शब्द का अर्थ
|
देशज :
|
वि० [सं० देश√जन् (उत्पत्ति)+ड] (शब्द) जो देश में ही उपजा या बना हो। जो न तो विदेशी हो और न किसी दूसरी भाषा के शब्द से बना हो। पुं० ऐसा शब्द जो न संस्कृत हो, न संस्कृत का अपभ्रंश हो और न किसी दूसरी भाषा के शब्द से बना हो, बल्कि किसी प्रदेश के लोगों ने बोल-चाल में जों ही बना लिया हो। विशेष—यह शब्दों के तीन प्रकारों या विभागों में से एक है। शेष दो विभाग तत्सम और तद्भव है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
देशज्ञ :
|
पुं० [सं० देश√ज्ञा (जानना)+क] किसी देश की दशा, रीति, नीति आदि सब बातें जाननेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|