शब्द का अर्थ
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ठौर :
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पुं० [सं० स्थान, प्रा० ठान, हिं० ठाँव+र (प्रत्यय)] १. जगह। स्थान। पद–ठौर-कुठौर=अच्छी और बुरी जगह। उचित तथा अनुचित स्थान। मुहावरा–ठौर न आना=किसी ठिकाने पर न पहुँचना या न लगना। (किसी को) ठौर रखना=जिस स्थान पर कोई हो उसे वहीं ढेर कर देना। अर्थात् मार डालना। ठौर रहना=कहीं पड़े रहना। २. अवसर। मौका। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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