिठकना :
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अ० [सं० स्थित+करण] १. आशंका, भय आदि की कोई बात देखकर चलते-चलते एक बारगी ठहर या रुक जाना। संकोच-वश या सहमकर आगे बढ़ने या कोई काम करने से रुकना। जैसे–शेर की गन्ध आते ही घोड़ा ठिठक गया। २. चकित या स्तम्भित होकर रुकना। ठक रह जाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठिठकान :
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स्त्री०=ठिठक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |