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परिपणित  : भू० कृ० [सं० परि√पण्+क्त] १. (कार्य या बात) जिस पर शर्त लगी या लगाई गई हो। २. (धन) जो बाजी या शर्त में लगाया गया हो। ३. (बात) जिसके संबंध में वादा किया गया हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपणित-काल-संधि  : स्त्री० [सं० काल-संधि, ष० त० परिपणित-काल संधि, कर्म० स०] प्राचीन भारत में मित्र देशों में होनेवाली एक तरह की संधि, जिसमें यह नियत किया जाता था कि कितने-कितने समय तक कौन-कौन सदस्य लड़ेगा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपणित-देश-संधि  : स्त्री० [सं० देश-संधि, ष० त०, परिपणित-देशसंधि, कर्म० स०] प्राचीन भारत में मित्र देशों में होनेवाली वह संधि, जिसमें यह नियत होता था कि कौन किस देश पर आक्रमण करेगा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपणित-संधि  : स्त्री० [सं० कर्म० स०] वह संधि जिसमें कुछ शर्तें स्वीकार की गई हों।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
परिपणितार्थ-संधि  : स्त्री० [सं० अर्थ-संधि, ष० त० परिपणितअर्थसंधि, कर्म० स०] ऐसी संधि जिसके अनुसार किसी को पूर्व निश्चय के अनुसार कुछ काम करना पड़ता हो।
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परिपणित  : भू० कृ० [सं० परि√पण्+क्त] १. (कार्य या बात) जिस पर शर्त लगी या लगाई गई हो। २. (धन) जो बाजी या शर्त में लगाया गया हो। ३. (बात) जिसके संबंध में वादा किया गया हो।
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परिपणित-काल-संधि  : स्त्री० [सं० काल-संधि, ष० त० परिपणित-काल संधि, कर्म० स०] प्राचीन भारत में मित्र देशों में होनेवाली एक तरह की संधि, जिसमें यह नियत किया जाता था कि कितने-कितने समय तक कौन-कौन सदस्य लड़ेगा।
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परिपणित-देश-संधि  : स्त्री० [सं० देश-संधि, ष० त०, परिपणित-देशसंधि, कर्म० स०] प्राचीन भारत में मित्र देशों में होनेवाली वह संधि, जिसमें यह नियत होता था कि कौन किस देश पर आक्रमण करेगा।
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परिपणित-संधि  : स्त्री० [सं० कर्म० स०] वह संधि जिसमें कुछ शर्तें स्वीकार की गई हों।
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परिपणितार्थ-संधि  : स्त्री० [सं० अर्थ-संधि, ष० त० परिपणितअर्थसंधि, कर्म० स०] ऐसी संधि जिसके अनुसार किसी को पूर्व निश्चय के अनुसार कुछ काम करना पड़ता हो।
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