शब्द का अर्थ
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तुवर :
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वि० [सं०√तु (नष्ट करना)+ष्वरच्] १. कसैला। २. जिसे दाढ़ी और मूँछ न हो। पुं० १.कषाय रस। कसैला स्वाद। २. जलाशयों के किनारे होनेवाला एक पेड़ जिसके बीज खाने से मादा पशुओं का दूध बढ़ता है। ३. अरहर। |
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तुवर-यावनाल :
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पुं० [सं० कर्म० स०] लाल जोंधरी या ज्वार। |
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तुवरिका :
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स्त्री० [सं० तुवर+ठन्-इक, टाप्] १. गोपीचंदन। २. अरहर। |
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तुवरी :
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स्त्री० [सं० तुवर+ङीष्] १. तुवरिका। (दे०) २. वैद्यक में एक तरह का तैल जो रक्त, विकार दूर करने तथा चर्म रोगों का नाशक माना जाता है। |
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तुवरीशिंब :
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पुं० [सं० ब० स०] चँकवड़ का पेड़। पवाँर। |
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तुवरी :
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स्त्री० [सं० तूवर+ङीष्] १. अरहर। २. गोपी चंदन। |
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