शब्द का अर्थ
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पर्प :
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पुं० [सं० पृ०+प] १. हरी घास। २. वह पहियेदार छोटी गाड़ी जिस पर पगुओं को बैठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं। ३. घर। मकान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्पट :
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पुं० [सं०√पर्प् (गति)+अटन्] १. पित-पापड़ा। २. दाल आदि का बना हुआ पापड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्पट-द्रुम :
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पुं० [सं० उपमि० स०] कुंभी वृक्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्पटी :
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स्त्री० [सं० पर्पट+ङीष्] १. सौराष्ट्र आदि प्रदेशों में होनेवाली एक तरह की मिट्टी जो सुगंधित होती है। २. उक्त मिट्टी में से निकलनेवाली गंध। ३. गंध। महक। ४. पानड़ी। ५. पापड़ी। ६. वैद्यक की स्वर्ण-पर्पटी नाम की रसौषधि। स्त्री०=कनपटी। उदा०—माथे पर और पर्पटी पर मल दिया।—अज्ञेय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्परी :
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स्त्री० [सं० पर्प√रा (देना)+क+ङीष्] स्त्रियों की कवरी। जूड़ा। स्त्री० [सं० पर्पट] १. पापड़ के छोटे छोटे टुकड़े। २. कचरी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्परीक :
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पुं० [सं०√पृ+ईकन्, द्वित्व, रुक्] १. सूर्य। २. अग्नि। ३. जलाशय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्परीण :
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पुं० [सं०√पृ+यङ्, लुक्,+इनन्] पत्ते की नस। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्पिक :
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पुं० [सं० पर्प+ठन्—इक] पर्प में बैठनेवाला पंगु व्यक्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्प :
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पुं० [सं० पृ०+प] १. हरी घास। २. वह पहियेदार छोटी गाड़ी जिस पर पगुओं को बैठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं। ३. घर। मकान। |
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समानार्थी शब्द-
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पर्पट :
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पुं० [सं०√पर्प् (गति)+अटन्] १. पित-पापड़ा। २. दाल आदि का बना हुआ पापड़। |
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पर्पट-द्रुम :
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पुं० [सं० उपमि० स०] कुंभी वृक्ष। |
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पर्पटी :
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स्त्री० [सं० पर्पट+ङीष्] १. सौराष्ट्र आदि प्रदेशों में होनेवाली एक तरह की मिट्टी जो सुगंधित होती है। २. उक्त मिट्टी में से निकलनेवाली गंध। ३. गंध। महक। ४. पानड़ी। ५. पापड़ी। ६. वैद्यक की स्वर्ण-पर्पटी नाम की रसौषधि। स्त्री०=कनपटी। उदा०—माथे पर और पर्पटी पर मल दिया।—अज्ञेय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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पर्परी :
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स्त्री० [सं० पर्प√रा (देना)+क+ङीष्] स्त्रियों की कवरी। जूड़ा। स्त्री० [सं० पर्पट] १. पापड़ के छोटे छोटे टुकड़े। २. कचरी। |
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समानार्थी शब्द-
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पर्परीक :
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पुं० [सं०√पृ+ईकन्, द्वित्व, रुक्] १. सूर्य। २. अग्नि। ३. जलाशय। |
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पर्परीण :
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पुं० [सं०√पृ+यङ्, लुक्,+इनन्] पत्ते की नस। |
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पर्पिक :
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पुं० [सं० पर्प+ठन्—इक] पर्प में बैठनेवाला पंगु व्यक्ति। |
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